धनबाद: वर्तमान में बीसीसीएल हर दिन औसतन एक लाख टन कोयले का उत्पादन कर रहा है. वहीं दूसरी ओर एक अनुमान के अनुसार, इसका करीब 10-15 फीसदी हिस्सा चोरी हो जा रहा है. झरिया, निरसा व बाघमारा कोयलांचल स्थित बीसीसीएल की विभिन्न कोलियरियां अवैध धंधेबाजों के सॉफ्ट टारगेट हैं.
जानकारी के अनुसार, झरिया के एनटी-एसटी, ऐना, बस्ताकोला, कुइंया, भौंरा फोर ए पैच, पाथरडीह व टासरा तथा बाघमारा क्षेत्र के गजलीटांड़, मुराइडीह, बनेडीही, सोनारडीह, चैतुडीह, तेतुलमारी, एकेडब्ल्यूएम, शताब्दी परियोजना क्षेत्रों समेत आस-पास के इलाकों में बड़े पैमाने पर कोयले का अवैध कारोबार चल रहा है. खास बात यह कि यह सब ना केवल रात में, बल्कि दिन में भी बिना किसी भय के हो रहा है.
एक अनुमान के अनुसार, सिर्फ झरिया व बाघमारा कोयलांचल स्थित बीसीसीएल की खदानों से हर दिन औसतन 250 से 300 हाइवा कोयला निकलता है. निरसा कोयलांचल भी कम नहीं. यहां से भी प्रतिदिन करीब 100-150 हाइवा कोयले की तस्करी होती है. पूरे जिले की बात कर तो हर दिन औसतन 400 से 500 हाइवा कोयला चोरी हो रही है. इसके अलावा अन्य तरीकों, जैसे ट्रैक्टर, बाइक, स्कूटर, साइकिल से भी कोयला चोरी कर ले जाते हैं.
जानकारी के मुताबिक झरिया, निरसा व बाघमारा कोयलांचल की बीसीसएल-इसीएल की खदानों से हर दिन 10 से 12 हजार टन कोयले की अवैध निकासी हो रही है. सूत्रों के मुताबिक लगभग 5000 टन कोयला बाघमारा से, 3000 टन झरिया व 4000 हजार टन निरसा क्षेत्र से कोयले की चोरी हो जा रही है. वर्तमान में बीसीसीएल औसतन 10-11 हजार रुपया प्रतिटन कोयले की बिक्री कर रहा है,
जबकि कोकिंग कोल की बिक्री 15 हजार रुपया प्रतिटन है. ऐसे में अगर अवैध कोयले की दर औसतन 10 हजार रुपया प्रतिटन भी मान लें, तो प्रतिदिन 10 से 15 करोड़ रुपये के कोयले की चोरी हो रही है. यानी जिले से हर माह करीब 360 से 450 करोड़ रुपये का अवैध कारोबार संचालित हो रहा है.
झरिया कोयलांचल स्थित बीसीसीएल के इजे एरिया, लोदना, बस्ताकोला व कुसुंडा एरिया के कई स्थानों से बड़े पैमाने पर कोयले की चोरी हो रही है. जानकारी के मुताबिक कोयला तस्करों द्वारा इजे एरिया के भौंरा फोर ए पैच, बंद थ्री पिट परियोजना व सुदामडीह एक्स पैच टू से बड़े पैमाने पर कोयला टपाया जा रहा है, जबकि लोदना एरिया में तिसरा थाना, अलकडीहा, लोदना ओपी व जोड़ापोखर थाना क्षेत्र में बड़े पैमाने पर चोरी हो रही है.
एनटीएसटी जीनागोडा के छह व नौ नंबर साइडिंग, नॉर्थ तिसरा आउटसोर्सिंग पैच व विभागीय परियोजना, एनटीएसटी कोल डंप, जीनागोडा आउटसोर्सिंग एफ पैच परियोजना, जीनागोड़ा कोल डंप, रेलवे बैगन, जयरामपुर, बरारी व लक्ष्मी कोलियरी, बागडिगी बंद सुशी आउटसोर्सिंग परियोजना, कुजामा बंद आउटसोर्सिंग पैच, गोलकडीह डीपु धौड़ा से भी कोयला चोरी जारी है.
सिंडिकेट द्वारा सुरुंगा, पहाड़ीगोड़ा ताड़गाछ व पारबाद स्थित अवैध कोयला भट्ठा खोला गया है. उसी भट्ठा में चोरी का कोयला खरीदा जाता है. इसके बाद सिंडिकेट द्वारा ट्रक के माध्यम से बलियापुर, गोविंदपुर, बरवाअड्डा, बिहार के डेहरी ऑन सोन व दामोदर नदी पार बंगाल में खपाने के लिए भेजा जाता हैं. वहीं बस्ताकोला एरिया के दोबारी बीजीआर बंद परियोजना में अवैध उत्खनन, चांदमारी आउटसोर्सिंग से बीएनआर साइडिंग कोयला ट्रांसपोर्टिंग में लगे हाइवा से सहाना पहाड़ी, दोबारी व बेरा के पास चढ़कर कोयला उतारना जारी है.
चोरी का कोयला बोरी में भरकर आमटाल हाई स्कूल व नीलकोठी के पास साइकिल व बाइक से जमाकर पिकअप वैन व ट्रक के माध्यम से बलियापुर रानी रोड होते हुए अवैध भट्ठा में भेजा जाता है. कुसुंडा एरिया के ऐना, इस्ट बसुरिया आदि क्षेत्र की भी यही स्थिति है.
