बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय के अधीन एकमात्र सरकारी महिला कॉलेज एसएसएलएनटी में पांच विषयों में एक भी शिक्षक नहीं हैं. मैथ, बांग्ला, उर्दू, कैमिस्ट्री और म्यूजिक की स्नातक छात्राएं ट्यूशन के भरोसे ही पढ़ाई करने को मजबूर हैं. इन विषयों में करीब एक हजार छात्राएं हैं. कॉलेज की पांच हजार छात्राओं के लिए सिर्फ 12 नियमित शिक्षक हैं.
ऐसा है उच्च अध्ययन का भविष्य
हालांकि मैथ में वैकल्पिक व्यवस्था के तहत सेवानिवृत्त शिक्षक ऑनलाइन क्लास लेते हैं, पर छात्राओं की उपस्थिति काफी कम है. अन्य चार विषयों बांग्ला, उर्दू, कैमिस्ट्री और म्यूजिक के लिए ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है. अन्य विषयों का हाल भी इससे बेहतर नहीं है. सात विषयों में सिर्फ एक शिक्षक हैं. अन्य किसी भी विषय में दो से अधिक शिक्षक नहीं हैं. कॉलेज में स्नातक स्तर पर 18 विषयों की पढ़ाई होती है. इसमें कला संकाय में 12, विज्ञान में पांच और वाणिज्य के एक विषय की पढ़ाई होती है. इन्हीं शिक्षकों के भरोसे कॉलेज में पीजी के तीन विषयों की पढ़ाई होती है. इसमें कॉमर्स, पॉलिटिकल साइंस और हिस्ट्री की पढ़ाई होती है. पीजी की पढ़ाई में कांट्रैक्चुअल शिक्षकों के भरोसे है.
कॉलेज में सिर्फ 12 स्थायी शिक्षक
कॉलेज में सिर्फ 12 नियमित शिक्षक हैं. इनमें फिलॉसफी में एक, पॉलिटिकल साइंस में एक, इकोनॉमिक्स में एक, इंग्लिश में दो, इकोनॉमिक्स में एक, संस्कृत में एक, हिंदी में दो, फिजिक्स में एक, साइकोलॉजी में एक, कॉमर्स में एक और बॉटनी में एक शिक्षक हैं. हिस्ट्री, होम साइंस, जूलॉजी, फिजिक्स, भूगोल और इकोनॉमिक्स विभाग सिर्फ कांट्रैक्चुअल शिक्षकों के भरोसे चल रहा है. कॉलेज में स्नातक के तीनों संकायों में पांच हजार छात्राएं पढ़ती हैं. ऐसे में शिक्षकों की कमी के कारण कॉलेज केवल डिग्री मुहैया कराने वाला संस्थान बन कर रह गया है.
बीएड व इंटर की भी होती पढ़ाई
कॉलेज में इन कक्षाओं के अलावा बीएड की भी पढ़ाई होती है. इसमें 200 छात्र व छात्राएं अध्ययनरत हैं. इंटर में अलग से करीब तीन हजार छात्र व छात्राएं पढ़ती हैं. कॉलेज को इंटर में साइंस और आर्ट्स की पढ़ाई के लिए जैक से संबद्धता मिली हुई है. कॉमर्स की संबद्धता नहीं होने के कारण इसकी छात्रा को अलग से शुल्क देना होता है.
आधारभूत संरचना का अभाव
एसएएसएलएनटी 66 वर्ष पुराना कॉलेज है. कॉलेज के पास अभी अपना कोई मैदान नहीं है. हालांकि राज्य सरकार ने राजकीय पॉलिटेक्निक परिसर में 10 एकड़ जमीन कॉलेज को दी है, लेकिन अभी तक तकनीकी अड़चन के कारण कॉलेज ने इस जमीन को अपने कब्जे में नहीं लिया है. प्ले ग्राउड नहीं होने से खेल संबंधी गतिविधियां कॉलेज में नहीं हो पाती हैं.
शौचालयों में नहीं पर्याप्त सफाई
कॉलेज में 60 शौचालय हैं, पर इनमें पर्याप्त सफाई नहीं है. कॉलेज में सिर्फ दो महिला सफाई कर्मी हैं. ऐसे में शौचालय काफी गंदे और बदबूदार रहते हैं.
छात्राओं की समस्या का निदान होता है
एसएसएलएनटी महिला कॉलेज की प्राचार्या डॉ शर्मिला रानी के अनुसार छात्राओं की समस्या का निदान किया जाता है. कॉलेज में 60 वॉश रूम हैं. इसकी सफाई के लिए चार महिला स्वीपर हैं. गंदगी को लेकर छात्राओं को भी अलर्ट रहना चाहिए. पेयजल के लिए आरओ लगाया गया है, पर छात्राएं नल खुला छोड़ देती हैं. जब तक सभी मिल कर ध्यान नहीं देंगे समस्या कैसे दूर होगी
रिपोर्ट : सत्या राज, धनबाद