22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

झारखंड: धनबाद में भू-धंसान, बाल-बाल बचा मजदूर का परिवार, पड़ोस की महिला जहरीली गैस से बेहोश, अस्पताल में भर्ती

दैनिक मजदूर विनोद विश्वकर्मा के घर के बाथरूम में शनिवार को लगभग साढ़े चार फीट के दायरे में गहरा भू-धंसान हो गया. इसमें उसका परिवार बाल-बाल बच गया, जबकि घर से सामान निकलने के क्रम में पड़ोस में रहनेवाले समीर की पत्नी सुजाता देवी भू-धंसान स्थल से निकल रही जहरीली गैस से बेहोश हो गयी.

केंदुआ (धनबाद), रत्नेश मिश्रा: बीसीसीएल कुसुंडा क्षेत्र की एनजीके कोलियरी अंतर्गत कुसुंडा केडीएसके साइडिंग से महज कुछ दूरी पर गोधर 6 नंबर(अग्नि प्रभावित)क्षेत्र में रह रहे दैनिक मजदूर विनोद विश्वकर्मा के घर के बाथरूम में शनिवार को लगभग साढ़े चार फीट के दायरे में गहरा भू-धंसान हो गया. इसमें उसका परिवार बाल-बाल बच गया, जबकि घर से सामान निकलने के क्रम में पड़ोस में रहनेवाले समीर की पत्नी सुजाता देवी भू-धंसान स्थल से निकल रही जहरीली गैस से बेहोश हो गयी, जिसे प्रबंधन ने एम्बुलेंस से अस्पताल भेज दिया.

विनोद विश्वकर्मा की पत्नी ने भू-धंसान की दी जानकारी

घटना के बारे में विनोद विश्वकर्मा की पत्नी आशा देवी ने बताया कि सुबह जब पांच बजे झाड़ू लगाने के लिये जब वह उठीं, तो घर का फर्श ज्यादा गर्म पाया. इसके बाद बाथरूम में गयी तो गैस निकलती दिखाई पड़ी. इससे डर गयी. थोड़ी देर बाद वापस लौटी व घर का सामान परिवार के अन्य लोगों के साथ बाहर निकालने लगी. इसी बीच लगभग नौ बजे अचानक बाथरूम में भू-धंसान हुआ. इससे गर्म जहरीली गैस निकलने लगी.

Also Read: जयपाल-जुलियुस-हन्ना साहित्य अवार्ड: अरुणाचल प्रदेश, महाराष्ट्र व पश्चिम बंगाल के तीन युवा लेखक होंगे सम्मानित

पड़ोस की महिला जहरीली गैस से हुआ बेहोश

विनोद विश्वकर्मा की पत्नी बताती हैं कि घर से सामान निकालने के क्रम में पड़ोस में रहनेवाली सुजाता गैस की चपेट में आने से अचेत जैसी हो गयी. आशा देवी ने आगे बताया कि घर के पीछे के कमरे का फर्श दो तीन माह पूर्व से ही गर्म था, जिसकी सूचना एनजीके कोलियरी प्रबंधन को देकर क्वार्टर की मांग की थी, लेकिन प्रबंधन ने क्वार्टर नहीं होने के बात कहकर रवानी बस्ती के समीप लाल बंगले में जाकर रहने को कहा था.

Also Read: झारखंड: जमशेदपुर एफसी के फुटबॉलर सेमिनलेन डौंगेल ने गृह मंत्री अमित शाह पर की अमर्यादित टिप्पणी, मांगी माफी

प्रबंधन से सुरक्षित जगह बसाने की मांग

आशा देवी ने बताया कि लाल बंगले में खिड़की, दरवाजा नहीं रहने व चारों ओर जंगल-झाड़ के कारण हमलोग वहां नहीं गये. इसी बीच ये घटना हो गयी. अब मजबूरी में लाल बंगला में जाना होगा. हमलोग रोज कमाने खानेवाले गरीब लोग वहां कैसे रहेंगे. प्रबंधन सुरक्षित स्थान पर हमें बसाने का कार्य करे.

