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धनबाद में सांसद आदर्श ग्राम योजना की अनदेखी, सांसदों की ‘गोद’ में ही रह गये गांव, नहीं हुआ विकास

केंद्र सरकार ने सुदूरवर्ती पंचायतों के विकास के लिए वर्ष 2014-15 में सांसद आदर्श ग्राम योजना की शुरुआत की थी. प्रधानमंत्री ने 11 अक्तूबर 2014 को इस योजना का आरंभ किया था. इसके तहत हर लोकसभा एवं राज्यसभा के सदस्य को हर वित्त वर्ष में एक गांव काे गोद लेने का नियम बनाया गया था. पेश है ग्राउंड रिपोर्ट..

MP Adarsh Gram Yojana : केंद्र सरकार ने सुदूरवर्ती पंचायतों के विकास के लिए वर्ष 2014-15 में सांसद आदर्श ग्राम योजना (Sansad Adarsh Gram Yojana) की शुरुआत की थी. प्रधानमंत्री ने 11 अक्तूबर 2014 को इस योजना का आरंभ किया था. इसके तहत हर लोकसभा एवं राज्यसभा के सदस्य को हर वित्त वर्ष में एक गांव काे गोद लेने का नियम बनाया गया था, ताकि उस गांव को स्मार्ट बनाया जा सकते. उस गांव में मूलभूत आवश्यकता शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, शौचालय, सड़क, बिजली जैसी मूलभूत सुविधाएं मुहैया करानी थी. स्वरोजगार के लिए लोगों को प्रेरित करने के लिए तरह-तरह का प्रशिक्षण देना था. कई स्थानों पर बहुत सारे काम भी हुए. कुछ आदर्श गांवों में आज भी स्थिति पूरी तरह से बदली नहीं है. स्वच्छ पेयजल से लेकर अन्य सुविधाएं नहीं मिल पा रही है. धनबाद में पहले आदर्श ग्राम के रूप में गोविंदपुर प्रखंड के रतनपुर पंचायत का चयन हुआ था, जिसे धनबाद के सांसद पीएन सिंह ने गोद लिया था. जिला के सांसद आदर्श गांवों को केंद्रित कर रिपोर्ट.

रतनपुर : सात वर्ष बाद भी नहीं मिलीं कई सुविधाएं

सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत धनबाद जिला की रतनपुर पंचायत में सात वर्ष बाद भी सिंचाई की व्यवस्था नहीं हो पायी है. इस योजना के तहत यह पहला गांव है, जिसे गोद लिया गया है. यहां के लोगों को आज भी खुदिया नदी के पानी के जरिये खेती करनी पड़ रही है. जमीन की समस्या रहने के चलते मनरेगा से योजनाएं नहीं के बराबर ली जाती हैं.

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जीटी रोड के किनारे है पंचायत

मोदी सरकार द्वारा सांसद आदर्श ग्राम योजना शुरू करने के बाद धनबाद के सांसद पशुपति नाथ सिंह ने सबसे पहले रतनपुर पंचायत का चयन किया था. इस पंचायत में छह राजस्व गांव हैं. इसकी आबादी लगभग साढ़े छह हजार है. जीटी रोड से सटी इस पंचायत के एक छोर में आदिवासी बहुल जीरामुड़ी गांव है. इस गांव की आबादी लगभग 500 है. यहां पर सिंचाई के लिए कोई व्यवस्था नहीं है, जबकि सांसद आदर्श ग्राम में चयन के बाद यहां पर उद्वह सिंचाई योजना व चेकडैम बनाने की मांग हुई थी. इसके लिए अनुशंसा भी की गयी, लेकिन नहीं बनी.

सड़क, पानी की समस्या दूर हुई

आदर्श ग्राम बनने के बाद जीटी रोड से लेकर पंचायत के सभी गांवों तक पक्की सड़क बनी. कई स्थानों पर पीसीसी सड़कें भी बनी. सड़क की समस्या लगभग पूर्ण हो गयी. एक बड़ा जलमीनार भी बना. इससे वहां के गांवों में घर-घर नल के जरिये जल की सप्लाई शुरू हुई. लेकिन, ग्रामीणों के अनुसार नल से जल की आपूर्ति नियमित नहीं होती. यहां के गांवों में पुराने कुएं भी हैं, लेकिन यहां के ज्यादातर लोग खुदिया नदी में ही नहाने जाते हैं.

