संजीव झा, धनबाद : प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के नाम पर धनबाद जिले में फर्जी तरीके से किसान बता कर उन्हें राशि दिलाने की काेशिश हाे रही है. एक ही रैयती जमीन के कागजात पर कई लोगों को किसान बता कर ऑनलाइन आवेदन करा दिया जा रहा है. बच्चाें-नाबालिग को भी किसान बता कर पेंशन के लिए आवेदन करा दिया गया है. केंद्रीय कृषि निदेशालय के निर्देश पर अभी 1,02, 048 नये किसानाें में से 76,198 की जांच हुई, जिनमें से 67,550 किसान फर्जी निकले हैं. जांच पूरी हाेते ही इस आशय की रिपाेर्ट सरकार काे साैंप दी जायेगी. वैसे धनबाद जिले में पहले से भी 75 हजार किसान निबंधित हैं, जिन्हें पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ मिल चुका है. इनमें से भी 10 हजार संदिग्ध हैं.
धनबाद जिले में वर्ष 2019 में पीएम किसान सम्मान योजना के तहत लगभग 75 हजार किसानों को पेंशन राशि का भुगतान हुआ.जांच के दौरान 10 हजार किसानों का मामला संदिग्ध मिला है. ऐसे किसानों के बैंक खाते व दावों की जांच चल रही है. वर्तमान वित्तीय वर्ष में ऐसे किसानों की पेंशन राशि रोक दी गयी है.
लाेगाें काे इस याेजना का लाभ दिलाने के लिए दलाल व सिंडिकेट के सदस्य सक्रिय हाे गये हैं. वे किस्त के हिसाब से लाभुकों से पैसे ले रहे हैं और उनसे आवेदन करा रहे हैं. इनसे पहले आवेदन फॉर्म भरने व प्रोसेस के नाम पर तीन से पांच सौ रुपये लिये जा रहे हैं. सूत्रों के अनुसार सिंडिकेट के सदस्य असली किसान के कागजात की फोटो कॉपी कर उस पर दूसरे लाेगाें का नाम चढ़ा देते हैं. बहुत सारे मामलों में आधार कार्ड भी असली किसान का होता है, लेकिन बैंक खाता नकली किसान का निकल रहा है. आवेदन फॉर्म में पहली नजर में कोई तकनीकी त्रुटि नहीं लगती, लेकिन जब सूक्ष्मता से जांच हो रही है, तब इस खेल का पता चल रहा है.
इस मामले में कृषि व राजस्व विभाग एक-दूसरे पर फेंका-फेंकी करते हैं. कृषि विभाग जहां यह कह कर पल्ला झाड़ लेता है कि जमीन संबंधी कोई रिकॉर्ड नहीं होने के चलते किसान के दावे को असली या नकली बताना उसके लिए संभव नहीं है, जबकि राजस्व विभाग यह कह कर पिंड छुड़ा लेता है कि किसान कौन है और कौन नहीं, यह कृषि विभाग ही बता सकता है.
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सबसे ज्यादा फर्जीवाड़ा गोविंदपुर अंचल में
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एक ही जमीन के कागज पर कइयों को कराया आवेदन
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नाबालिग, बच्चों को भी बना दिया किसान
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केंद्रीय कृषि निदेशालय ने पकड़ी गड़बड़ी
धनबाद जिले में कोरोना के चलते लागू लॉकडाउन के दौरान अचानक किसानों की बाढ़ आ गयी. चार माह में ही एक लाख से अधिक नये आवेदनों ने केंद्रीय कृषि निदेशालय की नींद उड़ा दी. केंद्रीय कृषि निदेशक ने 11 अगस्त को पत्र लिख कर इस मामले की जांच राज्य के कृषि विभाग से कराने को कहा. इस पर राज्य के कृषि सचिव ने धनबाद के उपायुक्त को जांच कराने को कहा.
जिले में चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 में पीएम किसान सम्मान योजना के तहत पेंशन के लिए अप्रैल से 31 जुलाई के बीच 1.02 लाख आवेदन आये. सारे आवेदन ऑनलाइन ही आये हैं. आवेदनों के साथ आधार कार्ड, रैयती जमीन का ब्योरा व लगान रसीद तक की कॉपी लगायी जा रही है. एक किसान को प्रति वर्ष तीन किस्तों में छह हजार रुपये पीएम किसान सम्मान याेजना के तहत मिलते हैं.
उपायुक्त उमा शंकर सिंह ने एक सितंबर को आदेश जारी किया कि हर अंचल में अब किसान पेंशन योजना के लिए अंचलाधिकारी नोडल पदाधिकारी होंगे. साथ ही किसाानें के दावों की जांच कराने को कहा. हर अंचल में कमेटी बनायी गयी. टीम में सभी प्रखंडों के कृषि पदाधिकारी, कृषि मित्र, जनसेवक, प्रखंड कृषि प्रबंधक (बीटीएम) तथा सहायक तकनीकी प्रबंधक (एटीएम) को शामिल किया गया. टीम ने ऑनलाइन आवेदन का भौतिक सत्यापन शुरू किया. साथ ही वंशावली का सत्यापन संबंधित पंचायत के मुखिया से कराया.
सत्यापित प्रति की जांच संबंधित अंचलाधिकारी कर रहे हैं. जांच के दाैरान जिले के हर अंचल में गड़बड़ी पायी गयी. 15 सितंबर तक कुल 76,198 ऑनलाइन आवेदनों का भौतिक सत्यापन हुआ, तो इसमें से 67,550 आवेदक फर्जी निकले. केवल 8,648 आवेदन ही सही मिले. यानी इतने ही नये किसानों को पेंशन लायक पाया गया. अब भी लगभग 26 हजार आवेदनों की जांच जारी है.
प्रखंड कुल आवेदन फर्जी असली
बाघमारा 13,228 12,028 1200
बलियापुर 6753 5,679 1074
धनबाद (पुटकी सहित) 509 364 145
गोविंदपुर 24,275 23,917 358
निरसा 24,478 22,163 2315
पूर्वी टुंडी 8,254 7,649 605
तोपचांची 15,290 13,972 1318
टुंडी 9,261 7,925 1336
कुल : 1,02, 048 67,550 8,648
(नोट : सभी आंकड़े 15 सितंबर 2020 तक के हैं)
Post by : Pritish Sahay