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झारखंड : हाई बीपी के कारण नहीं हो सका संजीव सिंह का MRI, कोर्ट के आदेश पर लाया गया था डाग्योनेस्टिक सेंटर

पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या के मामले में पिछले छह साल से जेल में बंद झरिया के पूर्व बीजेपी विधायक संजीव सिंह का बीपी बढ़ जाने एवं सिर में तेज दर्द होने के कारण एमआरआई नहीं हो पाया. वहीं, अल्ट्रासाउंड भी नहीं हो सका.

Jharkahnd News: झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह का बीपी बढ़ जाने एवं तेज सिर दर्द के कारण एमआरआई नहीं हो पाया. वहीं, अल्ट्रासाउंड भी नहीं हो सका. शुक्रवार को कड़ी सुरक्षा के बीच पूर्व विधायक को जांच के लिए सरायढेला स्थित आविष्कार डाग्योनेस्टिक सेंटर लाया जाया गया.

चिकित्सकों की सलाह पर रोकी गयी एमआरआई एवं अल्ट्रासाउंड की जांच

कोर्ट के आदेश पर जेल प्रशासन ने शुक्रवार को पूर्व विधायक को एमआरआई एवं अल्ट्रासाउंड के लिए निजी जांच घर भेजा था. लेकिन, वहां पहुंचने के बाद पूर्व विधायक को तेज सिर दर्द शुरू हो गया. सूत्रों के अनुसार, उनका रक्तचाप भी बढ़ कर 180/100 हो गया. साथ ही बैचेनी भी हो रही थी. एमआरआई मशीन में ले जाने की कोशिश हुई. बाद में वहां मौजूद डॉक्टरों की सलाह पर उनका एमआरआई एवं अल्ट्रासाउंड जांच रोक दी गयी. वापस उन्हें एसएनएमएमसीएच भेज दिया गया. इस दौरान तीन चिकित्सकों की टीम वहां मौजूद थी.

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निजी अस्पताल में इलाज की मांगी थी अनुमति

पूर्व विधायक जो अप्रैल 2017 से धनबाद मंडल कारा में बंद हैं ने अदालत से किसी निजी अस्पताल में इलाज कराने की इजाजत मांगी थी. गुरुवार को अदालत ने यहां के किसी निजी अस्पताल में एमआरआई, अल्ट्रासाउंड सहित अन्य जांच जो एसएनएमएमसीएच में नहीं होता है कराने को कहा था. जेल अधीक्षक को जांच केंद्र चुनने के लिए कहा गया था. शुक्रवार को जेल प्रशासन की तरफ से पूर्व विधायक को आविष्कार जांच घर लाया गया. सूत्रों के अनुसार, अब कोर्ट के आदेश पर आगे का निर्णय होगा.

संजीव सिंह की इच्छा मृत्यु की अर्जी को स्पेशल कोर्ट ने की थी खारिज

बता दें कि एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश अखिलेश कुमार की कोर्ट ने संजीव सिंह द्वारा मांगी गयी इच्छा मृत्यु और मौत के बाद अंगदान की अर्जी को खारिज कर दिया. वहीं, कोर्ट ने धनबाद के किसी प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज कराने के संजीव सिंह की अर्जी पर जेल अधीक्षक को निर्देश दिया था कि धनबाद के किसी अस्पताल में भेज कर जांच करायी जाए.

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कोर्ट में सौंपी गयी थी स्वास्थ्य संबंधी रिपोर्ट

इस संबंध में पूर्व विधायक संजीव सिंह के अधिवक्ता मो जावेद ने बताया कि जेल प्रशासन ने संजीव सिंह की स्वास्थ्य संबंधी रिपोर्ट कोर्ट में सौंपी थी. 22 जुलाई को कोर्ट में शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हाॅस्पिटल और सिविल सर्जन कार्यालय द्वारा कोर्ट में रिपोर्ट पेश की गयी थी. एसएनएमएमसीएच ने अपनी रिपेार्ट में कहा था कि पूर्व में संजीव सिंह को बेहतर इलाज के लिए रिम्स रांची भेजे जाने की अनुशंसा की गयी थी. वहीं, सिविल सर्जन कार्यालय की रिपोर्ट में बताया गया है कि उन्हें जो बीमारी है, उसका इलाज एशियन जलान व असर्फी अस्पताल में भी उपलब्ध है. बता दें कि एसएनएमएमसीएच में यूएसजी और एमआरआई की जांच की व्यवस्था नहीं है.

संजीव के अधिवक्ता ने अस्पताल प्रबंधन पर लगाये गंभीर आरोप

संजीव सिंह के अधिवक्ता मो जावेद ने बातचीत के दौरान एसएनएमएमसीएच प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पूर्व विधायक का इलाज 11 जुलाई से एसएनएमएमसीएच में चल रहा है. पिछले 16 दिनों के अंदर उनके स्वास्थ्य में भारी गिरावट आयी है. उनके शरीर का रंग बदल गया है. अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें कौन-सी दवांए दी है, जिससे यह बदलाव हुआ है. इस पर मंथन किया जा रहा है. निष्कर्ष पर पहुंचते ही आगे की रणनीति बनायी जाएगी.

Also Read: झरिया पूर्व विधायक संजीव सिंह की इच्छा मृत्यु मामले में फिर हुई सुनवाई, अदालत ने कही यह बात

पूर्व विधायक संजीव की इच्छा मृत्यु मामले में फिर हुई थी सुनवाई

पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या के मामले में बीते छह वर्षों से जेल में बंद झरिया के पूर्व बीजेपी विधायक संजीव सिंह द्वारा मांगी गयी इच्छा मृत्यु व मौत के बाद अंग दान करने के मामले में बुधवार को एमपी एमएलए न्यायालय के विशेष न्यायाधीश अखिलेश कुमार की अदालत में फिर सुनवाई हुई. संजीव सिंह के अधिवक्ता मो जावेद ने कहा है कि बेहतर इलाज उनका संवैधानिक अधिकार था, लेकिन उन्हें बेहतर इलाज की सुविधा नहीं दी जा रही है. गरिमा के साथ जीने नहीं दे रहे हैं, तो उन्हें इच्छा मृत्यु दे दी जाये. वहीं अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक अवधेश कुमार ने कहा कि सीआरपीसी में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है. इसलिए इस आवेदन को खारिज किया जाये. अदालत दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आदेश पारित करने की बात कही.

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