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सत्ता परिवर्तन के बाद कुछ सुस्ती आयी : पशुपति

सांसद पीएन सिंह कहते हैं कि रतनपुर पंचायत सहित सांसद आदर्श ग्राम के तहत चयनित पंचायतों में विकास के बहुत सारे कार्य हुए हैं. इस योजना के तहत हर वित्तीय वर्ष में एक-एक गांव का चयन किया जाता है. बीच में कोरोना के कारण दो वर्ष यह काम नहीं हो पाया. राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद इस योजना का क्रियान्वयन थोड़ा सुस्त जरूर है. लेकिन, रतनपुर सहित सभी आदर्श ग्राम पंचायत की समीक्षा करते रहे हैं. कई बार गांव भी गये. वहां सड़क, शिक्षा, पेयजल आदि के क्षेत्र में काफी काम हुआ है. कोशिश है कि जो योजनाएं बची है उसे भी जल्द पूर्ण करा दें.

करमाटांड़ : डेढ़ किलोमीटर दूर से लाना पड़ता है पानी

बलियापुर प्रखंड अंतर्गत करमाटांड़ ग पंचायत को राज्यसभा सदस्य महेश पोद्दार ने वर्ष 2018 में गोद लिया था. लेकिन, गोद लेने के बाद जिस तरह विकास होना चाहिए था, वैसा नहीं हुआ. यहां बिजली, पानी, सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी बुनियादी समस्याएं बरकरार है.

नहीं बना हुचुकटांड़ का रोड

आदर्श गांव करमाटांड़ का टोला हुचुकटांड़ जाने के लिए ग्रामीणों को कच्चे रास्ते का सहारा लेना पड़ता है. बरसात के दिनों में यह टोला आना-जाना मुश्किल हो जाता है. पानी की भी कोई व्यवस्था नहीं है. ग्रामीणों को पानी लाने के लिए डेढ़ किलोमीटर दूर जाना पड़ता है. धनबाद-बलियापुर मुख्य मार्ग से लगभग दो किलोमीटर दूर स्थित हुचुकटांड़ दोनों ओर से रेलवे लाइन से घिरा है. रेलवे से एनओसी नहीं मिलने के कारण अब तक रोड नहीं बना. सांसद ने छह माह में रोड बनवाने की घोषणा की थी. लेकिन, इस दिशा में कोई पहल नहीं हुई है. हुचुकटांड़ की आबादी आठ सौ है. इस टोला में पेयजल की भी घोर समस्या है.

समस्याओं से जूझ रहे हैं ग्रामीण

जिस समय गोद लिया गया था, उस समय लोगों में काफी उत्साह था कि अब पानी, बिजली, सड़क जैसी बुनियादी समस्याओं का निदान हो जायेगा. लेकिन, चार साल बीतने के बाद भी यह सपना अधूरा है. ग्रामीण समस्याओं से जूझ रहे हैं. विकास को लेकर कई बार वरीय अधिकारियों की बैठक हुई, लेकिन कुछ काम नहीं हुआ. सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत चयनित होने के बाद गांव में पेयजल के लिए पाइप बिछायी गयी है, लेकिन जलापूर्ति चालू नहीं हो पायी है.

क्या कहते हैं पंचायत प्रतिनिधि

करमाटांड़ पंचायत की मुखिया सुलोचना देवी का कहना है कि करमाटांड़ में विकास का बेहतर काम होना चाहिए था, लेकिन कोई विकास नहीं हुआ. पूर्व मुखिया जंग बहादुर महतो का कहना है कि सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत तीन पीसीसी रोड बने हैं. रुर्बन मिशन के तहत ढांगी में जल मीनार का निर्माण हुआ है. संभवतः दिसंबर से यह योजना चालू हो जायेगी. बीस सूत्री प्रखंड अध्यक्ष राजेंद्र किस्कू का कहना है कि सांसद महेश पोद्दार ने करमाटांड़ को गोद लिया था. यह गांव सांसद के गोद में ही रह गया. विकास का कोई काम नहीं हुआ.