Also Read: VIDEO: गैंग्स ऑफ वासेपुर के प्रिंस खान ने धनबाद में गोलीबारी की ली जिम्मेवारी

लाल बंगले में इन्हें कराया गया शिफ्ट

भू-धंसान की घटना के बाद स्थानीय लोगों ने मासस के केंद्रीय सचिव हरि प्रसाद पप्पू को सूचित किया, इसके बाद हरि प्रसाद पप्पू ने एनजीके कोलियरी प्रबंधन से फोन पर बात कर पीड़ित परिवार को तत्काल सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट कराने व अधिकारी को घटनास्थल पर भेजने की मांग की, जिसके बाद एनजीके कोलियरी के सेफ्टी ऑफिसर प्रदीप मिश्रा अपने सहयोगियों के साथ व गोधर कोलियरी के बीसीकेयू नेता विवेक कुमार घटनास्थल पहुंचे. इसके बाद पीड़ित परिवार सहित आस-पास रह रहे कुल छह परिवार सनोज विश्वकर्मा, प्रमोद विश्वकर्मा, मनोज विश्वकर्मा, समीर विश्वकर्मा व सरजू विश्वकर्मा के परिवार को भू-धंसान स्थल के जद से हटने का आग्रह कर तत्काल रवानी बस्ती के समीप लाल बंगले में शिफ्ट करने के लिये गाड़ी मुहैया करायी.

Also Read: VIDEO: धनबाद के बैंक मोड़ पर दिनदहाड़े फायरिंग, इलाके में दहशत

विरोध के बीच पीड़ित परिवारों को लौटना पड़ा

भू-धंसान स्थल के पास रहनेवाले छह परिवार शिफ्ट करने के लिये लाल बंगला समान लेकर पहुंचे. इसके बाद लाल बंगला के पास मौजूद कुछ लोगों ने भू-धंसान स्थल के पास से आये लोगों का विरोध करना शुरू कर दिया. इसके बाद भू-धंसान स्थल के समीप से लाल बंगला रहने गये छह परिवार समान सहित वापस लौट गये व भू-धंसान स्थल के पास टेंट डाल बैठ गये. घटना की सूचना मिलने के बाद पूर्व मंत्री मन्नान मल्लिक गोधर पहुंचे व पीड़ित परिवारों से बात की. मामले में पूर्व मंत्री मन्नान मल्लिक ने बताया कि कुसुंडा जीएम से संपर्क नहीं हो पाया. धनबाद एसडीओ व स्थानीय थाना प्रभारी से बात हुई है. पीड़ित परिवारों को तत्काल सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट कराया जाये.

Also Read: विश्व आदिवासी दिवस: देश के पहले आदिवासी विधायक थे दुलू मानकी, जिन्होंने 1921 में चाईबासा से जीता था चुनाव

पीड़ितों का ये है दर्द

गोधर 6 नंबर बस्ती स्थित कुसुंडा एरिया के क्षेत्रीय विद्युत सब स्टेशन के समीप बीते 26 मई को हुये आठ फीट भू-धंसान स्थल के 50 मीटर के दायरे में रहनेवाले मनोज पासवान की पत्नी बसंती देवी ने घर के कमरे के फर्श में बढ़ रही दरार को दिखाते हुये कहा कि गोफ होने के बाद से रोज दहशत में हमलोग रह रहे हैं. घर के कमरे में फर्श की दरार बढ़ रही है. पति मनोज टेंपू चलाकर किसी तरह परिवार का भरण-पोषण करते हैं. प्रबंधन से घटना के बाद कई बार सुरक्षित स्थान पर क्वार्टर देने के लिये गुहार लगायी, लेकिन प्रबंधन ने अनसुना कर दिया.

सुरक्षित स्थान पर बसाने की मांग

गोधर 6 नंबर नगीना पासवान ने बताया कि यहां 150 से 200 परिवारों को शिफ्ट कराना जरूरी है, जिसमें 15 से 20 परिवारों को शिफ्ट कराना बेहद जरूरी है. 26 मई को हुई घटना के बाद एनजीके प्रबंधन को हमलोगों ने सुरक्षित स्थान पर बसाने की मांग की है, लेकिन प्रबंधन ने अभी तक कोई ठोस पहल नहीं की है.

बहकावे में नहीं आएं, लाल बंगला में रहें

इस संबंध में कुसुंडा जीएम वीके गोयल ने पूछे जाने पर बताया कि भू-धंसान स्थल के पास रहनेवाले परिवारों के लिये वैकल्पिक व्यवस्था प्रबंधन की ओर से लाल बंगला में रहने के लिये किया गया है. किसी के बहकावे में लोग वापस लौट आये हैं. लोगों से अपील है कि सुरक्षित स्थान पर जाकर रहें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें