Dhanbad News: लॉ कॉलेज धनबाद में शासी निकाय के सचिव राहुल महतो और प्राचार्य प्रो अमरेश चौधरी के बीच जारी विवाद चरम पर है. प्रो अमरेश चौधरी ने पिछले एक सप्ताह से कॉलेज में जाना छोड़ दिया है. वहीं सचिव के निर्देश पर प्रो कमल किशोर प्रभारी प्राचार्य के तौर काम कर रहे हैं. इस बीच प्रो अमरेश चौधरी ने कॉलेज के कुछ कर्मचारियों पर वित्तीय गड़बड़ी का आरोप लगाया है. उनका दावा किया है कि गड़बड़ी करने वाले कर्मी सचिव राहुल महतो के करीबी हैं.
प्रभात खबर को दिखाये साक्ष्य
उन्होंने प्रभात खबर को साक्ष्य दिखाते हुए दावा किया है कि संजय कुमार ठाकुर नाम के एक छात्र ने 2021 में कॉलेज के एलएलबी प्रोग्राम में नामांकन लिया था. उस छात्र ने नामांकन शुल्क के रूप में कॉलेज के अकाउंट में 30,500 रुपये का भुगतान किया था. लेकिन कॉलेज के कर्मचारी ने उसे सिर्फ 22 हजार रुपये की रसीद दी. उन्होंने मामले की जांच करने की कोशिश की, तो उन्हें सचिव उन्हें हटाने का प्रयास कर रहे हैं.
प्राचार्य अमरेश चौधरी ने अभी तक नहीं दिया है प्रभार
अमरेश चौधरी ने कहा कि उन्होंने अभी तक किसी अन्य को प्रभार नहीं दिया है. गौरतलब है कि सचिव राहुल महतो ने 12 अगस्त को अपने स्तर पर निर्णय लेते हुए अमरेश चौधरी को प्राचार्य के पद से निलंबित कर दिया था. इससे पहले उन्होंने 10 अगस्त को अमरेश चौधरी को प्राचार्य के पद से हटा कर प्रो कमल किशोर को प्राचार्य का प्रभार देने का आदेश जारी किया था. लेकिन तब प्रो अमरेश चौधरी चौधरी ने सचिव के आदेश को गैरकानूनी करार देते हुए प्रो कमल किशोर को प्रभार देने से इंकार कर दिया था. इसके बाद सचिव ने उन्हें निलंबित करने का आदेश जारी किया था.
जीबी के आदेश के बगैर प्राचार्य बनाये गये थे
दूसरी ओर सचिव के समर्थकों का कहना है कि जब प्रो अमरेश चौधरी को प्रभार दिया गया था. तब भी शासी निकाय से मंजूरी बाद में ली गयी थी. इस बार भी सचिव ने उन्हें प्रो कमल किशोर को प्रभार देने का निर्देश दिया था. लेकिन उन्होंने इस आदेश का उल्लंघन कर प्रभार देने से इंकार कर दिया. इसके बाद ही निलंबित करने का निर्णय लिया था. अमरेश चौधरी पर साथ सचिव के समर्थकों ने आरोप लगाया है कि अब जब वह निलंबित है और कॉलेज नहीं आ रहे हैं. तो उन्होंने प्रभार दे देना चाहिए. लेकिन वह नहीं दे रहे हैं. उल्टा ही कई जरूरी फाइल और अलमारी की चाभी भी नहीं दे रहे हैं. इससे कॉलेज के दौनिक कार्य में परेशानी आ रही है. उन्होंने साथ ही कॉलेज के अधिकारिक इ-मेल आइडी के पासवर्ड को बदल दिया है. इन आरोपों पर अमरेश चौधरी ने बताया कि वह शासी निकाय के अध्यक्ष के निर्देश पर अपना प्रभार नहीं दिया है. उन्हें हटाने के लिए शासी निकाय के सदस्यों को विश्वास में नहीं लिया गया है.
क्या कहते हैं अधिकारी
अमरेश चौधरी के सभी आरोप बेबुनियाद हैं. उन्हें प्रभार सौंपने का निर्देश मैंने पहले दिया था. ऐसा मैंने सचिव पद में निहित शक्तियों के आधार पर किया था. उन्होंने हटाने संबंधी आदेश को मैं शासी निकाय की बैठक में भी पास करवा लुंगा. इसके लिए अगले दो सप्ताह के भीतर शासी निकाय की बैठक बुलायी जायेगी.
राहुल महतो, सचिव – शासी निकाय, लॉ कॉलेज धनबाद