Dhanbad News: धनबाद के गोविंदपुर थाना क्षेत्र के गहिरा मोड़ के पास जीटी रोड पर बुधवार शाम सड़क दुर्घटना में एक महिला और उसके चार साल के बेटे की मौत हो गयी. कार में सवार अन्य पांच लोग गंभीर रूप से घायल हो गये. गोविंदपुर पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से सभी को सरायढेला स्थित एसएनएमएमसीएच भेजा. वहां जांच के बाद डॉक्टरों ने गोविंदपुर की रतनपुर पंचायत के कापासाड़ा गांव (जीरामुड़ी) निवासी राजीव मंडल की पत्नी शर्मिला मंडल (30) और उसके चार वर्षीय पुत्र आरव मंडल को मृत घोषित कर दिया. घायलों को निजी अस्पताल रेफर किया गया है.
बताया जाता है कि राजीव मंडल, उनकी पत्नी शर्मिला मंडल, पुत्र आरव मंडल और कुसमाटांड़ निवासी विजेंद्र गोस्वामी, उनकी पत्नी सुनीता गोस्वामी, पुत्री अर्चना गोस्वामी व एक अन्य व्यक्ति मैथन में पिकनिक मनाकर बुधवार शाम कार से घर लौट रहे थे. गहिरा मोड़ के समीप उनकी कार तेल टैंकर में पीछे से टकरा गयी. स्थानीय लोगों के अनुसार टक्कर इतनी जोरदार थी कि कार के सामने का हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया. दुर्घटना में घायल सभी लोगों को गोविंदपुर थाना प्रभारी उमेश प्रसाद सिंह व एएसआइ विजय श्रीवास्तव लेकर धनबाद पहुंचे थे. सरायढेला इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार सिंह भी एसएनएमएमसीएच पहुंचे और घायलों को दूसरे अस्पताल भेजने में सहयोग किया.
राजीव मंडल की पत्नी शर्मिला मंडल और उनका पुत्र आरव मंडल
दुकानदार राजीव मंडल, विजेंद्र गोस्वामी, उनकी पत्नी सुनीता गोस्वामी, पुत्री अर्चना गोस्वामी व एक अन्य
लोगों के अनुसार घटना के दौरान राजीव मंडल खुद कार चला रहा था. बगल की सीट पर पत्नी शर्मिला मंडल व पुत्र आरव मंडल बैठे थे. कार की गति काफी ज्यादा थी. ओवरटेक करने के दौरान राजीव ने टैंकर में पीछे से टक्कर मार दी. घायल राजीव को दुर्गापुर रेफर किया गया है.
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निर्धारित गति से अधिक एवं नशे या नींद की हालत में वाहन चलाना, चकाचौंध वाली तथा अनधिकृत लाइटों का प्रयोग, समय-समय पर आंखों का परीक्षण नहीं कराना, दोपहिया वाहनों पर दो से अधिक सवारी का बैठना, रात में डिपर का प्रयोग नहीं करना, वाहन मोड़ते व रोकते समय स्पष्ट संकेत नहीं देना, वाहन खड़ा करते समय पार्किंग का ध्यान नहीं रखना, वाहन खराब होने पर उसे बीच में ही छोड़ देना, सीट पर क्षमता से अधिक सवारी बैठाना, कोहरा होने पर फॉग लाइट का प्रयोग नहीं करना.
हाइवे पर वाहनों की रफ्तार पर लगाम कसने के लिए स्पीड रडार लगाना है. रडार इंटरसेप्टर के अंदर फिट होते हैं. अगर ये लग जायें, ताे तेज रफ्तार से चलने वाले वाहन चालकों पर शिकंजा कस जायेगा.
नेशनल हाइवे पर सीसीटीवी कैमरे लगाये जाने हैं. जहां सड़क का विस्तार कर उसे सिक्स लेन किया जा चुका है, वहां सीसीटीवी कैमरे लगने हैं. इसकी कमी खलती है.
किसी भी सड़क पर ऐसी कोई जगह, जहां बार-बार दुर्घटना होती है, उसे ब्लैक स्पॉट का नाम दिया जाता है. इसके लिए सरकार की तरफ से एक क्राइटेरिया बनायी गयी है. जैसे किसी हाइवे या एक्सप्रेसवे पर किसी जगह तीन साल में पांच हादसे होने पर या किसी स्थान पर तीन साल में दस मौत होने पर उस जगह को (500 मीटर एरिया के दायरे में) ब्लैक स्पॉट घोषित कर दिया जाता है.