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सिंफर के स्थापना दिवस पर बोले कोल इंडिया के डीटी, ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोत तलाशें वैज्ञानिक

धनबाद में सिंफर के 76वें स्थापना दिवस समारोह का आयोजन किया गया. इस दौरान कोल इंडिया के निदेशक तकनीकी व विपणन डॉ. बी वीरा रेड्डी ने कहा कि वैज्ञानिकों को ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोत को तलाश ना चाहिए.

Dhanbad News: वैज्ञानिकों को ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों पर तेजी से काम करना चाहिए. आने वाले समय में इसकी मांग तेजी से बढ़ने वाली है. यह कहना है कोल इंडिया के निदेशक तकनीकी व विपणन डॉ. बी वीरा रेड्डी का. वह शुक्रवार को केंद्रीय खनन व ईंधन अनुसंधान संस्थान (सिंफर) धनबाद के 76वें स्थापना समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे. सिंफर के निदेशक प्रोफेसर शुद्धसत्व बसु ने अतिथियों का स्वागत किया. कहा कि 15 अक्तूबर को प्रधानमंत्री ने सीएसआइआर के 100 साल पूरे होने पर वर्ष 2042 के लिए विजन विकसित करने का आह्वान किया है.

यह विजन न केवल भारत के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए प्रौद्योगिकियों को विकसित करने और उच्च मानकों और बेंचमार्क को बनाये रखने, उद्योग, शैक्षणिक और अनुसंधान संगठनों के साथ मिलकर काम करने तथा भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए होगा. यह संस्थान न केवल खनन और ऊर्जा क्षेत्रों में बल्कि संबद्ध सामरिक क्षेत्रों में भी निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों के उद्यमों के साथ मिलकर अपना सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिक योगदान दे रहा है.

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पृथ्वी की रक्षा के लिए कार्बन उत्सर्जन घटाना जरूरी

मुख्य अतिथि डॉ बी वीरा रेड्डी ने कहा कि सिंफर और कोल इंडिया ने लंबे समय से साथ मिलकर काम किया है. उन्होंने ”भारतीय परिप्रेक्ष्य में कोयला का भविष्य” विषय पर अपना स्थापना दिवस व्याख्यान दिया. कहा : पृथ्वी की रक्षा के लिए कार्बन उत्सर्जन को घटाने के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ने की जरूरत है. भारत में पर कैपिटा विद्युत खपत 1210 यूनिट/ प्रति व्यक्ति है, जो वैश्विक औसत का केवल एक-तिहाई ही है. चूंकि देश में काफी शहरीकरण हो रहा है, इसलिए हमें इस संबंध में वैश्विक औसत के स्तर तक पहुंचने की आवश्यकता है. ऊर्जा के बिना राष्ट्र की प्रगति संभव नहीं और भविष्य में कोयले के अस्तित्व पर भी एक सवाल है, अतः ऊर्जा के अन्य विकल्पों पर भी ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए.

सॉफ्ट कोक मेकिंग तकनीकी चार कंपनियों को हस्तांतरित

इस मौके पर सिंफर द्वारा विकसित लोकप्रिय सॉफ्ट कोक मेकिंग टेक्नोलॉजी को चार और कंपनियों (हेमकुंठ वेंचर्स, हजारीबाग, अंजनेय फुएल्स कोलकाता, कृष्णा उद्योग रामगढ़ और सिनर्जी ऊर्जा वेंचर्स बिहार) को हस्तांतरित किया गया. सिंफर के मुख्य वैज्ञानिक जितेंद्र कुमार सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन किया. कार्यक्रम का संचालन मुख्य वैज्ञानिक डॉ रण विजय कुमार सिंह ने किया. सिंफर मीडिया विभाग के प्रमुख डॉ सिद्धार्थ सिंह ने बताया कि आज एक वेबिनार, सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया.

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