धनबाद/सिजुआ/केंदुआ : झरिया विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह के पूर्व चालक अजय रवानी उर्फ अजय राम को पुलिस ने रविवार को जेल भेज दिया. इससे पूर्व उसने पुलिस को कई अहम जानकारियां दी हैं. उसने अपने स्वीकारोक्ति बयान में गैंगस्टर अमन सिंह के साथ अपने संबंधों की चर्चा की है. उसने स्वीकार किया कि वह अमन सिंह के लिए काम करता था. ज्ञात हो कि गैंगस्टर अमन सिंह पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार की हत्या के मामले में आरोपी है. अपने बयान में उसने केंदुआडीह थाना पुलिस को बताया है कि वह पहले कोयला चोरी करता था. इस आरोप में वह जेल भी जा चुका है. अपने बयान में उसने स्वीकार किया है कि वह पिछले पांच-छह वर्षों से हर्ष सिंह की गाड़ी चला रहा था. पुलिस ने लंबी पूछताछ के बाद उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है. इस बीच केंदुआडीह थाना पुलिस अजय के बयान के आधार पर लगातार छापेमारी अभियान चला रही है.
पुलिस अजय के सहयोगी विजय सिंह और प्रवीण कुमार उर्फ लेदु की तलाश कर रही है, हालांकि दोनों अब भी पकड़ से दूर हैं. पुलिस सूत्रों के अनुसार अजय रवानी ने दुमका सेंट्रल जेल में बंद अपराधी अमन सिंह के शूटरों और अपराध की दुनिया के अपने सहयोगियों के भी नाम पुलिस को बताये हैं, हालांकि पुलिस कुछ भी विस्तृत बताने से इंकार कर रही है. जानकारों के अनुसार, पुलिस ने अजय रवानी को तीन थानाें में रख कर लगातार पूछताछ की. जिन थानों में उसे रखा गया, उसमें पुटकी, जोगता और केंदुआडीह थाना शामिल है. हालांकि इन थानों के थाना प्रभारियों ने कुछ भी बताने से साफ इंकार किया है.
बताते चलें कि 13 फरवरी को केंदुआडीह के लिफ्टर राजेश यादव पर गोली चली थी. वह बाल-बाल बचा था. इस मामले की छानबीन में जुटी पुलिस जोगता थाना क्षेत्र में बाइक चेकिंग अभियान चला रही थी. इसी दौरान नीले रंग की बाइक पर अजय रवानी उधर से गुजरा. जब पुलिस ने उसको राेक कर चेक किया, तो उसके पास से गाड़ी का कोई भी कागज नहीं मिला. बाइक किसी विजय सिंह के नाम पर निबंधित थी. जोगता थाना पुलिस ने बाइक चोरी के शक में उसे हिरासत में ले लिया और थाना लाकर कड़ाई से पूछताछ शुरू की. इसके बाद सब भेद खुलता चला गया. जब पुलिस को पता चला कि धनबाद में हाइप्रोफाइल खूनी खेल खेलने की तैयारी चल रही थी, तो वह सकते में आ गयी. तुरंत वरीय अधिकारियों को जानकारी दी गयी. चूंकि मामला एक बड़े घराने से जुड़ा था, इसलिए पुलिस फूंक-फूंक कर कदम रखने लगी.
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अमन सिंह ने दिया था राजेश यादव को मारने का आदेश
अजय रवानी ने अपने स्वीकारोक्ति बयान में बताया है कि वह पेशे से ड्राइवर है. वर्ष 2013 में कोयला चोरी के एक केस में जेल जा चुका है. पिछले 5-6 वर्षों से कांग्रेस नेता हर्ष सिंह की गाड़ी चला रहा था. हर्ष सिंह के कहने पर कभी-कभी झरिया विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह की भी गाड़ी चलाता था. उसकी दोस्ती लोयाबाद के मोलू सिंह, प्रवीण कुमार उर्फ लेदु, विजय सिंह व सागर नोनिया से है. वे लोग कोयला चोरी कर जीवनयापन करते हैं. विजय उनके संपर्क में रहता था. अजय के अनुसार, मोलू सिंह अभी हजारीबाग जेल में बंद है. वह उससे मिलने हजारीबाग जेल गया था और उससे व्हाट्सऐप पर भी बातचीत होती रहती है. विजय सिंह जेल में बंद गैंगस्टर अमन सिंह से बात करता है. विजय ने ही उसकी बात अमन सिंह से करवायी थी. बातचीत के दौरान अमन सिंह ने विजय सिंह को कहा था कि केंदुआ पुल के पास रहनेवाला राजेश यादव बड़ा कोयला व्यापारी है. उसको पहले भी रंगदारी के लिए फोन किये हैं, लेकिन वह रंगदारी नहीं दे रहा है. उसको जान से मारना है.
