बाघमारा, रंजीत सिंह. एक देश एक कार्ड के तहत केंद्र सरकार ने देश के सभी पीडीएस दुकानों एवं लाभुकों को एनआईसी सर्वर से जोड़ दिया गया है. उसके बाद बड़ी संख्या में लोगों का दो जगहों से राशन उठाने का मामला पकड़ में आ रहा है. ऐसे लोगों पर शिकंजा कसने की तैयारी जिला से लेकर प्रखंड प्रशासन कर रही है. ऐसे लाभुकों को राशन कार्ड से तो वंचित होंगे ही, साथ ही फर्जीवाड़े का मुकदमा का सामना और वसूली भी की जा सकती है. धनबाद जिले के दस प्रखंड में लगभग ये आंकड़ा 50 हजार पार करने का अनुमान लगाया जा रहा है. वहीं, सूत्रों द्वारा ये भी बताया जा रहा है कि कुछ पीडीएस डीलर के ऊपर भी गाज गिर सकती है.
क्या फायदा होगा इस योजना से
वन नेशन वन कार्ड के तहत केंद्र सरकार इस योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए पूरे देश में ये कार्य करा रही है. इस योजना में अगर किसी लाभुक का कार्ड झारखंड प्रदेश से बनी हुई है और किसी कारण से लाभुक दूसरे राज्य में जा कर रह रहा है तो उसे अब कार्ड बनाने की आवश्यकता नहीं होगी. संबंधित प्रखंड के आपूर्ति पदाधिकारी को एक आवेदन कार्ड को संकलित करते हुए देना है जहां पर उक्त अधिकारी उस लाभुक का आवंटन को नजदीकी डीलर को आवंटित कर देगा.
जिले में 4 लाख 44 हजार 884 कार्ड धारक है
जिले के सभी दस प्रखंडों, नगर निगम के इलाकों एवं चिरकुंडा नगर परिषद को मिलाकर खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत 4 लाख 44 हजार 884 लाभुकों को लाल एवं अंत्योदय कार्ड मुहैया कराया गया है जो गरीबी रेखा से नीचे गुजर बसर कर रहे हैं.
10 मार्च को टीम ने पूरे जिले के दुकानों का किया था औचक निरीक्षण
10 मार्च को मामले में उपायुक्त संदीप सिंह स्वयं एवं इनके द्वारा सभी प्रखंडों में गठित टीम द्वारा पी डी एस दुकानों पर औचक निरीक्षण के कार्य को अंजाम दिया गया था जिसमें कई राज का खुलासा हुआ था.
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पूरे जिले में फर्जीवाड़ा बढ़ सकता है
पूरे जिले में पीडीएस दुकानों से दोहरे लाभ 26 हजार 800 लोग ले रहे हैं वहीं, बाघमारा प्रखंड के अभी तक 4816 कार्ड पर लाभुक बाघमारा प्रखंड के विभिन्न स्थानों के पी डी एस दुकानों से राशन का उठाव कर रहे हैं तो दूसरी तरफ बिहार के विभिन्न जिलों में भी इनका कार्ड कार्यरत रहते हुए वहां से भी राशन का उठाव कर रहे हैं. सूत्र बताते है कि पूरे जिले के सभी प्रखंडों एवं नगर निगम क्षेत्र सहित चिरकुंडा नगर परिषद से ये आंकड़ा 26 हजार 800 अभी तक की है और उम्मीद है कि ये आंकड़ा 50 हजार पार कर सकता है.
अगर कार्रवाई हुई तो ये परेशानी होगी लाभुकों को
अगर इस फर्जीवाड़े में कार्रवाई हुई तो नियम है कि 28 रु की लागत से सरकार चावल खरीदती है उसके बाद लाभुक के उठाव तिथि से सूद सहित 42 रु की दर से वसूली करती है.