निरसा. निरसा कोयलांचल के विभिन्न अवैध उत्खनन स्थलों से साइकिल स्कूटर से रात के अंधेरे में क्षेत्र के चिन्हित उद्योगों के अलावा नदी घाट के माध्यम से पश्चिम बंगाल तस्करी का कोयला बड़े पैमाने पर भेजा जा रहा है. जानकारी के मुताबिक निरसा थाना क्षेत्र के चापापुर आउटसोर्सिंग, आमडंगा, गोपालगंज, कांटावन, कुसुमकनाली, देबियाना, सिंहपुर, हड़ियाजाम, राजा कोलियरी ओसीपी, खुदिया कोलियरी, सेंट्रलपुल साइडिंग, मंडल, फटका, गोपीनाथपुर क्षेत्र के विभिन्न अवैध उत्खनन स्थलों से एवं ओसीपी से अवैध खनन किया जा रहा है.
इसे क्षेत्र के करीब आधा दर्जन से अधिक चिन्हित उद्योगों में रात के अंधेरे में साइकिल एवं स्कूटर से खपाने का कार्य संगठित गिरोह के सदस्य व माफिया कर रहे हैं. इसके अलावा मुगमा क्षेत्र, मंडमन कोलियरी, कापासारा आउटसोर्सिंग के समीप, मोची कटिंग व शिडंगाल से अवैध उत्खनन का कार्य जोर-शोर से जारी है. गल्फरबाड़ी ओपी क्षेत्र के राजपुरा डिपार्टमेंटल ओसीपी से भी अवैध उत्खनन कराने के बाद गलफरबाड़ी ओपी क्षेत्र के दो उद्योगों में खपाने का कार्य किया जा रहा है.
मैथन क्षेत्र भी निशाने पर है. कोयला चोर बरमुड़ी कोलियरी व कुमारधूबी कोलियरी से कोयला चोरी कर उसे जंगलों में एकत्रित करते हैं. बराकर नदी के किनारे भी कई अवैध खदाने हैं. इसके अलावा कालूबथान ओपी क्षेत्र अवैध कोयला कारोबारियों का सेफ जोन बना हुआ है. यहां के चिन्हित दो-तीन उद्योगों में श्यामपुर, सांगामहल, भुरकुंडाबाड़ी क्षेत्र के अवैध उत्खनन स्थल से कोयला खपाया जा रहा है. पंचेत ओपी क्षेत्र से भी अवैध कोयला साइकिल स्कूटर के माध्यम से बाहर भेजा जा रहा है.
कतरास. बाघमारा थाना क्षेत्र के बेनीडीह में सीआइएसएफ व कोयला चोरों में मुठभेड़ के बाद से कोयला चोरी भले ही बंद है. परंतु इससे पूर्व क्षेत्र में बड़े पैमाने पर हाइवा, मेटाडोर, टैंपो, साइकिल व बाइक से अवैध कोयले की ढुलाई हो रही थी. कतरास कोयलांचल के सोनारडीह, तेतुलिया, चैतुडीह, अंगारपथरा, तेतुलमारी, निचितपुर सिजुआ, जोगता, लोयाबाद, बांसजोड़ा, महुदा के भाटडीह, बरोरा के विभिन्न बंद खदान, परियोजना से कोयला चोरी जारी है.
बाघमारा, बरोरा, मधुबन थाना, खरखरी के सोनानागर पट्टी, खरखरी व बाबुडीह स्थित जंगल, फुलारीटांड़ आउटसोसिंग पैच, जरलाही व शताब्दी पैच, डेको बंद पैच, केशरगढ़, महुदा के भाटडी में अवैध कोल मुहाने को खोलकर निजी मजदूरों से कोयला निकाल कर बाघमारा के जमुनिया नदी किनारे डिपो, खरखरी जंगल स्थित डिपो में कोयला खपाया जाता था, जबकि बोकारो, धनबाद द्वारा अलग अलग कोयला डिपो का संचालन किया जाता है.
निरसा कोयलांचल में पहले सिंडिकेट गोप एंड कंपनी के हाथ में था, पर वर्तमान में तीन सिंडिकेट में अवैध कोयला के कारोबारी बंट गये हैं. इसमें कुछ लोग गोप एंड कंपनी, कुछ संजय एंड कंपनी तो कुछ चंदन एंड कंपनी के संपर्क में रहकर अवैध धंधा संचालित कर रहे हैं. झरिया कोयलांचल में बीसीसीएल की विभिन्न कोलियरी में अलग सिंडिकेट सक्रिय हैं, जिसमें मुख्य रूप से मुकेश, निशांत व एम यादव एंड कंपनी का सिंडिकेट सक्रिय है.
वहीं बाघमारा कोयलांचल में आर टुडू, अभय सिंह, कारू, चंदन दुबे व आर यादव एंड कंपनी का सिंडिकेट कार्यरत है. कोकिंग कोक की खपत जहां स्थानीय हार्डकोक भट्ठों में की जा रही है, वहीं नन कोकिंग कोल के कोयले की बिक्री विभिन्न माध्यमों से बाहर की जा रही है.
रिपोर्ट- मनोहर कुमार