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टेंडर के खेल में फंसी झारखंड में साइकिल बांटने की योजना, पिछले 2 साल से नहीं मिला विद्यार्थियों का लाभ

राज्य में पिछले दो शैक्षणिक सत्र के विद्यार्थियों को अब तक साइकिल नहीं मिली है. छह लाख विद्यार्थियों में से तीन लाख 10वीं में और शेष कक्षा नौवीं में पहुंच गये हैं. कक्षा आठ में झारखंड के सरकारी स्कूलों में पढ़नेवाले विद्यार्थियों को साइकिल बांटी जाती है.

रांची : झारखंड में बीते 2 साल से छात्रों को साइकल नहीं मिली है. जबकि कक्षा 8 में पढ़ने वाले विद्यार्थियों में से 6 लाख विद्यार्थी अभी क्लास और 10 में पहुंच चुके हैं. नियामानुसार कक्षा 8 तक के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को ही इसका लाभ दिया जाता है. पर, शैक्षणिक सत्र 2020-21 व 2021-22 के छात्रों को साइकिल नहीं मिल सकी है. अब वर्ष 2022-23 के विद्यार्थियों को भी साइकिल देने का समय आ गया है

राज्य में कक्षा आठ में पढ़नेवाले एसटी-एससी, ओबीसी और अल्पसंख्यक छात्रों को साइकिल देने का प्रावधान है. लेकिन, वर्ष 2020 से ही कल्याण विभाग द्वारा संचालित योजना के तहत सरकारी स्कूलों में छात्र-छात्राओं के बीच साइकिल वितरण नहीं हुआ है. इधर, लगभग तीन लाख छात्र कक्षा सातवीं पास कर आठवीं में पहुंच कर साइकिल लेने के हकदार हो गये हैं.

कल्याण विभाग ने साइकिल वितरण के लिए बजट में प्रत्येक वित्तीय वर्ष के लिए 122 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. तीन वित्तीय वर्षों में 366 करोड़ रुपये का लाभ सरकारी स्कूल में पढ़नेवाले लगभग नौ लाख विद्यार्थियों पर बकाया हो गया है.

वर्ष 2020 में कोविड-19 संक्रमण की आशंका से स्कूल बंद होने की वजह से करीब तीन लाख बच्चों के साइकिल खरीदने की राशि उसके बैंक खाते में डीबीटी नहीं की गयी. वर्ष 2021 में कक्षा आठ के साथ कक्षा नौ में प्रमोट हो चुके करीब छह लाख छात्रों को साइकिल वितरण करने की योजना बनायी गयी.

साथ ही सरकार ने तय किया कि बच्चों को साइकिल की कीमत डीबीटी के माध्यम से उनके बैंक खाते में नहीं दी जायेगी. कल्याण विभाग द्वारा साइकिल का टेंडर निकाल कर साइकिल खरीद कर विद्यार्थियों के बीच बांटी जायेगी. लेकिन, साइकिल खरीद के लिए टेंडर आज तक फाइनल नहीं हो सका. इसके बाद कल्याण विभाग ने डीबीटी के माध्यम से बच्चों के खाते में साइकिल की राशि देने का प्रस्ताव बनाया.

अब सूचना है कि राज्य सरकार साइकिल की राशि बच्चों के खातों में डीबीटी करने का प्रस्ताव नामंजूर कर चुकी है. अब एक बार फिर से साइकिलों की खरीद के लिए टेंडर करने की तैयारी की जा रही है.

  • प्रतिवर्ष लगभग तीन लाख विद्यार्थियों को राज्य में दी जाती है साइकिल

  • कक्षा आठवीं में विद्यार्थियों काे राज्य सरकार की ओर से दी जाती है साइकिल

  • साइकिल वितरण के लिए बजट में हर वर्ष 122 करोड़ का किया गया है प्रावधान

टेंडर में तकनीकी गड़बड़ी के कारण साइकिल वितरण नहीं किया जा सका है. अब विसंगति दूर कर ली गयी है. जल्द ही बच्चों के बीच साइकिल वितरित की जायेगी.

चंपई सोरेन, मंत्री, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग

Posted By: Sameer Oraon

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