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झारखंड के इस क्षेत्र के लोग हमेशा घर के दरवाजे-खिड़कियां बंद कर रहने को मजबूर, जानें क्या है मामला

धनबाद के निरसा के लोग बाइपास किनारे रहने वालों को खिड़की-दरवाजा बंद कर रहना पड़ रहा है. यहां तक कि घरों में लोगों का रहना मुश्किल हो गया है.

Dhanbad News: एनएच की सिक्स लेनिंग को लेकर मुगमा बाईपास व संजय चौक में निर्माण में लगीं कंपनी ने फ्लाई ऐश डंप किया है. वहीं, दूसरी को एनएच किनारे खाली जगहों पर भी फ्लाई ऐश गिराया जा रहा है. एनएच के किनारे निजी मालिकों आधा दर्जन स्थानों पर ऐश गिराया है. इससे आसपास रहने वाले लोगों, सड़क पर पैदल चल रहे राहगीर व दो पहिया वाहन चालकों को काफी परेशानी हो रही है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह फ्लाई ऐश से कैंसर जैसी घातक बीमारी हो सकती है.

इन क्षेत्रों के लोग सबसे अधिक प्रभावित

एनएच के किनारे निरसा में मुगमा बाईपास, शासनबेड़िया मोड़, खुदिया सेंट्रल पुल इसीएल आवासीय कॉलोनी के पीछे, तेतुलिया अप, गोपागंज डाउन में सड़क किनारे ऐश गिराया गया है. इससे यहां के लोगों का जीना मुहाल हो गया है.

खिड़की-दरवाजा बंद कर रहने को विवश हैं लोग

मुगमा बाईपास में अंडरपास के पास सिक्सलेनिंग का काम डीजीएएम नामक कंपनी कर रही है. कंपनी यहां जमीन खोद कर फ्लाई ऐश भरवा रही है. इसके कारण बाइपास किनारे रहने वालों को खिड़की-दरवाजा बंद कर रहना पड़ता है. ऐश किचन तक पहुंच जा रहा है. घरों में रहना तक मुश्किल हो गया है. दुकानदारों के अनुसार आंखों में जलन की समस्या बढ़ रही है. शासनबेड़िया मोड़ पर तो दुकानदारों ने में अपनी-अपनी दुकानों की खिड़की व दरवाजा के बाहर प्लास्टिक लगा दिया है, ताकि फ्लाई ऐश अंदर प्रवेश नहीं करें. इसके बावजूद हवा चलने पर ऐश अंदर चला जाता है. इधर, माड़मा गांव के लोग भी प्रभावित हैं. फ्लाई एश पर मिट्टी भराई के लिए आंदोलन के बाद भी कोई पहल नहीं की गयी है. तेतुलिया व गोपालगंज में भी यही स्थिति है.

क्या कहते हैं ग्रामीण

शासनबेड़िया मोड़ में हम लोग बरसों से दुकानदारी कर रहे हैं. जब से यहां फ्लाई ऐश गिराया गया है, तब से हम लोगों का रहना मुश्किल हो गया है. हवा चलने के साथ ही छाई दुकान में आ जाता है. ग्राहक भी परेशान रहते हैं.

नारायण गोप, शासनबेड़िया मोड़

माड़मा के पास कोयला की परित्यक्त खुली खदान है. इसीएल से सांठगांठ कर फ्लाई ऐश से इसे भर दिया गया है. नियम के तहत छाई के ऊपर मिट्टी व ऊपर में प्लास्टिक डालने का प्रावधान है, लेकिन नियमों की अनदेखी हो रही है.

बिंदु मंडल, माड़मा

शासनबेड़िया मोड़ से माड़मा तक जहां तहां ऐश गिरा दिया गया है. इसकी ट्रांसपोर्टिंग में भी नियमों की अनदेखी की जा रही है. बगल में हम लोगों का गांव है. हवा चलने पर गांव तक ऐश पहुंच जाता है.

तारक मांझी, आमडांगा

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मुगमा मोड़ में जहां निर्माण हो रहा है, वहां की समस्या की जानकारी मिली है. सुबह से शाम तक तीन-चार बार पानी डालने का निर्देश दिया गया है. वहीं तेतुलिया, शासनबेड़िया व गोपालगंज में एनएच किनारे फ्लाई ऐश बिना आदेश के गिराया गया है. हाइवे के किनारे ऐसा करना नियम विरुद्ध है. इसके लिए एनएचएआइ से परमिशन लेना आवश्यक है. फ्लाई एश के बाद मिट्टी एवं पानी डालें, ताकि लोगों को असुविधा ना हो. इसके लिए भी उन लोगों से संपर्क किया जायेगा.

-लालमुनी प्रसाद सिंह, एनएचएआइ अधिकारी

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