धनबाद, मनोज रवानी : कतरासगढ़ रेलवे स्टेशन धनबाद के महत्वपूर्ण स्टेशनों में एक है, पर हालत यह है कि यहां आने वाले यात्री को अगर प्यास लग जाये, तो वह तड़पते रह जाते हैं. यहां यात्रियों के लिए दो छोटे-छोटे शेड बनाये गये हैं, लेकिन 37 बेंच पर लोगों के बैठने की क्षमता वाले इलाके के लिए सिर्फ चार पंखा है. इतना ही नहीं इतने पुराने रेलवे स्टेशन पर अब तक फुटओवर ब्रिज की सुविधा नहीं है. इस वजह से लकड़का पांच नंबर, मलकेरा समेत अन्य गांव के लोगों को बाजार आने के लिए रेल लाइन पार करना पड़ता है. स्कूल जाने वाले बच्चे भी रेलवे लाइन पार कर आते-जाते हैं.
ज्ञात हो कि भारतीय रेल मंडल में सबसे अधिक राजस्व देने वाले धनबाद रेल मंडल के महत्वपूर्ण स्टेशन कतरासगढ़ की धनबाद से दूरी मात्र 13 किलोमीटर है. क्या है वस्तुस्थिति यह जानने के लिए प्रभात खबर की टीम बुधवार को जब कतरासगढ़ स्टेशन पहुंची, तो कई कमियां दिखीं. प्लेटफाॅर्म के दोनों छोर पर महिला, पुरुष व दिव्यांगों के लिए शौचालय है, लेकिन इसमें ताला लगा हुआ है. स्टेशन के बाहर का शौचालय भी टेंडर की समयसीमा खत्म हो जाने के कारण एक माह से बंद है. इस वजह से अगर किसी को शौच लग जाये, तो मुसीबत हो जाती है.
प्लेटफॉर्म की ऊंचाई है कम, ट्रेन पर चढ़ने में होती है परेशानी
प्लेटफॉर्म संख्या एक की ऊंचाई कम होने के कारण ट्रेन पर चढ़ने में यात्रियों को परेशानी होती है. यहां काफी कम देर कोई भी ट्रेन रुकती है, ऐसे में उस पर चढ़ने में परेशानी हो जाती है. खास कर महिलाएं, वृद्ध और दिव्यांग तबाह हो जाते हैं. बुधवार को दोपहर जब धनबाद-एल्लेपी एक्सप्रेस वहां रुकी, तो यात्रियों को तबाही हो गयी, क्योंकि ट्रेन दो मिनट रुकती है और इतने में ट्रेन में सामान के साथ यात्री का चढ़ना मुश्किल है.
निर्माण के छह माह बाद ही हालत खराब
छह माह पहले ही प्लेटफॉर्म संख्या दो व तीन पर ढलाई कर इसकी ऊंचाई बढ़ायी गयी थी, लेकिन बारिश के बाद स्थिति यह हो गयी है कि बालू व गिट्टी बाहर आ गये. प्लेटफॉर्म संख्या एक पर जगह-जगह पानी जमा हुआ है.
खाली है अग्निशमन बाल्टी
स्टेशन पर आग से सुरक्षा को लेकर कितनी सजगता है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि प्लेटफॉर्म पर रखी गयी अग्निशमन बाल्टी खाली थी. इसमें बरसात का पानी भर गया है, जबकि इसमें बालू भरा होना चाहिए.
अमृत भारत योजना से आस
कतरासगढ़ स्टेशन अमृत भारत योजना में शामिल है. इसके तहत स्टेशन के पुनर्विकास पर 26.90 करोड़ रुपये खर्च किये जाने हैं. यात्री सुविधाओं का विस्तार होना है. अब लोगों को इसी से आस है.
पानी के लिए 11 पोस्ट, पर सिर्फ एक से आता है पानी
प्लेटफॉर्म संख्या एक पर पानी के लिए तीन पोस्ट हैं, पर पानी सिर्फ एक से आता है. उसकी स्थिति भी इतनी खराब है कि पानी पीने से ही मन खराब हो जाये. दूसरी ओर प्लेटफॉर्म संख्या दो और तीन पर चार पोस्ट हैं, पर किसी से पानी नहीं आता.
प्लेटफॉर्म पर पशुओं का कब्जा
स्टेशन पर पशुओं का कब्जा है. ये पशु गंदगी फैलाने से लेकर आपस में लड़ते रहते हैं. इससे लोगों को काफी परेशानी हो जाती है.
-वेटिंग रूम, आरपीएफ बैरक में सीपेज
स्टेशन के एक वेटिंग रूम में वातानुकूलित प्रतीक्षालय का बोर्ड तो लगा है, लेकिन उसमें एसी नहीं है. भवन की स्थिति भी खंडर जैसी है. छत से सीपेज होता है. वहीं महिलाओं के लिए बनाये गये स्लीपर क्लास के प्रतीक्षालय का फॉल्स सिलिंग गिर रहा है. आरपीएफ के बैरक में भी सीपेज है.
स्टेशन परिसर में पार्किंग
स्टेशन परिसर को रेल कर्मचारियों ने पार्किंग बना दिया है. यहां 20 से अधिक वाहन खड़े रहते हैं. स्टेशन परिसर के बाहर पार्किंग की व्यवस्था है, लेकिन लोग अंदर वाहन पार्क करते हैं.