सोनबाद में पीने का साफ पानी तक नहीं मिल रहा

धनबाद के सांसद पीएन सिंह ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए निरसा के सोनबाद गांव को गोद लिया था. सांसद श्री सिंह की अनुशंसा पर डीएमएफटी के माध्यम से गांव में सड़क निर्माण का कार्य चल रहा है. इसके अलावा गांव के समीप फुटबॉल मैदान निर्माण कार्य भी चल रहा है. सोनबाद गांव की आबादी लगभग 11 सौ है.गांव के लोगों का कहना है कि सांसद को इस गांव के प्रति विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है. गांव में पीने के लिए स्वच्छ पानी एवं प्रदूषित जल निकासी की कोई सार्थक व्यवस्था नहीं है. हालांकि सांसद की अनुशंसा पर स्थानीय विधायक ने वहां चापाकल गड़वाया है. पूरे गांव में सड़क की स्थिति भी ठीक नहीं है. गांव के मंडल टोला स्थित जोड़िया में पुल का निर्माण कार्य हो जाने से गांव के लोग बरवा, तेतुलिया एवं धनबाद जाने में सुविधा होगी. तेतुलिया मोड़ तक अतिरिक्त दूरी तय नहीं करना पड़ेगी. वहीं तालाब का निर्माण करना भी अति आवश्यक है. मंडल टोला एवं आदिवासी टोला में 200 घर के लोग चार चापाकल से पानी का काम चला रहे हैं. मुस्लिम टोला में चापाकल नहीं रहने से लोग कुआं के पानी से काम चला रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि गांव के विकास के लिए चार काम अति आवश्यक है. उसमें पुल का निर्माण, तालाब का जीर्णोद्धार, सड़क का निर्माण एवं गांव के बाहर बरवा जाने वाले पुल का निर्माण होने से गांव वालों को काफी राहत मिलेगी.

छह योजनाओं को दी गयी थी स्वीकृति

अभी गांव में सोनबाद गांव से गाभला तक सड़क का निर्माण कार्य चल रहा है. इसके अलावा गांव में फुटबॉल मैदान का भी कार्य चल रहा है. पिछले दिनों करोड़ों की लागत से छह विकास योजनाओं की भी स्वीकृति हुई थी. इस बैठक के पूर्व विकास योजनाएं काफी धीमी चल रही थी. बैठक में ऑन स्पॉट प्रशासनिक स्वीकृति मिलने के बाद डीएमएफटी फंड से विकास योजना का कार्य चल रहा है.

क्या है मुख्य समस्या

गांव में एप्रोच सड़क का निर्माण, प्रदूषित पानी की निकासी, स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था, सरकारी विद्यालय में आधारभूत कमियों को पूरा करने, सोनबाद से बरवा तक सीधा पुल का निर्माण करवाने, सिंचाई के लिए तालाबों का जीर्णोधार, गांव के विभिन्न टोला में हाई मास्ट लाइट, स्वच्छ पेयजल आपूर्ति के लिए सोलर फिल्टर प्लांट की मांग प्रमुख रूप से शामिल है.

बरडुभी : अब तक धरातल पर नहीं उतरी कोई योजना

सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत चयनित धनबाद प्रखंड की बरडुभी पंचायत में योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर अब तक दो बार बैठक हुई है. पहली 25 जुलाई 2022 को धनबाद बीडीओ एवं दूसरी बैठक 25 अगस्त 2022 को धनबाद डीसी के अध्यक्षता में हुई है, जबकि सांसद पशुपतिनाथ सिंह ने सांसद आदर्श ग्राम की अनुशंसा 19 फरवरी 2022 को की है. पहली बैठक में बीडीओ ने बरडुभी पंचायत को सांसद आदर्श ग्राम के रूप घोषणा कर लोगों जानकारी दी. दूसरी बैठक में सांसद पीएन सिंह व धनबाद डीसी संदीप सिंह ने लोगों के साथ भ्रमण किया. सचिवालय में ग्रामीणों से मिलकर उनकी बातें सुनीं. सांसद ने कहा था कि बरडुभी एक ऐसा गांव बने कि यहां के आगंतुकों को प्रेरणा मिले. तभी यह योजना सफल मानी जायेगी. डीसी ने कहा था कि प्रथम चरण में सामूहिक विकास के कार्यों को प्राथमिकता के तौर पर किया जायेगा.

क्या कहते हैं मुखिया

मुखिया मनोज कुमार सिंह ने कहा कि सांसद आदर्श ग्राम की घोषणा के बाद ग्राम सभा कर मुख्य योजनाओं में पीडीएस दुकान की लचर व्यवस्था को दुरुस्त करने, शशिलाल सिंह स्टेडियम का जीर्णोद्धार करने, प्राथमिक विद्यालय के पास विवाह मंडप बनाने, बालूडीह चौक पर हाई मास्ट लाइट लगाने, बालूडीह से जटूडीह तक जर्जर सड़क की मरम्मत करने, जटूडीह में पार्क का जीर्णोद्धार आदि समस्या को विभाग को अग्रसारित किया गया है. लेकिन, अब तक एक योजना को अमलीजामा नहीं पहनाया गया है.

रिपोर्ट : संजीव झा, धनबाद, संजय रवानी, पुटकी, अरिंदम चक्रवती, निरसा, शेख कलीम, बलियापुर

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