Dhanbad News: पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने आरोप लगाया है कि हेमंत सोरेन की सरकार धनबाद को विकास के बजाय विनाश की ओर से ले जा रही है. भाजपा के ‘हेमंत हटाओ, झारखंड बचाओ’ आंदोलन के तहत बुधवार को रणधीर वर्मा चौक पर आयोजित जन आक्रोश रैली को संबोधित करते हुए उन्होने कहा : हमारी सरकार में वर्ष 2015 से 2019 तक 1000 करोड़ रुपया से 1000 किलो मीटर सड़क का निर्माण हुआ, जिसमें 600 करोड़ रुपया सिर्फ धनबाद की सड़कों पर खर्च किया गया था. यहां की 16 लाख की आबादी काला पानी पिया करती थी. हमारी सरकार ने 1472 करोड़ रुपये से शुद्ध पेजजल की योजना शुरू की, ताकि लोग शुद्ध पानी पी सके. परंतु वर्तमान सरकार के कार्यकाल में पेयजल का भी काम ठप है.
इसी तरह भाजपा सरकार में 30 हजार बेघर गरीबों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर दिया गया था. एक लाख लोगों के आयुष्मान कार्ड बने. हेमंत सोरेन बतायें कि पिछले तीन वर्षों के अपने कार्यकाल में धनबाद में विकास के उन्होंने कौन से कार्य किये. विकास की कौन सी योजना उन्होंने धनबाद के लोगों तक पहुंचायी.
रघुवर दास ने कहा कि शिबू सोरेन के साथ-साथ स्व बिनोद बिहारी महतो, एके राय भी झारखंड आंदोलनकारी थे. सोरेन परिवार के सदस्य राज्य में पांच-पांच बार मुख्यमंत्री बने, पर बिनोद बिहारी जी को सम्मान नही दिया. जब भाजपा की सरकार बनी तो हमने बिनोद बिहारी के नाम पर कोयलांचल विश्वविद्यालय की स्थापना कर उन्हें सम्मान दिया. क्योंकि स्व बिनोद बिहारी शिक्षा पर ज्यादा ध्यान देते थे. एके राय भले ही किसी भी पार्टी में रहे हों, एक ईमानदार नेता थे. गरीब जनता व मजदूरों के लिए संघर्ष करते थे. पीएमसीएच धनबाद को शहीद निर्मल महतो का नाम देकर उन्हें सम्मान दिया. पहली बार किसी सरकार ने आंदोलनकारियों को सम्मान देने का काम किया तो वह भाजपा ही है. करीब 3000 से अधिक लोगों को भाजपा ने सम्मान दिया.
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भाजपा धनबाद जिला महानगर और ग्रामीण के संयुक्त तत्वावधान में हेमंत सरकार के खिलाफ आयोजित जनाक्रोश रैली में झारखंड प्रदेश उपाध्यक्ष सह मांडू विधायक जयप्रकाश पटेल, धनबाद विधायक राज सिन्हा, बाघमारा विधायक ढुलू महतो, प्रदेश उपाध्यक्ष सह निरसा की विधायक अपर्णा सेनगुप्ता, झरिया की पूर्व विधायक कुंती सिंह, निवर्तमान महापौर चंद्रशेखर अग्रवाल, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य रागिनी सिंह, प्रदेश प्रवक्ता सरोज सिंह, ग्रामीण जिला अध्यक्ष ज्ञान रंजन सिन्हा, महानगर अध्यक्ष चंद्रशेखर सिंह, जिला महानगर प्रभारी अभय सिंह, पूर्व जिलाध्यक्ष सत्येंद्र कुमार बाघमारा विधायक ढुलू महतो की पत्नी सावित्री देवी, सिंदरी विधायक इंद्रजीत महतो की पत्नी तारा देवी, संजीव अग्रवाल, डब्लू बावरी, श्रवण राय, मानस प्रसून, मिल्टन पार्थसारथी, रुपेश सिन्हा, रमा सिन्हा, अमलेश सिंह, संतीजत सिंह, अनिल सिन्हा, बबलू फरीदी, उमेश यादव, ध्रुव हाड़ी सहित अनेकों कार्यकर्ता उपस्थित थे.
रघुवर दास ने कहा कि हेमंत सोरेन की सरकार ने तीन वर्षों में इस राज्य की खनिज संपदा को सिंडिकेट के हवाले कर दिया. राज्य में विकास कार्य ठप है. जिस लोक लुभावन वादों व नारे के साथ हेमंत सोरेन सत्ता तक पहुंचे थे, उसे भुला दिया गया. आज राज्य की जनता अपने को ठगा महसूस कर रही है. यही कारण है आज सरकार के विरोध में जनता सड़क पर है. श्री दास ने कहा कि धनबाद एक सामर्थ्यवान जिला है. राज्य को खनिज क्षेत्र का 92 प्रतिशत राजस्व इसी धनबाद कोयलांचल की धरती से मिलता है. परंतु दुख के साथ कहना पड़ता है कि खनन क्षेत्र का 92 राजस्व राज्य सरकार के खाते में जाने के बजाय एक परिवार के खाते में जा रहा है. धनबाद में कोयले का अवैध खनन हो रहा है. हर दिन 10-15 करोड़ कोयले की चोरी हो रही है.
श्री दास ने कहा कि हेमंत सोरेन के भय, भ्रष्टाचार व आतंक का समय अब अंतिम है. पत्थर, गिट्टी और कोयला के अवैध धंधे को लेकर जब उनकी गरदन पर इडी का हाथ पड़ा तो उन्हें आदिवासी व मूलवासियों की याद आयी. आने वाले समय में मुख्यमंत्री होटवार जेल में रहेंगे. क्योंकि मोदी सरकार पाई-पाई का हिसाब लेगी.
सर्किट हाउस में जब पत्रकारों ने श्री दास से पूछा कि आगामी निगम चुनाव में धनबाद से पार्टी के अंदर कई दावेदार हैं. ऐसे में वह किस उम्मीदवार का समर्थन करेंगे. इस पर उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने फिलहाल निगम चुनाव को स्थगित कर दिया है, इसलिए ऐसे सवालों के कोई मायने नहीं है.
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हमने झारखंड आंदोलनकारी बिनोद बिहारी महतो, निर्मल महतो को सम्मान दिया
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धनबाद में हो रहा अवैध खनन, रोज 10-15 करोड़ के कोयले की चोरी
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जनता खुद को ठगा महसूस कर रही, इसलिए उतरी सड़कों पर
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चुनाव के समय किये लोक लुभावन वादों को भूल गयी है सरकार
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राज्य को खनिज क्षेत्र का 92 प्रतिशत राजस्व इसी धनबाद से, फिर भी उपेक्षा
रघुवर दास ने कहा कि हेमंत सरकार ने घोषणा की थी कि एक माह के अंदर पारा शिक्षकों को वेतनमान देंगे. लेकिन वेतन तय नहीं किया. बल्कि वेतन में 40-50 फीसदी की वृद्धि कर उन्हें ठगा गया. जबकि भाजपा सरकार में 52 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी. 1932 के खतियान के नाम पर भी गरीब आदिवासी-मूलवासी को ठगा गया. इस सरकार ने विधवा माता व बहनों को भी ठगा है. आदिवासी मुख्यमंत्री होने के बावजूद बच्चों के साथ हैवानियत हो रही है. मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र में सामूहिक बलात्कार की घटना हुई. दुमका में सामूहिक दुष्कर्म हो रहा है.