Jharkhand News (केंदुआ, धनबाद) : झारखंड के धनबाद जिला अंतर्गत कुसुंडा क्षेत्र में रविवार को अचानक धरती फट गयी. धरती फटते ही पाताल में जाने से एक युवक बाल-बाल बचा. पास खड़े अन्य लोगों ने उस युवक को किसी तरह से बचा तो लिया, लेकिन गोफ की आग से युवक पूरी तरह से झुलस गया. गंभीर रूप से घायल युवक को शहीद निर्मल महतो कॉलेज एंड हॉस्पिटल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है. जहां बेहतर इलाज के लिए उसे बोकारो रेफर कर दिया गया.
धनबाद के कुसुंडा क्षेत्र अंतर्गत संचालित यूसीसी इंफ्रा आउटसोर्सिंग स्थल के समीप गनसाडीह-3 नंबर बस्ती में रविवार की अहले सुबह शौच के लिए घर से बाहर गये रमेश पासवान उर्फ उमेश (35 वर्ष) धरती फटते ही गोफ बने पाताल में समाने लगा. इस दौरान रमेश का हाथ गोफ से बाहर था, जिसे देख स्थानीय लोगों ने काफी मशक्कत के बाद उसे गोफ से बाहर निकाला. घटना सुबह 4:30 बजे की बतायी जा रही है.
बस्ती के लोगों ने बताया कि रमेश प्रतिदिन की तरह सोमवार को अहले सुबह बस्ती के नजदीक खुले क्षेत्र में शौच के लिए घर से बाहर निकला. इस दौरान अंधेरे में भू-धंसान वाली जगह पर पैर रखते ही गोफ में समा गया. रमेश का हाथ गोफ से बाहर था. जिसे हिलता देख स्थानीय लोग घटनास्थल के पास पहुंचे और रमेश को किसी तरह गोफ से बाहर निकाला.
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लोगों द्वारा घटना की जानकारी स्थानीय पुलिस को देने के बाद पुलिस की पेट्रोलिंग टीम घटनास्थल पर पहुंची. रमेश के परिजन स्थानीय लोगों के सहयोग से बेहतर इलाज के लिये शहीद निर्मल महतो कॉलेज एंड हॉस्पिटल ले गये. यहां डॉक्टरों ने रमेश की गंभीर स्थिति देखते हुए उसे बोकारो के बीजीएच रेफर कर दिया.
रमेश के परिजनों ने बताया कि फिलहाल स्थिति नाजुक बनी हुई है. बीजीएच के डॉक्टरों ने रमेश को ICU में शिफ्ट किया है. शरीर का 90 प्रतिशत ऊपरी भाग जल गया है. जिसे ठीक होने में समय लगेगा. घटना की जानकारी मिलने पर एनजीकेसी परियोजना पदाधिकारी नवीन कुमार गंभीर रूप से घायल रमेश उर्फ उमेश पासवान को देखने बीजीएच बोकारो गये एवं उनके परिजनों से मिले तथा हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया.
इधर, इस घटना को लेकर स्थानीय लोगों ने वार्ड 13 के निवर्तमान पार्षद प्रतिनिधि बद्री रविदास के नेतृत्व में बीसीसीएल प्रबंधन के ऊपर लापरवाही का आरोप लगा कर विरोध जताया. वहीं, लोगों नेे कहा की बीसीसीएल प्रबंधन यहां केेे लोगों को सर्वे तो करा चुकी है, लेकिन कुछ गिने-चुने लोगों को ही पुनर्वास कराने का कार्य किया है.
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बस्ती के करीब 75 प्रतिशत लोग पुनर्वास की आस में बैठे हुए हैं. स्थानीय लोगों ने कहा कि कई जनप्रतिनिधि यहां बेहतर पुनर्वास व्यवस्था दिलाने का सब्जबाग दिखाने पहुंचे, लेकिन किसी ने बस्ती के लोगों की समस्या का समाधान नहीं किया. लोगों ने कहा कि प्रबंधन मुआवजा के नाम पर मात्र 20 हजार रुपये दे रही है.
बस्ती के लोग वर्षों से यहां रह रहे हैं. यहां से हटने के बाद सबसे बड़ी समस्या रोजगार की होगी. रोजगार की व्यवस्था नहीं होने के कारण यहां के लोग कोयला चुनकर और उसे बेचकर किसी तरह जीवन गुजारने को मजबूर हैं.
इधर, न्यू गोधर कुसुंडा अलकुसा कोलियरी (NGKC) पीओ नवीन कुमार ने कहा कि घटना दुःखद है. पीड़ित रमेश के प्रति पूरी सहानुभूति है. उसे बीजीएच में बेहतर इलाज के लिए भर्ती करा दिया गया है. गोधर 3 नंबर और 4 नंबर बस्ती अग्नि प्रभावित घोषित है. जगह-जगह सुरक्षा को लेकर स्लोगन लेखन किया गया है. लगभग 70 से 80 लोगों को जमीन उपलब्ध करा दिया गया है. शेष अन्य लोगों के लिए जमीन की व्यवस्था की जा रही है. कोरोना के कारण पुनर्वास व्यवस्था थोड़ा धीमा हो गया. कंपनी के नियमानुसार, प्रोजेक्ट से सटे प्रभावित परिवारों को पुनर्वास कराया जायेगा.
Posted By : Samir Ranjan.