अपने बयान में अजय ने कहा है कि उसे दिन याद नहीं, पर नौ या 10 फरवरी को विजय सिंह ने उसको बोला कि बोकारो जाओ, वहां राहुल और अरुण बोकारो बस स्टैंड के पास खड़े होंगे. उनको लेकर अपने घर आ जाओ. उसी दिन पूर्वाह्न लगभग साढ़े दस से 11 बजे के बीच वह विजय सिंह की बाइक से बोकारो गया. वहां विजय सिंह के बताये अनुसार दोनों लोगों को बस स्टैंड के पास से लेकर अपनी बाइक से अपने घर भटमुरना ले आया. फिर उसी दिन शाम में तीन से चार बजे के बीच विजय सिंह और प्रवीण कुमार उर्फ लेदु एक बाइक से उसके घर भटमुरना आये. वहीं पर उसको पता चला कि राहुल सिंह और अरुण साव गैंगस्टर अमन सिंह के शूटर हैं. वहां पर कुछ देर रुकने के बाद विजय सिंह, लदु, राहुल सिंह और अरुण दो बाइक पर सवार होकर वहां से निकल गये. रात में फिर राहुल सिंह और अरुण को उसने अपने घर से सटे ससुराल में रुकवाया. अगले दिन लेदु बाइक से आया, फिर राहुल, अरुण और लेदु एक ही बाइक पर सवार होकर निकल गये. वे लोग दिन भर बाहर रहते थे और राजेश यादव की रेकी करते थे.
रेकी करने में सागर नोनिया भी जाता था. रात में उसके घर से सटी ससुराल के खाली घर में आकर रहते थे. 12 फरवरी को विजय सिंह, प्रवीण कुमार उसके घर पर लगभग आठ बजे रात में आये और वहीं पर तय हुआ कि कल राजेश यादव को मार देना है. उसी रात लगभग 11 बजे विजय सिंह और लेदु दोनों शूटरों (राहुल सिंह व अरुण साव) को अपने साथ लेकर चले गये. अगले दिन विजय ने उसको बोला कि राजेश यादव पर गोली चली, लेकिन वो बच गया. गोली राहुल सिंह और अरुण साव ने चलायी और मोटरसाइकिल लेदु चला रहा था. गोली चलाने के बाद लेदु ने मोटरसाइकिल से ही राहुल सिंह और अरुण साव को बोकारो ले जाकर छोड़ दिया. गोली चलाने के कुछ दिन बाद फिर विजय सिंह, सागर नोनिया व प्रवीण ने मिलकर राजेश यादव को मोबाइल से धमकी दी कि पैसा दो नहीं तो जान से मार देंगे.
धमकी विजय सिंह ने फोन लगाकर राजेश यादव को दी थी. बाद में पुलिस ने सागर नोनिया को पकड़ लिया. सागर के पकड़े जाने के बाद विजय सिंह ने अजय रवानी को अपनी मोटरसाइकिल दे दी और बाहर भाग गया. अजय विजय सिंह की मोटरसाइकिल से घर से धनबाद जा रहा था कि जोगता में पुलिस ने चेकिंग के दौरान उसे पकड़ लिया. उसके पास मोटरसाइकिल के कागजात नहीं थे. मोटरसाइकिल का नंबर जेएच 10सीसी 6171 है, जो विजय सिंह की है. अपराधियों को ले जाने व राजेश यादव के घर के पास रेकी करने में भी इस बाइक का इस्तेमाल हुआ था.