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झारखंड : धनबाद के बस्ताकोला कोल डंपिंग क्षेत्र में दो गुटों में भिडंत, फायरिंग के साथ पथराव में 6 लोग घायल

धनबाद के बस्ताकोला कोल डंपिंग क्षेत्र में ट्रक लोडिंग में वर्चस्व को लेकर संयुक्त मोर्चा और जनता श्रमिक संघ के समर्थक आपस में भिड़ गये. इस दौरान कई राउंड फायरिंग की भी खबर है. वहीं, दोनों ओर से जमकर पथराव भी हुआ. इस पथराव में आधा दर्जन लोग घायल हो गये. पुलिस मौके पर कैंप किये हुए है.

Jharkhand News: धनबाद के बस्ताकोला कोल डंपिंग क्षेत्र में ट्रक लोडिंग में वर्चस्व को लेकर बुधवार को संयुक्त मोर्चा और जनता श्रमिक संघ के समर्थकों के बीच भिड़ंत हो गई. दोनों ओर से जमकर मारपीट और पत्थरबाजी होने लगी. इस दौरान आधा दर्जन लोग घायल हो गए. भिड़ंत के दौरान कोल डंप में दो दर्जन राउंड से अधिक फायरिंग भी हुई. हालांकि, बाद में धनबाद पुलिस ने कड़ी सुरक्षा के बीच तीन ट्रक लोडिंग का कार्य संपन्न कराया. इस घटना के बाद से लोडिंग प्वाइंट पर दहशत का माहौल बना हुआ है.

संयुक्त मोर्चा और जनता श्रमिक संघ के समर्थक मजदूरों के बीच भिड़ंत

बता दें कि बस्ताकोला डंप में ट्रक लोडिंग के लिए बस्ताकोला प्रबंधन ने बुधवार से 12 ट्रक का अलॉटमेंट किया था. जिसमें लोडिंग प्वाइंट पर तीन ट्रक पहुंची थी. बुधवार की सुबह से ही संयुक्त मोर्चा के सैकड़ों असंगठित मजदूर कोल डंप में जुटने लगे थे. विधि व्यवस्था को लेकर सीआईएसएफ और पुलिस भी कोल डंप पर मौजूद थी. तीन ट्रक को संयुक्त मोर्चा के मजदूर लोडिंग करने लगे. तभी वहां जनता श्रमिक संघ के समर्थक मजदूर अपना हक मांगते हुए ट्रक लोडिंग का कार्य रोक दिया. देखते ही देखते दोनों और से भिड़ंत हो गई. इससे अफरा-तफरी का माहौल बन गया. दोनों ओर से जमकर पथराव होने लगी. इस दौरान दो दर्जन से अधिक गोली चली.

पुलिस की निगरानी में हो रहा कोल लोडिंग कार्य

सूचना पाकर धनबाद डीएसपी अरविंद कुमार सहित झरिया थाना, बैंक मोड़ थाना, धनसर थाना, बोरागढ़ ओपी सहित धनबाद से अतिरिक्त पुलिस बल मंगाया गया था. पुलिस की निगरानी के बाद तीन ट्रक में कोयला लोडिंग का कार्य कराया गया. घटना के बाद सीआईएसएफ और पुलिस ड्रोन उड़ा कर क्षेत्र की गतिविधि पर नजर बनाए रखें. डीएसपी अरविंद कुमार ने धनसर पुलिस को शांतिपूर्ण तरीके से लोडिंग कराने का निर्देश दिया है. घटना के बाद कोलडंप में अभी भी तनाव बना हुआ है. इधर, जनता श्रमिक संघ को दरकिनार कर काम शुरू करने पर जनता श्रमिक संघ समर्थकों ने राजापुर एवं बस्ताकोला आउटसोर्सिंग का उत्पादन देर शाम तक ठप रखा. आक्रोशित समर्थकों का आरोप था कि प्रबंधन पक्षपात कर रहा है.

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बस्ताकोला कोलियरी प्रबंधन और जिला प्रशासन पर फोड़ा ठीकरा

इधर, इस घटना का ठीकरा जनता श्रमिक संघ की संयुक्त महामंत्री रागिनी सिंह ने बस्ताकोला कोलियरी प्रबंधन और जिला प्रशासन पर फोड़ा है. साथ ही जिला प्रशासन और प्रबंधन पर सत्ता पक्ष के दबाव में काम करने का आरोप लगाया है. कहा कि बस्ताकोला कोलियरी प्रबंधन की चूक की वजह से परियोजना लोडिंग प्वाइंट पर टकराव की घटना घटी. कोलियरी प्रबंधन ने अपने सीनियर पदाधिकारियों को अंधकार में रखा. पदाधिकारियों को बताया गया कि सभी यूनियन के बीच सहमति बन गई है जबकि जनता श्रमिक संघ को संयुक्त मोर्चा से अलग रखा गया. वार्ता में प्रबंधन ने कभी नहीं बुलाया जबकि स्थानीय लोग जनता श्रमिक संघ के पैड पर रोजगार की मांग की थी. बावजूद बस्ताकोला कोलियरी प्रबंधन जनता श्रमिक संघ को वार्ता में बुलाना मुनासिब नहीं समझा. कहा कि जनता श्रमिक संघ के समर्थक काफी आक्रोशित थे. किसी तरह समझा कर वापस बुलाया गया. अगर यहां हमारे स्थानीय लोगों को काम नहीं मिला, तो चक्का जाम की चेतावनी दी.

