Jharkhand News: हजारीबाग प्रमंडल की कमिश्नर सुमन कैथरीन किस्पोट्टा ने बुधवार को धनबाद जिला अंतर्गत गोविंदपुर अंचल कार्यालय का निरीक्षण किया. इस दौरान दाखिल-खारिज के सैकड़ों आवेदन पेंडिंग होने समेत अन्य कार्यों की रफ्तार कम होने पर गोविंदपुर के अंचलाधिकारी रामजी वर्मा की जमकर फटकार लगाई. उन्होंने स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा कि कार्य प्रणाली में सुधार नहीं आने पर प्रशासनिक कार्रवाई के लिए तैयार रहे.
गाेविंदपुर सीओ की जमकर लगी क्लास
बताया गया कि कमिश्नर द्वारा निरीक्षण के दौरान पता चला कि दाखिल-खारिज के सैकड़ों आवेदन को राजस्व कर्मचारी एवं अंचल निरीक्षक से अग्रसारित के बाद भी अपने लॉगिन में लंबित रखने एवं बाद में रिजेक्ट कर देने, एनजीडीआरएस से प्राप्त दाखिल-खारिज आवेदनों को रिजेक्ट कर देने, दाखिल-खारिज के आवेदनों का समय पर हियरिंग नहीं करने, कार्यालय से अधिकतर समय अनुपस्थित रहने, जन शिकायतों का समय पर निपटारा नहीं करने, सरकारी जमीनों को हथियाने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने, अतिक्रमण वाद की कार्रवाई चलाने में शिथिल रहने, ऑनलाइन जमाबंदी कायम करने के आवेदनों को लंबित रखने समेत अन्य मामलों को लेकर उन्होंने अंचल अधिकारी की जमकर क्लास ली.
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रैयतों को दौड़ाने वाला रवैया बर्दाश्त नहीं
हजारीबाग प्रमंडल की कमिश्नर ने कहा कि सरकार द्वारा निर्धारित समय पर दाखिल-खारिज एवं जन शिकायतों का निपटारा करना होगा. रैयतों को दौड़ाने वाला रवैया बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. जांच के दौरान कई मौजा के सरकारी जमीन का ऐसा मामला आया कि जमीन माफिया 10 एकड़ से अधिक जमीन को अतिक्रमण करके बैठे हैं और अंचल अधिकारी मात्र एक एकड़ जमीन का ही अतिक्रमण वाद चला रहे हैं. सरकारी जमीन हथियाना वाले जमीन माफियाओं के खिलाफ उन्होंने प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश भी दिया.
जन शिकायतों की हो रही जांच
उन्होंने कहा सरकारी जमीन की रक्षा करना अंचल अधिकारी का काम है. ऐसी जमीनों पर सरकारी जमीन होने का बोर्ड लगाने का भी उन्होंने निर्देश दिया. उन्होंने पत्रकारों से कहा कि अंचल कार्यालय में प्राप्त गड़बड़ियां एवं जन शिकायतों की जांच की जा रही है. जांच पूरी होने के बाद सरकार को कार्रवाई के लिए लिखा जाएगा.
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केस- वन : गोविंदपुर की एक महिला ने की शिकायत
पन्नालाल सलूजा परिसर गोविंदपुर में जमीन खरीदने वाली नुसरत प्रवीण और उनके बेटे आदिल इकबाल ने आयुक्त से लिखित शिकायत की कि उनका म्यूटेशन केस नंबर 2224 को राजस्व उप निरीक्षक ने 12 अगस्त को पास कर दिया. इसके बाद सीआई ने 21 अगस्त को स्वीकृत करते हुए को को फॉरवर्ड कर दिया पर ठीक 91 वे दिन सीओ ने मामले को रिजेक्ट कर दिया, जबकि यह रैयती जमीन है तथा अन्य लोगों का म्यूटेशन हो चुका है.
केस- टू : म्यूटेशन रिजेक्ट करने की शिकायत
गोविंदपुर की ही बिंदु दास ने आयुक्त से शिकायत की की उनका म्यूटेशन केस नंबर 15417 एवं 3153 को अकारण रिजेक्ट कर दिया गया और उनकी जमीन को दूसरे के नाम पर चढ़ा दिया गया है . सिमलाटांड़ के साबिर अंसारी ने कमिश्नर से शिकायत की है कि अंचल कार्यालय ने रद्द की गई डीड की जमीन को ऑनलाइन कर दिया और जालसाजी करने वाले ने दूसरे के नाम तीन डीड बना दिया. फिर तीनों का म्यूटेशन अंचल कार्यालय ने कर दिया तथा बार-बार आवेदन देने के बाद भी म्यूटेशन रिजेक्ट नहीं किया जा रहा है. कमिश्नर ने इस पर कार्रवाई की बात कही.
राजस्व उप निरीक्षकों को निर्देश
उन्होंने सभी राजस्व उप निरीक्षकों को निर्देश दिया कि अंचल अधिकारी के माध्यम से एक हफ्ते में रिपोर्ट करें. कहा कि हलका में कितनी गैराबाद जमीन का खतियान बन गया है और जमीन ऑनलाइन हो गई है. ऐसी जमीनों को बचाने के लिए सरकार अपील करेगी और सरकार अपनी जमीन को व्यक्ति विशेष के हाथ में जाने नहीं देगी.
इनकी रही उपस्थिति
इस मौके पर अपर समाहर्ता नंदकिशोर गुप्ता ,एसडीएम प्रेम कुमार तिवारी, आयुक्त के सचिव रविराज शर्मा, धनबाद सीओ प्रशांत लायक,बीडीओ संतोष कुमार, अंचल निरीक्षक कुमार सत्यम भारद्वाज समेत कई अधिकारी मौजूद थे.