धनबाद : एक बहुत पुरानी कहावत है कि पुलिस के हाथ बहुत लंबे होते है. अपराधी कहीं भी भाग जाये. पुलिस उसे पकड़ ही लेगी. लेकिन फिलहाल के संदर्भ में यह कहावत धनबाद पुलिस पर सटिक नहीं बैठ रही. क्योंकि धनबाद के कई बड़े अपराधी हैं, जिसे पुलिस कभी नहीं पकड़ पायी है. वे खुलेआम पुलिस को चुनौती दे रहें.
सुरेश सिंह हत्याकांड का मुख्य आरोपी शशि सिंह ने फरारी में ही शादी कर ली. आज उसके दोनों बच्चे स्कूल जाने लगे. पत्नी आसनी सिंह बलिया से जिला परिषद का चुनाव लड़ीं. यह सारी जानकारी पुलिस को है, फिर भी शशि आज तक पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा. इसके अलावा भी कई मामले धनबाद में दिख जायेंगे, जिनमें अपराधी या आरोपी पुलिस की पहुंच से काफी दूर हैं.
धनबाद जिला में एक नहीं, तीन-तीन आइपीएस अधिकारी का पद है. एसएसपी, सिटी एसपी और ग्रामीण एसपी. अभी पिछले कुछ माह से सिटी एसपी का पद खाली है. दो आइपीएस की निगरानी में जिला है. इसके अलावा आधा दर्जन से अधिक डीएसपी हैं. उसके बाद भी कई पुराने अपराधी और आरोपी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं.
इस कारण आये दिन अपराधियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन और पीड़ित परिवार द्वारा वरीय अधिकारियों को आवेदन दिया जाता रहा है. इसके बाद भी अपराधी पकड़े नहीं जाते. दूसरी ओर धनबाद पुलिस का सूचना तंत्र भी जैसे फेल हो चुका है. बड़ी घटनाएं होती है. शूटर आकर घटना को अंजाम देकर आसानी से फरार हो जाते हैं, लेकिन किसी को पता तक नहीं चल पाता. पुलिस की ओर से बयान में सिर्फ इतना कहा जाता है कि अपराधियों की तलाश जारी है.
सात दिसंबर 2011 को धनबाद क्लब में नुनू सिंह के बेटे की शादी में कांग्रेस के दिग्गज नेता और बड़े व्यवसायी सुरेश सिंह शामिल होने आये थे. इसी समारोह में बलिया के पूर्व जिप अध्यक्ष रामधीर सिंह का बेटा शशि सिंह भी आया था. इस दौरान सुरेश सिंह की हत्या हो गयी. हत्या का आरोप शशि सिंह पर लगा, लेकिन घटना के बाद शशि सिंह फरार है. फरारी में शादी की, दो बच्चे हुए. 11 साल बाद भी पुलिस शशि सिंह को गिरफ्तार नहीं कर पायी.
18 अक्तूबर 2001 को गैंगस्टर फहीम खान की मां नजमा खातून व मौसी शहनाज खातून पर डायमंड क्रॉसिंग के फहीम का पड़ोसी और उसका सबसे बड़ा दुश्मन साबिर आलम अपने लोगों बाबू, असगर अगरबत्ती वाला, पप्पू अगरबत्ती वाला, लाडले, मिन्हाज व अशफाक के साथ मिलकर हत्या कर दी. इस मामले में साबिर ने कोर्ट में आत्मसमर्पण किया और वर्ष 2013 में बेल से बाहर निकला. इसके बाद से वह फरार है. पुलिस आज तक साबिर को नहीं पकड़ सकी. जबकि उसके साथ मिल कर हत्या करने वाले बाबू, असगर अगरबत्ती वाला, पप्पू अगरबत्ती वाला, लाडले, मिन्हाज व अशफाक उसी समय से फरार हैं.
12 मई 2021 को वासेपुर निवासी जमीन कारोबारी लाला खान की हत्या वासेपुर में जब्बार मस्जिद के पास गोली मार कर की गयी. हत्या का आरोप मृत पप्पू पाचक के भाइयों के अलावा अमन सिंह गिरोह के लिए काम करने वाला आशीष रंजन पर लगा. इस मामले में अभी भी मुख्य आरोपी मिस्टर खान और उसके एक भाई के अलावा आशीष रंजन फरार हैं. फरारी में ही कई घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. पुलिस आज तक न तो मिस्टर खान और उसके भाई को पकड़ पायी. आशीष रंजन भी पुलिस की पकड़ से बाहर है.