धनबाद में पूर्व डिप्टी मेयर व कांग्रेस नेता नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या के षड्यंत्र के आरोप में बीते छह वर्षों से जेल में बंद झरिया के पूर्व भाजपा विधायक संजीव सिंह ने मंगलवार को अपनी जान की रक्षा की गुहार कोर्ट से लगायी है. जिला एवं सत्र न्यायाधीश अखिलेश कुमार की अदालत में संजीव सिंह की ओर से दलील देते हुए अधिवक्ता मोहम्मद जावेद ने कहा कि संजीव सिंह एसएनएमएमसीएच धनबाद की सीसीयू में सात दिन से जीवन और मौत से संघर्ष कर रहे हैं.
उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है. एक विचाराधीन कैदी के स्वास्थ्य, जीवन और उनके अंगों की रक्षा करना सरकार और जिला प्रशासन का दायित्व है. जावेद ने कहा कि मामले में मृतक नीरज सिंह की पत्नी कांग्रेस पार्टी की विधायक हैं, जो कि मौजूदा सरकार में शामिल हैं. इसलिए रिम्स रांची में संजीव सिंह की जान काे खतरा है. संजीव ने अपने आवेदन में आरोप लगाया है कि सरकार चाहती है कि वह जेल के अंदर या सरकारी अस्पताल में मर जायें.
संजीव ने अदालत से प्रार्थना की है कि उन्हें निजी खर्च पर धनबाद के असर्फी अस्पताल, एशियन जालान अस्पताल, पाटलिपुत्र नर्सिंग होम या धनबाद से बाहर सीएमसी वेल्लौर, मैक्स दिल्ली भेजने का आदेश दिया जाए, ताकि उनके जान, स्वास्थ्य और शरीर के अंगों की रक्षा हो सके. अधिवक्ता मोहम्मद जावेद एवं अपर लोक अभियोजक अवधेश कुमार की दलील सुनने के बाद अदालत ने जेल प्रशासन से अविलंब संजीव सिंह की स्वास्थ्य संबंधी वर्तमान रिपोर्ट तलब की है.
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पत्नी रागिनी सिंह ने कहा था कि राजनीतिक दबाव में उनके पति का उपचार नहीं हो रहा है. जेल एवं अस्पताल प्रशासन पक्षपात कर रहा है. उन्होंने सोमवार को एसएनएमएमसीएच अधीक्षक को पत्र लिख कर कहा था कि उनके पति को तत्काल निजी अस्पताल में रेफर करें. इलाज में जो भी खर्च आयेगा उसको वहन करने को तैयार हैं. रिम्स रांची में उनके पति की जान का खतरा है. वहां गलत इलाज कर कोई बड़ी अनहोनी घट सकती है. इसको देखते हुए रांची रिम्स को छोड़कर किसी भी सुपर स्पेशयलिटी हॉस्पिटल में इलाज कराने की आपके द्वारा अनुशंसा की जाये. ताकि उनका सही उपचार हो सके.