Dhanbad News: धनबाद शहर में छह माह से पानी की घोर किल्लत झेल रहे वासेपुर मटकुरिया कॉलोनी के लोगों की दिनचर्या बदल गयी है. यहां लोग मॉर्निंग वाक नहीं बल्कि बाल्टी वाक करते हैं. कारण सुबह होती है लोग बाल्टी, डेगची लेकर पानी के जुगाड़ में लग जाते हैं. कोई चापाकल पर लाइन लगाता है तो तो कोई बोरिंग के नल पर. पिछले छह माह से यहां के करीब 500 परिवार परेशान हैं. समस्या का समाधान नहीं होने से यहां के लोगों में नगर निगम के प्रति काफी गुस्सा है.
पानी के लिए चापाकलों का चक्कर लगाते हैं ग्रामीण
स्थानीय लोगों का कहना है कि वासेपुर में नया जलमीनार तैयार होने के बाद उनमें आस जगी थी कि अब पानी की किल्लत दूर होगी. जब जलापूर्ति शुरू हुई तो लोगों की खुशी का ठिकाना न रहा. लेकिन यह खुशी अधिक दिन तक नहीं रही. अब स्थिति यह है कि सुबह पानी खुलने पर इन्हें मुश्किल से बाल्टी भर ही पानी मिल पाता है. समस्या की जानकारी मिलने के बाद प्रभात खबर टीम मंगलवार को मटकुरिया काली मंदिर रोड पहुंची. यहां महिलाएं दोपहर के एक बजे तक पानी के लिए चापाकलों का चक्कर लगाते दिखी.
सब काम छोड़ पानी भरने में जुटे रहते हैं लोग
इन मुहल्लों का यह हाल हो गया है कि लोग सुबह होते ही सब काम छोड़ पानी के जुगाड़ में लग जाते हैं. दो बाल्टी पानी के लिए लोगों को चापाकलों पर आधे से एक घंटा तक खड़ा रहना पड़ता है. ऐसे में लोगाें की दिनचर्या भी प्रभावित हो रही है. सुबह हो या शाम लोग पानी भरते दिख जायेंगे.
इन मुहल्लों में अधिक संकट
वासेपुर के मटकुरिया काली मंदिर रोड, लाला टोला, मदिना नगर, नवी नगर, न्यू कॉलोनी समेत अन्य इलाकों में पानी नहीं पहुंच रहा है. लोगों का कहना है कि नया बाजार की ओर ढलाव हाेने के कारण सप्लाई शुरू होते ही सारा पानी नीचे के इलाकों में चला जाता है. आधा से एक बाल्टी भरते ही पानी आना बंद हो जाता है.
लोगाें ने कहा : विभाग की उदासीनता से परेशानी झेल रहे लोग
सुबह होने के साथ ही पानी की किल्लत परेशान करने लगती है. 500 मीटर की दूरी पर एक चापाकल है. वहां से पानी लाना पड़ता है. सुबह हो या शाम वहां भीड़ लगी रहती है. विभाग लापरवाह बना हुआ है.
-बदली देवी
जल संकट के कारण दिनचर्या प्रभावित हो गया है. घर में पानी के बिना कोई काम नहीं होता. एक चापाकल है उससे पानी लाना पड़ता है. विभाग अगर ध्यान दे तो समस्या दूर हो सकती है.
-वीणा देवी
छह माह से पानी की समस्या है. इससे पहले घरों में पानी आ रहा था. अब पानी नहीं आता है. सुबह जलापूर्ति पाइप से पानी की जगह सिर्फ हवा निकलती है. मुश्किल से एक बाल्टी पानी मिल पाता है.
-रीना कुमारी
जलमीनार से पहले पानी मिल रहा था. छह-सात माह से पानी नहीं आ रहा है. घर का काम करने के लिए बाहर से पानी लाना पड़ता है. घरों में पानी का कनेक्शन होने के बाद भी यह स्थिति है.
-कौशल्या देवी
पानी के चक्कर में पढ़ाई भी प्रभावित होती है. सुबह पानी लाने जाना पड़ता है. खाना पकाने तक का पानी नहीं है. रोज बार-बार चापाकलों का चक्कर लगाना पड़ता है. ऐसे में पढ़ाई के लिए समय नहीं मिलता.
-चाइना कुमारी
सुबह में सप्लाई पानी खुलने पर लगता है कि आज पानी मिलेगा. लेकिन ऐसा नहीं होता है. मुश्किल से एक बाल्टी पानी ही भर पाता है. जनप्रतिनिधियों को विशेष ध्यान देना चाहिए.
-मनोज कुमार सिन्हा
बाहर काम पर जाएं या फिर पानी का जुगाड़ करें, यह समझ नहीं आता है. घर का कोई भी काम करने के लिए पानी की जरूरत पड़ती है. पानी नहीं आने से मुहल्ले की महिलाएं परेशान हैं. इसका समाधान हो.
-भागीरथ महतो
ट्यूशन पढ़ाने जाने से पहले पानी भर कर जा रहे है ताकि घर की महिलाओं को दिक्कत ना हो. यह स्थिति कब तक रहेगी. विभाग को चाहिए कि नया बाजार के साथ इन इलाकों में भी पानी उपलब्ध कराये.
-हाफिज सहजाद
विभाग को समस्या से अवगत कराया गया है. करीब 500 परिवार परेशान हैं. अगर एक बार में नया बाजार व वासेपुर के सभी इलाकों में जलापूर्ति नहीं हो पा रही है तो विभाग दोनों इलाकों में एक-एक दिन कर जलापूर्ति करे.
-निसार आलम, पूर्व वार्ड पार्षद
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