Dhanbad news: धनबाद जिला के लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी निभाने वाले धनबाद के पुलिस कर्मी ही असुरक्षा के बीच अपना जीवन-यापन कर रहे हैं. सरकारी आवासों की कमी के कारण अधिकतर पुलिसकर्मी पुलिस लाइन स्थित जर्जर क्वार्टर में रहने को विवश हैं. हालांकि तीन साल पहले पुलिस लाइन में नया फ्लैट बनाया गया है, लेकिन उसकी संख्या काफी कम है. पुलिस लाइन में कुल 80 आवास हैं. इसमें 24 नये फ्लैट बनाये गये हैं. नये फ्लैट पुलिसकर्मियों के लिए पर्याप्त नहीं हैं. इस वजह से अधिकतर पुलिस कर्मी पूरे परिवार के साथ जर्जर भवन में रह रहे हैं.
3100 पुलिस कर्मी और पदाधिकारी
धनबाद जिला पुलिस बल में लगभग 3100 पुलिस पदाधिकारी और कर्मी तैनात हैं. इसमें लगभग 2300 सिपाही और हवलदार और लगभग 800 पुलिस इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर और जमादार हैं. इसमें लगभग आधा पुलिस पदाधिकारी और जवान की तैनाती विभिन्न थानों में की गयी है. इसके बाद भी लगभग 1500 से अधिक जवान व पदाधिकारी पुलिस लाइन में रहते हैं.
झोपड़ीनुमा घर में रहने को मजबूर
पुलिस लाइन में कुछ ऐसे क्वार्टर हैं, जिसमें जानवर भी रहना पसंद नहीं करेंगे, लेकिन पुलिस कर्मी इसमें विवशता में रह रहे हैं. जो आवास उन्हें दिया गया है, वह पूरी तरह से जर्जर है. अंदर की स्थिति ठीक नहीं है. आवास बाहर से देखने पर झोपड़ी की तरह दिखता है, इस तरह के दर्जनों आवास है, जिसमें पुलिस कर्मी रह रहे हैं.
आवास आवंटन कौन करता है
यदि कोई आवास खाली होता है, तो उसके लिए पुलिस कर्मी को एसएसपी के पास आवेदन करना होता है. उसके बाद सभी आवेदन को लेकर एक कमेटी बनायी जाती है और उसके बाद खाली आवास का आवंटन होता है.
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पुराने आवासों की हालत खराब
पुरानी बिल्डिंग की हालत बहुत खराब है. कई क्वार्टरों की दीवारों में दरारें पड़ गयी हैं. साथ ही दरवाजे, खिड़कियां क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं. छत से पानी टपकता है और पुलिस कर्मी तिरपाल और प्लास्टिक के भरोसे अपनी छत को बचा रहे हैं. खिड़की से गंदगी या पानी न आये इसके लिए प्लास्टिक लगा दिया गया है.
क्वार्टर के लिए किया जा रहा प्रयास
पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष संजीव कुमार सिंह ने कहा कि जिला में पुलिस पदाधिकारियों व जवान के लिए पर्याप्त क्वार्टर नहीं है. इसके लिए मुख्यालय में पत्राचार किया जा रहा है और जवानों के लिए अच्छे क्वार्टर में परिवार के साथ रहे, इसके लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है.
रिपोर्ट: नीरज अंबष्ट, धनबाद