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धनबाद की प्रगति का सहयात्री है प्रभात खबर

अपने पाठकों के साथ यह बात साझा करते हुए बेहद प्रसन्नता हो रही है कि आप सभी के स्नेह और विश्वास के बल पर प्रभात खबर आज अपनी स्थापना के 23 वर्ष पूरे कर रहा है.

अशुतोष चतुर्वेदी

प्रधान संपादक, प्रभात खबर

अपने पाठकों के साथ यह बात साझा करते हुए बेहद प्रसन्नता हो रही है कि आप सभी के स्नेह और विश्वास के बल पर प्रभात खबर आज अपनी स्थापना के 23 वर्ष पूरे कर रहा है. प्रभात खबर के आगे बढ़ने का श्रेय सिर्फ और सिर्फ पाठकों को जाता है जिन्होंने कई विकल्प होने के बावजूद प्रभात खबर के प्रति अपना स्नेह बनाए रखा. प्रभात खबर ने हमेशा सामाजिक सरोकार की पत्रकारिता को केंद्र में रखा और पाठकों का भरोसा जीतने की कोशिश की है.

हमने हमेशा समय-समाज के जरूरी सवालों को उठाया है. धनबाद देश की कोयला राजधानी है. कभी इसे माफिया नगरी कहा जाता था. लेकिन अब हालात बदले हैं. नयी पीढ़ी उस इतिहास को पीछे छोड़ आगे बढ़ना चाहती है. यहां बेशकीमती कोकिंग कोल है. जबकि बोकारो के स्टील की देश-विदेश में मांग है. इसी तरह गिरिडीह के सरिया की देश भर में अलग पहचान है.

लेकिन इसके साथ ही बदलते समय के साथ कदमताल करते हुए नयी तकनीक और स्वच्छ ऊर्जा को अपनाने की तरफ भी हमें बढ़ना होगा. हमारा मानना रहा है कि जीवन की बुनियादी चिंताओं के साथ स्थानीय चुनौतियों से दो चार हुए बिना जन से नहीं जुड़ा जा सकता है. इसीलिए प्रभात खबर लगातार जनता के दुख-सुख से जुड़े सवाल उठाता रहा है.

अवैध कोयला का खनन हो, अस्पतालों की बदहाली हो, सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार हो या ट्रैफिक की समस्या. हालात को बदलने की हमारी कोशिश जारी है. हमने कंटेंट के स्तर पर एक नयी किस्म की पत्रकारिता का प्रयास किया. अनेक ऐसे विषय-मुद्दे रहे जिसे हमने पत्रकारिता की नजर से देखा. सिंदरी में कुछ ही महीनों के भीतर हिंदुस्तान उर्वरक व रसायन लिमिटेड (हर्ल) के खाद कारखाने से नीम कोटेड यूरिया और अमोनिया का उत्पादन शुरू हो जाएगा. यह एक सपने के पूरा होने जैसा है.

इसके साथ ही एक उजड़ रहा शहर फिर से आबाद होगा. रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे. बोकारो में एयरपोर्ट का काम लगभग पूरा हो चुका है. इसके भी इस साल शुरू होने की उम्मीद है. धनबाद में भी लंबे समय से एयरपोर्ट की मांग होती रही है. ये सारे विषय हैं जिन्हें हमने जोरशोर से उठाया है. पिछले कुछ वर्षों में जीवन के हर क्षेत्र में व्यापक बदलाव हुए हैं. जहां तक सूचना तकनीक का प्रश्न है, बीते एक दशक में इससे शायद ही कोई अछूता हो. अनियंत्रित सूचनाएं आपके पास उपलब्ध हैं.

पर उसकी विश्वसनीयता का कोई पैमाना नहीं है. हम ऐसा हरगिज नहीं कह रहे कि सोशल मीडिया की सभी सूचनाएं विश्वास करने योग्य नहीं होतीं. पर उन सूचनाओं की पुष्टि के लिए लोग प्रिंट मीडिया की ओर मुखातिब होते हैं. यही प्रिंट मीडिया की वास्तविक ताकत है. देश जब आजादी का 75वां अमृत महोत्सव मना रहा है, तब प्रभात खबर की 23 वीं वर्षगांठ खास मायने रखती है.

महीने भर बाद 15 अगस्त को देश की आजादी के 75 साल पूरे हो जायेंगे. आजादी के संघर्ष में झारखंड की भूमिका पर हम लगातार सामग्री दे रहे हैं. हम मानते हैं कि अतीत की थाती पर ही बेहतर भविष्य की नींव डाली जा सकती है. मित्रों, प्रभात खबर की इस यात्रा में अनेक उतार-चढ़ाव आये. लेकिन आपके-हमारे बीच कायम विश्वास के बूते ही हम सारे पड़ावों को पार कर पाए. इस मौके पर हम प्रभात खबर के सुधि पाठकों, विज्ञापनदाताओं और अखबार के वितरक बंधुओं के प्रति आभार व्यक्त करना चाहते हैं. आपके सहयोग के बगैर हम एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पाते.

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