Heat Stroke in Jharkhand: गर्मी बढ़ने के साथ डायरिया समेत अन्य मौसमी बीमारियों का प्रकोप बढ़ गया है. वर्तमान में शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसएनएमएमसीएच) में डायरिया, फूड प्वाइजनिंग के लक्षण वाले मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है. तेज धूप में हीट स्ट्रोक के मरीजों की संख्या में भी बढ़े है. इससे बचने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने लोगों के लिए सुझाव जारी किया है. एसएनएमएमसीएच के मेडिसीन विभाग के एचओडी डॉ यूके ओझा बताते है कि गर्मी के दिनों में उल्टी दस्त के मरीज बढ़ जाते हैं.
आम दिनों में जहां 10-20 मरीज ही आते हैं तो वहीं इस समय यह संख्या बढ़कर 60-70 तक पहुंच रही है. वर्तमान में मेडिसीन विभाग के ओपीडी में उल्टी, तेज बुखार, कमजोरी, सिर दर्द, चक्कर आदि की शिकायत लेकर मरीज पहुंच रहे है. आम तौर पर यह हीट स्ट्रोक के लक्ष्ण है. बताया कि डायरिया से बचने के लिए सर्वप्रथम बाहर के खाने से पहरेज करना जरूरी है. गर्मी में तले-भूने भाेजन का सेवन करने से बचें. शीतल पेय का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें. वही हीट स्ट्रोक से बचने के लिए जरूरी है कि पेट को हमेशा भरा रखे. खाली पेट घर से बाहर नहीं निकले. नमक-चीनी का घोल, छाछ, नींबू-पानी, आम का शर्बत, लस्सी, तरबूज, खरबूजा, खीरा, ककड़ी आदि का सेवन करें. समय-समय पर शरीर को ठंठे पानी से पोछे.
आयुर्वेद चिकित्सक डॉ एसके राय ने लू व डायरिया से बचने के लिए ज्यादा से ज्यादा मौसमी फलों का सेवन करने की सलाह दी है. बताया कि गर्मी में बाहर के खाने से परहेज करना चाहिए. लू से बचने के लिए आयुर्वेदिक दवा जीवन रक्षक सुधा रामबाण की तरह काम करता है. इससे लू या हीट स्ट्रोक होने की संभावना लगभग समाप्त हो जाती है. गर्मी के दिनों से नियमित रूप से सुबह व शाम इस दवा के सेवन से लू से बचा जा सकता है.
होम्योपैथी चिकित्सक डॉ एमपी ठाकुर ने लू से बचाव के लिए लोगों को ग्लोनाइन-200 का सेवन करने की सलाह दी है. बताया कि लू से बचाव के लिए यह दवा इस्तेमाल में लायी जाती है. इसके सेवन से लू लगने की संभावना न के बराबर होती है. सुबह खाली पेट व रात में सोने के वक्त इस दवा का सेवा उत्तम है. डायरिया से बचाव के लिए बाहर व तले-भूने भोजन का सेवन से परहेज की सलाह व ज्यादा से ज्यादा फलों का सेवन करने की सलाह उन्होंने दी.
Also Read: झारखंड में इस दिन से मिल सकती है गर्मी से राहत, ठनका के साथ बारिश की संभावना