ट्रक लोडिंग को लेकर भिड़ंत

रागिनी सिंह ने कहा कि बस्ताकोला में डीओ ट्रक लोडिंग शुरू करने के लिए तीन वर्षों से विभिन्न संगठन में तनाव चल रहा था. प्रबंधन ने कई चरणों में विभिन्न यूनियन एवं संगठनों से वार्ता किया था. लेकिन, जनता श्रमिक संघ के नेताओं से वार्ता नहीं किया गया. जिस कारण जश्रसं के मजदूर समर्थकों में नाराजगी थी. इधर, जनता श्रमिक संघ संगठन को छोड़कर अन्य यूनियन ने संयुक्त मोर्चा के बैनर तले आपसी सहमति बताते हुए ट्रक लोडिंग चालू कराने की मांग की थी. प्रबंधन ने जनता श्रमिक संघ के नेताओं से बगैर सहमति बनाए डीओ एलॉटमेंट बनाकर बुधवार से ट्रक लोडिंग शुरू करा दिया. जिससे दोनों पक्षों में ट्रक लोडिंग के दौरान भिंड़त हो गई.

दोनों पक्षों के बीच तीन बार हुई मारपीट

परियोजना लोडिंग प्वाइंट पर खाली ट्रक कांटा होने के लिए सुबह 9:20 में बजे आयी. ट्रक लोडिंग प्वाइंट पहुंचने की सूचना पर जनता श्रमिक संघ के समर्थक करीब 10 मिनट बाद पहुंच कोयला लोड करने लगे. जिसका विरोध संयुक्त मोर्चा के समर्थकों ने किया. जिसके बाद दोनों पक्षों में पथराव शुरू हो गया. पथराव होते ही संयुक्त मोर्चा के समर्थक पीछे हट गये. 10 मिनट के अंदर दोनों पक्षों में तीन राउंड जमकर मारपीट एवं पथराव हुआ. इस दौरान संघ के समर्थक कम संख्या में होने कारण पीछे हटने लगे.

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पहली बार संयुक्त मोर्चा और जनता श्रमिक संघ के समर्थक अलग-अलग खेमे में

बताया गया कि पहली बार किसी आंदोलन में संयुक्त मोर्चा और जनता श्रमिक संघ के समर्थक अलग-अलग खेमे में दिखाई दिए. जमसं के महामंत्री सिद्धार्थ गौतम हैं जबकि जश्रसं के संयुक्त महामंत्री रागिनी सिंह हैं. कलतक दोनों जमसं के बैनर तले आंदोलन करते थे, लेकिन बुधवार को कोल डंप पर दोनों के समर्थक एक-दूसरे के विरोध में खड़े हो गये. इससे पूर्व परियोजना लोडिंग प्वाइंट में यही दोनों यूनियन के समर्थक जनता मजदूर संघ के बैनर तले रोजगार की मांग कर रहे थे, पर जश्रसं बनने के बाद जमसं संयुक्त मोर्चा के पक्ष में चले गये. जनता श्रमिक संघ की समीक्षा के बाद रागनी सिंह समर्थक जनता श्रमिक संघ लेटर पैड पर लोडिंग काम में 50% हिस्सेदारी की मांग प्रबंधक से किया. जनता मजदूर संघ की ओर से रूद्र प्रताप सिंह अपने समर्थक के साथ लोडिंग प्वाइंट पर जमे हुए थे. वहीं, जनता श्रमिक संघ की ओर से पप्पू पासवान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे थे.

मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारी

इस संबंध में डीएसपी अरविंद कुमार ने कहा कि प्रशासन यहां शांतिपूर्ण तरिके से लोडिंग कराने के लिए प्रतिबद्ध है. दोनों गुट के भिड़ंत के बाद पुलिस ने नियंत्रण कर ट्रक लोडिंग कराया. यहां विधि व्यवस्था में विध्न डालने वालों को बख्शा नहीं जाएगा, वहीं बस्ताकोला कोलियरी के पीओ एके शर्मा ने कहा कि संयुक्त मोर्चा के आवेदन पर एलॉटमेंट बनाया गया था. प्रबंधन ने सभी यूनियन को आपस में सहमति बनाकर ट्रक लोडिंग करने की बात कही थी. ट्रक लोडिंग को लेकर सीआईएसएफ व पुलिस को सुरक्षा के लिए पत्र दिया गया था.

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