Dhanbad News: शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसएनएमएमसीएच) के माइक्रोबायोलॉजी विभाग स्थित टीबी लैब में मरीजों के लिए कल्चर ड्रग रेसिस्टेंट जांच शुरू होनी है. लैब में जांच शुरू करने को लेकर बुधवार को नेशनल रेफरेंस लैबोरेट्री (दिल्ली) की छह सदस्यीय टीम धनबाद पहुंची. टीम में भोपाल मेमोरियल कॉलेज एवं हॉस्पिटल रिसर्च सेंटर के विशेषज्ञ शामिल हैं.
खामियां दूर करने का मिला निर्देश
टीबी लैब की जांच के उपरांत टीम ने इसे शुरू करने का संकेत दिया है. हालांकि इसकी कुछ खामियों को दूर करने सबंधित निर्देश भी प्रबंधन को दिया गया है. बता दें कि साल 2020 में केंद्र सरकार की ओर से टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत लैब के लिए फंड आवंटित किया गया था. मेडिकल कॉलेज में लगभग 20 लाख रुपये की लागत से ड्रग सेंसिटिविटी एवं कल्चर लैब बनाया गया है. कोरोना काल में समय पर इसका निर्माण नहीं कराया जा सका था.
टीबी के गंभीर मरीजों को मिलेगी सुविधा
एसएनएमएमसीएच के टीबी लैब में ड्रग रेसिस्टेंट जांच शुरू होने से धनबाद के अलावा संताल परगना के जिलों के लोगों को फायदा होगा. झारखंड में रिम्स के बाद एसएनएमएमसीएच स्थित लैब दूसरा केंद्र होगा, जहां मरीजों के ड्रग रेसिस्टेंट की जांच हो पायेगी. सिविल सर्जन डॉ आलोक विश्वकर्मा ने बताया : टीबी के मरीजों के लिए जो दवा चलाई जाती है, उससे कई प्रकार के कांप्लिकेशन होते हैं. कई बार दवा से मरीज की स्थिति खराब हो जाती है. ऐसे में इस लैब इसकी जांच हो पायेगी कि मरीज को कौन सी दवा देनी है. वर्तमान में इस जांच के लिए मरीजों का सैंपल रांची के इटकी स्थित आरोग्यशाला भेजा जाता है. मरीजों की रिपोर्ट आने में लगभग 15 दिन से ज्यादा लग जाते हैं.
डॉट सेंटर में सुविधाएं होंगी विकसित
एसएनएमएमसीएच के माइक्रोबायोलॉजी विभाग स्थित टीबी लैब की जांच से पूर्व नेशनल रेफरेंस लैबोरेट्री की टीम ने सदर अस्पताल स्थित डॉक्टर सेंटर का निरीक्षण किया. सेंटर में मरीजों के लिए उपलब्ध संसाधन व सुविधाओं के बारे में जाना. इस दौरान टीम के सदस्यों ने डॉट सेंटर में सुविधाएं विकसित करने की बात कही. बुधवार की शाम टीम के सदस्य गोविंदपुर स्थित डॉट सेंटर भी पहुंचे. यहां, टीबी के मरीजों के लिए उपलब्ध सुविधाओं का जायजा लिया. शाम को टीम के सदस्यों ने सिविल सर्जन डॉ आलोक विश्वकर्मा के साथ बैठक की.