सरकार की कोशिश देश के छोटे शहरों में डिजिटल संभावना का विस्तार करना है ताकि युवाओं को डिजिटल अर्थव्यवस्था में भागीदार बनाया जा सके. इसके लिए छोटे शहरों में सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क की स्थापना की जा रही है. इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफार्मेशन टेक्नोलॉजी मंत्रालय के तहत इसके लिए मंत्रालय के अधीन एक स्वायत्त संस्था सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क ऑफ इंडिया का गठन किया गया है. राज्यों से मिले प्रस्ताव के अनुसार देश में अब तक 63 सॉफ्टवेयर पार्क का गठन हो चुका है. इसके अतिरिक्त मंत्रालय ने 22 सॉफ्टवेयर पार्क के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दी है.
इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अनुसार झारखंड के जमशेदपुर, बोकारो और धनबाद में सॉफ्टवेयर पार्क बनेगा, जबकि बिहार में दरभंगा और भागलपुर में सॉफ्टवेयर पार्क के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी मिली है. बिहार के पटना और झारखंड के रांची और देवघर में पहले से ऐसे पार्क का गठन हो चुका है. इसके अलावा मंत्रालय ने इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर योजना को मंजूरी दी थी. योजना के तहत विश्व स्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ समान सुविधाओं के विकास के लिए सहायता देना था.
इस योजना के तहत 19 ग्रीनफील्ड इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर, तीन समान सुविधा केंद्र के प्रस्ताव को मंजूरी दी जा चुकी है. इसके तहत झारखंड के आदित्यपुर में क्लस्टर के गठन को मंजूरी दी गयी. इस क्लस्टर पर 97.88 करोड़ रुपये खर्च का अनुमान लगाया गया और 41.48 करोड़ रुपये जारी किया जा चुका है.
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भारत और झारखंड सरकार के संयुक्त पहल से सरायकेला-खरसावां स्थित आदित्यपुर के श्रीडुंगरी में बने लगभग 25 करोड़ की लागत से तैयार सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क (Software Technology Park- STP) में भारत सरकार के सेंटर फॉर एक्सीलेंस (Center for Excellence) के साथ यूएस की क्यूकनेक्ट, उदयपुर की फाइव स्पलैश कंपनियों के अलावा यूके का डाटा सेंटर स्थापित होंगे. इसके लिए सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क ऑफ इंडिया (STPI) को प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं.