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जनवरी 2019 तक मिली विधवा पेंशन की राशि, पूछने पर कुछ ने कहा – आप मर चुकी हैं, कुछ बोले : पता नहीं

विधवा सविता नाग ने बताया कि जब पेंशन मिलनी बंद हो गयी, तो वह एग्यारकुंड अंचल कार्यालय, डीसी के जनता दरबार व जिला मुख्यालय स्थित सामाजिक सुरक्षा पेंशन कार्यालय गयीं, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.

चिरकुंडा, प्रवीण चौधरी : वृद्धा पेंशन में गड़बड़ी की शिकायतों की कड़ी में अब विधवा पेंशन का मामला भी जुड़ गया है. मामला चिरकुंडा नगर पंचायत क्षेत्र के वार्ड संख्या 12 के चपराडंगाल की 55 वर्षीय विधवा सविता नाग का है. 12 वर्ष पूर्व सविता नाम के पति गणेश बाग की मृत्यु हो गयी थी. इसके बाद उनकाे विधवा पेंशन मिलने लगा जिससे उनकी जिंदगी फिर चलने लगी थी. यह पैसा निर्बाध रूप से जनवरी 2019 तक मिलता रहा. फरवरी 2019 में जब वह बैंक गयीं, तो पता चला कि उनके खाते में पैसा नहीं आया है. दूसरे माह फिर गयीं तो फिर वही जवाब मिला तो वह इस दफ्तर से उस दफ्तर के साथ उपायुक्त के जनता दरबार तक चक्कर लगाने लगीं, पर कोई रास्ता नहीं निकला. पूछने पर कुछ लोगों ने कहा कि सरकारी कागजों में वह मृत घोषित हैं, तो कुछ लोगों ने बताया कि उन्हें पता ही नहीं है कि क्यों उनको मिलने वाली विधवा पेंशन की राशि रोक दी गयी है.

क्या था पूरा मामला

विधवा सविता नाग ने बताया कि जब पेंशन मिलनी बंद हो गयी, तो वह एग्यारकुंड अंचल कार्यालय, डीसी के जनता दरबार व जिला मुख्यालय स्थित सामाजिक सुरक्षा पेंशन कार्यालय गयीं, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. अंचल कार्यालय में उन्हें बताया गया कि सरकारी कागजों में उनकी मौत हो चुकी है, इसलिए पेंशन बंद कर दिया गया. जनवरी 2019 तक मिली उन्होंने जानना चाहा कि किसकी रिपोर्ट के आधार पर मृत घोषित किया गया, तो इस बारे में कार्यालय के लोग कुछ भी स्पष्ट बताने को तैयार नहीं हुए.

बड़ा सवाल, क्या निरसा प्रखंड से अलग होने का है असर

एग्यारकुंड प्रखंड नया प्रखंड है. यह निरसा प्रखंड से कट कर बना है. इस अलगाव के दौरान कागजात या डाटा के बंटवारे में गंभीरता की कमी बड़ा कारण है. तत्कालीन कर्मियों व अधिकारियों की निगरानी या अगंभीरता का दंश अब लोग झेल रहे हैं. अगर गंभीरता से इसकी जांच करायी जाये, तो ऐसे कई मामले सामने आयेंगे.

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कहती हैं सविता नाग : मैंने बताया जीवित हूं, फिर भी कुछ नहीं हुआ, सिर्फ आश्वासन दिया गया

सविता नाग के अनुसार उन्होंने अंचल कार्यालय में लिखित आवेदन दिया कि वह जीवित हैं और उनकी पेंशन चालू की जाए. इस पर उनको आश्वासन दिया गया कि जल्द पेंशन चालू हो जायेगा, लेकिन आज तक चालू नहीं हुआ. श्रीमती नाग के अनुसार धनबाद में डीसी के जनता दरबार में मिले आश्वासन के आधार पर अंचल कार्यालय द्वारा आधार कार्ड लिंक कराने के लिए कहा गया. इस पर उन्होंने आधार कार्ड लिंक भी करा करा दिया. पर कुछ नहीं हुआ. उन्होंने बताया कि वह बीमार रहती हैं. उनको एक बेटा व एक बेटी है. बेटा पिंटू बाग दैनिक मजदूरी कर अपना परिवार चलाता है, जबकि बेटी देवीश्री ट्यूशन पढ़ा कर घर चलाती है. पेंशन की राशि से उनको अपने इलाज और घर चलाने में मदद मिलती थी.

बोलीं निवर्तमान पार्षद : कोशिश की, पर कोई फायदा नहीं हुआ

वार्ड 12 की निवर्तमान पार्षद बुलटी डे ने कहा कि सविता बाग के पेंशन का मामला एक वर्ष पहले उनके संज्ञान में आया था. उस वक्त से लगातार अंचल कार्यालय में प्रयास किया गया, लेकिन कोई परिणाम नहीं मिला. दोबारा 25 अप्रैल 2023 को आवेदन दिया गया है, बावजूद अबतक कोई पहल नहीं हुई है.

बोले अंचल कर्मी : जांच करा कर पेंशन चालू की जायेगी

अंचल कार्यालय में पेंशन का काम देखने वाले सिद्धार्थ कुमार ने बताया कि निरसा प्रखंड से जो रिकार्ड आया उसी दौरान कंप्यूटर में इंट्री में सविता बाग का नाम कट जाने के कारण फरवरी 2019 से पेंशन बंद है. उनको नहीं पता कि सविता बाग को मिलने वाली पेंशन क्यों बंद हुई है. आवेदन लेकर उसकी जांच करायी जायेगी, फिर पेंशन की राशि मिलनी शुरू हो जायेगी.

बोलीं एग्यारकुंड सीओ : जांच करवाकर कार्रवाई होगी

एग्यारकुंड की अंचलाधिकारी अमृता कुमारी ने कहा कि किस कारण से पेंशन बंद है, इसकी जांच करायी जायेगी. यदि ऑनलाइन लिस्ट में उनका नाम दिखता है, तो आवेदन देने के बाद पेंशन चालू हो जायेगा. यदि नाम नहीं है तो पुन: फॉर्म भर कर देना होगा. इसके बाद जांच करा कर पेंशन राशि चालू करा दी जायेगी.

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