गोविंदपुर (धनबाद), दिलीप दीपक: गोविंदपुर के रतनपुर स्थित खालसा होटल के समीप जीटी रोड दिल्ली लेन पर मंगलवार की सुबह 13 वर्षीया एक छात्रा ने वाहन के आगे कूदकर अपनी जान गंवा दी. पुलिस ने शव को बरामद कर लिया है. आकृति मोना उरांव नामक यह युवती रांची के चान्हो (लुंडरी) की रहने वाली थी. वह पिछले एक वर्ष से गोविंदपुर प्रखंड कार्यालय के पीछे अनिल कुमार रजक के कोचिंग सेंटर एवं छात्रावास में रहकर पढ़ाई कर रही थी. गोविंदपुर थाना प्रभारी जीतेंद्र कुमार ने बताया कि मृतका की जेब से तीन सुसाइड नोट बरामद किए गए हैं. इसमें लिखा है कि मम्मी और पापा उसे डॉक्टर बनाना चाह रहे थे, लेकिन वह उस पर खरा नहीं उतर पायी. कोचिंग संचालक अनिल कुमार रजक को हिरासत में लिया गया है.
दादी के नाम पर खोलना था हॉस्पिटल
मृतका ने सुसाइड नोट में लिखा है कि दादी सीतामणी के नाम से डॉक्टर बनकर हॉस्पिटल खोलने का सपना था, जो पूरा नहीं हो पाया. इसी तरह का सुसाइड नोट रूम की तलाशी लेने पर उसके बैग से भी बरामद किया गया है. थाना प्रभारी ने कहा कि सुसाइड नोट से यह अनुमान लगाया जाता है कि छात्रा ने किसी वाहन के आगे कूदकर अपनी जान दे दी है. इससे उसका सिर फट गया एवं दोनों पैर टूट गया था. घटनास्थल पर काफी मात्रा में खून पाया गया है. वह रतनपुर स्थित सुपर 100 कोचिंग सेंटर में पिछले एक वर्ष से तैयारी कर रही थी. यहां प्राइवेट शिक्षक अनिल कुमार रजक नवोदय, सैनिक स्कूल, मिलिट्री की तैयारी करवाते हैं. वह कोचिंग सेंटर के हॉस्टल में ही रहती थी. वह दो बार एंट्रेंस में फेल कर गई जिससे वह पिछले कुछ दिनों से तनाव में थी.
हिरासत में कोचिंग सेंटर संचालक अनिल कुमार रजक
थाना प्रभारी जितेंद्र कुमार ने कहा कि पोस्टमार्टम जांच के बाद मामला साफ हो जाएगा. इधर, गोविंदपुर पुलिस ने कोचिंग सेंटर संचालक अनिल कुमार रजक को हिरासत में ले लिया है. उससे पूछताछ की जा रही है. जानकारी के अनुसार कोचिंग सेंटर में सुविधाओं का काफी अभाव है. चहारदीवारी एवं सीसीटीवी कैमरा नहीं है. कोचिंग संचालक ने पुलिस को पूछताछ में बताया है कि 4 बजे सुबह छात्रा सेंटर से निकल कर भाग गयी थी. उससे 5000 महीना लिया जाता था. इसमें पढ़ाई एवं खाना छात्रावास का खर्च भी शामिल है. छात्रा के परिजनों को सूचना दे दी गई है. खबर मिलते ही रांची से मृतका के पिता संजीत उरांव धनबाद के लिए रवाना हो गए और मौके पर पहुंचकर पूरी जानकारी ली. हादसे के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.
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