Dhanbad News: झरिया के पूर्व विधायक सूर्यदेव सिंह के बड़े पुत्र राजीव रंजन सिंह को धनबाद कोर्ट ने सोमवार को मृत घोषित कर दिया. उनके छोटे भाई सिद्धार्थ गौतम की तरफ से दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह फैसला सुनाया. जानकारी सिद्धार्थ गौतम के अधिवक्ता मो. जावेद ने दी. कोयला व्यवसायी प्रमोद सिंह की हत्या तीन अक्तूबर 2003 को धनसार में हुई थी.
प्रमोद सिंह हत्याकांड के बाद फरार हुए थे राजीव रंजन
इस हत्याकांड में राजीव रंजन सिंह व उनके चाचा रामधीर सिंह का नाम आया था. घटना के कुछ देर बाद ही राजीव रंजन सिंह अकेले गाड़ी से कहीं निकल गये थे. उसके बाद उनका कोई पता नहीं चला. इस मामले में उनकी मां पूर्व विधायक कुंती देवी ने सरायढेला थाना में सनहा दर्ज कराया था. बाद में प्रमोद सिंह हत्याकांड की जांच सीबीआइ के हाथ में चली गयी. जांच में पूरा मामला ही पलट गया. कांग्रेस के दिवंगत नेता सुरेश सिंह को सीबीआइ ने उस मामले में गिरफ्तार कर लिया. इसी बीच, राजीव रंजन सिंह की हत्या की बात सामने आयी. राजीव की हत्या में यूपी के डॉन ब्रजेश सिंह का नाम आया. उसे यूपी एसटीएफ ने ओडिशा से गिरफ्तार किया था.
सब जज दशम की अदालत में सुनवाई
सोमवार को सब जज दशम की अदालत ने साक्ष्य अधिनियम की धारा 108 के तहत मृत घोषित कर दिया है. नौ सितंबर 2022 को सिद्धार्थ गौतम ने अपने अधिवक्ता पंकज प्रसाद के मार्फत अदालत में ओरिजनल सूट संख्या 381/22 दर्ज कराया था. इसमे कुंती देवी, सरायढेला थाना प्रभारी, एलआइसी के ब्रांच मैनेजर व जेनरल पब्लिक को प्रतिवादी बनाया गया. काफी खोजबीन के बाद भी जब राजीव का पता नहीं चला, तो सिद्धार्थ गौतम ने अदालत में वाद दायर किया. उनके लापता होने का मामला झारखंड विधानसभा में कुंती देवी उठा चुकी थीं. पुलिस ने अनुसंधान के उपरांत कई लोगों के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र समर्पित किया था.
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