Jharkhand News: धनबाद के आशीर्वाद टावर अपार्टमेंट में भीषण अग्निकांड के बाद लोग सहमे हैं. शहरीकरण के दौड़ और कोयला क्षेत्र होने के कारण धनबाद शहर में अपार्टमेंट का जाल बिछता जा रहा है. अब ऐसा कोई इलाका नहीं जहां कोई ना कोई अपार्टमेंट नहीं है. बाहर से आकर नाैकरी करनेवालों और आसपास के कोलियरी इलाकों के लोगों की सुविधा के नाम पर यहां बिल्डरों की चांदी हो गयी है. हद तो यह है कि अधिकांश बिल्डर अपार्टमेंट बनाने के मानक का पालन केवल कागजों पर करते हैं. हालात क्या है, इसकी पड़ताल प्रभात खबर की टीम ने की, तो हालात उत्साहवर्धक नहीं लगे.
क्या कहते हैं अपार्टमेंट में रहनेवाले लोग
बेकारबांध में एक अपार्टमेंट में रहनेवाले वाले अशोक कुमार ने कहा कि बिल्डर ने फ्लैट लेने के पहले कई वादे किये इसमें 30 फीसदी काम आज तक पूरा नहीं हुआ. फायर फाइटिंग की व्यवस्था है, लेकिन कभी मॉक ड्रिक नहीं किया गया. अगर कभी अगलगी की घटना घट गयी स्थिति काफी बूरा हो जायेगा.
कभी फायर फाइटिंग को लेकर मॉक ड्रिल नहीं हुआ
सरायढ़ेला क्षेत्र में एक अपार्टमेंट में रहनेवाले मनोज कुमार ने कहा कि आशीर्वाद टावर में हुई हादसा से हमलोग भी सहम गये हैं. अपार्टमेंट में फायर फाइटिंग के नाम पर कुछ अग्निशमक यंत्र है. कभी भी उसका मॉकड्रिल नहीं किया गया है. घटना के बाद बिल्डर को अग्निशमक यंत्र की जांच कर कैसे उसका उपयोग होगा, इसके बारे में बताने के लिए कहा गया है.
किस इलाके में अपार्टमेंट का क्या है हाल
गोविंदपुर रोड धनबाद का बहुत ही तेजी से बसता हुआ इलाका बना हुआ है. यहां पर कई अपार्टमेंट में आग से बचाव की कोई व्यवस्था नहीं है. झाड़ूडीह, बेकारबांध, हीरापुर, बैंकमोड़, जयप्रकाश नगर सहित लगभग सभी इलाकों में कमोबेस एक सी स्थिति है. जहां व्यवस्था है भी वहां पर देखरेख के अभाव में वह बरबाद हो गया है.
क्या कहता है नियम
15 मीटर के ऊपर बिल्डिंग पर फायर एडवाइजरी लेना अनिवार्य है. फायर ब्रिगेड के एनओसी के बाद ओकेपेंसी सर्टिफिकेट देने का प्रावधान है. अगर बिल्डिंग चार मंजिला है तो कम से कम बीस फीट की सड़क होनी चाहिए. बिल्डिंग का फ्रंट सेट बेक जरूरी है. बिल्डिंग का फ्रंट सेट बैक के बिना नक्शा पास नहीं होता है. नक्शा में फ्रंट सेट बैक तो दिखाया जाता है, लेकिन इसके लिए जगह नहीं छोड़ी जाती है.