रांची : सीबीआइ मुंबई की टीम ने केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में नौकरी देने का नाम पर ठगी करनेवाले गिरोह के तीन सदस्यों को शुक्रवार को गिरफ्तार किया है. इनमें धनबाद का अमन कुमार उर्फ रूपेश, बिहार के अररिया का आरोपी विशाल उर्फ अभिषेक सिंह और बेंगलुरू का अजय कुमार शामिल हैं. गिरोह के सदस्य 10-20 लाख रुपये की दर से लोगों से वसूली करते थे और फर्जी नियुक्ति पत्र दे कर ठगी करते थे. आशंका जतायी जा रही है कि इस गिरोह ने अब तक करोड़ों की है.
सीबीआइ मुंबई ने ठगी के इस मामले में नासिक निवासी अजय पांडुरंग पाटि की शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की थी. इसमें छह लोगों- अजय कुमार, बिराबा पाटिल, रूपेश, अभिषेक, दीपक मंडल और संध्या को नामजद अभियुक्त बनाया गया था. प्राथमिकी दर्ज करने के बाद सीबीआइ की टीम ने शुक्रवार को पटना, मुंबई, बेंगलुरू और धनबाद के कुल नौ ठिकानों पर छापा मारा. इस दौरान तीन आरोपी गिरफ्तार किये गये. इस गिरोह ने फर्जी कॉल लेटर और फर्जी नियुक्ति पत्र जारी करने के लिए पूरा सिस्टम बना रखा था.
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साथ ही धनबाद, बक्सर, नागपुर और बेंगलुरू समेत कई स्थानों पर फर्जी ट्रेनिंग सेंटर भी खोल रखा था. इन सेंटरों में सरकारी नौकरी की चाह रखनेवाले युवकों को ट्रेनिंग दी जाती थी. छापामारी के दौरान पटना और मुंबई स्थित ट्रेनिंग सेंटर पर 25 लोग मिले, जिन्हें फर्जी नियुक्ति पत्र देने के बाद ट्रेनिंग दी जा रही थी. इन लोगों को रेलवे, जीएसटी सहित कुछ अन्य विभागों में नौकरी के लिए फर्जी नियुक्त पत्र दिये गये थे. बेंगलुरू में गिरोह के एक सदस्य दो युवकों को जीएसटी ऑफिस में बुला कर नियुक्ति पत्र दे रहा था.