झरिया के पूर्व भाजपा विधायक संजीव सिंह द्वारा मांगी गयी इच्छा मृत्यु व मौत के बाद अंग दान करने के मामले में बुधवार को एमपी एमएलए न्यायालय के विशेष न्यायाधीश अखिलेश कुमार की अदालत में फिर सुनवाई हुई. संजीव सिंह के अधिवक्ता मो जावेद ने कहा है कि बेहतर इलाज उनका संवैधानिक अधिकार था, लेकिन उन्हें बेहतर इलाज की सुविधा नहीं दी जा रही है. गरिमा के साथ जीने नहीं दे रहे हैं, तो उन्हें इच्छा मृत्यु दे दी जाये. वहीं अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक अवधेश कुमार ने कहा कि सीआरपीसी में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है. इसलिए इस आवेदन को खारिज किया जाये. अदालत दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आदेश पारित करने की बात कही है.
महेंद्र हत्याकांड में गवाह पेश करने का आदेश
बगोदर के माले विधायक महेंद्र सिंह हत्याकांड की सुनवाई बुधवार को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश रजनीकांत पाठक की अदालत में हुई. अदालत में आरोपी कुणाल कौशल उपस्थित थे. जबकि इस केस के अन्य आरोपी जेल में बंद हार्डकोर नक्सली रमेश मंडल उर्फ साकिन दा को सीबीआइ के विशेष अदालत में पेश किया गया. अदालत ने सीबीआइ को गवाह पेश करने का आदेश देते हुए साक्ष्य के लिए अगली तिथि पांच सितंबर मुकर्रर कर दी है. उल्लेखनीय है कि 16 जनवरी 2005 को माले विधायक महेन्द्र सिंह की हत्या बगोदर से सभा कर लौटते समय दुर्गीधवैया गांव के समीप बाइक सवार अपराधियों ने कर दी थी.
मनीष सिंह ने किया सरेंडर, जमानत
लाॅकडाउन के दौरान कोयला भवन पर धरना प्रदर्शन कर निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने के मामले में संजीव सिंह के भाई सिद्धार्थ गौतम उर्फ मनीष सिंह ने बुधवार को अदालत में सरेंडर किया. धनबाद के प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी एमके इंदवार की अदालत ने अधिवक्ता रविंद्र कुमार की दलील सुनने के बाद मनीष को जमानत पर मुक्त करने का आदेश दिया है. प्राथमिकी सरायढेला थाना में बच्चा सिंह, मनीष सिंह, मन्नान मल्लिक, केपी गुप्ता, एके झा, शकील अहमद, गौर चंद्र चटर्जी, महेंद्र सिंह, संजीव श्रीवास्तव, मानस कुमार चटर्जी, विनोद मिश्रा, केके करण, अर्जुन सिंह, एसएस डे, प्रदीप सिन्हा, ललन चौबे, रामप्रीत यादव, बिंदेश्वरी प्रसाद, राम चंद्र पासवान समेत कुल 22 लोगों के विरुद्ध दर्ज की गयी थी.
प्रिंस की मां ने अदालत से लगायी गुहार ‘मेरे घर की ना हो कुर्की‘
धनबाद. शहजादे से रंगदारी मांगने के मामले में फरार चल रहे गैंग्स ऑफ वासेपुर के प्रिंस खान व गोपी खान के घर की कुर्की करने के आदेश के बाद प्रिंस की मां ने बुधवार को अदालत का दरवाजा खटखटाया. प्रिंस की मां नासरीन खातून ने अदालत में आवेदन देकर कहा कि वासेपुर स्थित उनका घर उनकी अपनी खरीदी गयी संपत्ति है. वह प्रिंस खान व गोपी खान की नहीं है. प्रिंस खान व गोपी खान से उनका कोई मतलब नहीं है. लिहाजा उनकी संपत्ति को कुर्क ना किया जाये. अदालत ने मामले पर सुनवाई के लिए 31 जुलाई की तारीख निर्धारित की है. नासरीन की ओर से अधिवक्ता एस एन मुखर्जी व उदय कुमार भट्ट ने बहस की.