Teacher’s day 2022: धनबाद (अशोक कुमार): बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय के साइकोलॉजी विभाग से सेवानिवृत्त शिक्षक डॉ आरएस यादव शिक्षा के क्षेत्र में एक अनूठी मिसाल पेश कर रहे हैं. उन्हें सेवानिवृत्त हुए दो साल से अधिक हो गये हैं, लेकिन आज भी दिल से वह खुद को सेवानिवृत्त शिक्षक नहीं मानते हैं. अपने जीवन के 67 साल पूरे कर चुके डॉ आरएस यादव नियमित रूप से पीके रॉय मेमोरियल कॉलेज और बीबीएमकेयू के साइकोलॉजी विभाग में दो-तीन कक्षाएं लेते हैं. इसके बदले वह न तो विश्वविद्यालय से और न ही कॉलेज से कोई मानदेय लेते हैं. कॉलेज में छात्र डॉ यादव की क्लास का बेसब्री से इंतजार करते हैं.
डॉ आरएस यादव ने सेवानिवृत्ति से पहले 39 सालों तक कॉलेज और विवि के विद्यार्थियों को पढ़ाया है. 1981 में बतौर लेक्चरर पीके राय मेमोरियल कॉलेज के साइकोलॉजी विभाग में योगदान दिया था. यहां 35 वर्षों तक पढ़ाने के बाद उन्होंने दो वर्षों तक विनोबा भावे विश्वविद्यालय के पीजी साइकोलॉजी में सेवा दी. सेवानिवृत्ति से पहले उन्होंने दो वर्षों तक बीबीएमकेयू में शिक्षण कार्य किया था. डॉ यादव बताते हैं कि जब वह सेवानिवृत्त हुए तब पीके रॉय मेमोरियल कॉलेज के प्राचार्य डॉ बीके सिन्हा ने उनसे कॉलेज में क्लास लेने का आग्रह किया था. कॉलेज में साइकोलॉजी के शिक्षकों की कमी है. इस कारण डॉ सिन्हा ने उनसे यह आग्रह किया. डॉ यादव ने उनके प्रस्ताव को सहर्ष स्वीकार कर लिया था, लेकिन एक शर्त रखी कि क्लास के लिए एक रुपये भी नहीं लेंगे.
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लॉकडाउन के दौरान डॉ आरएस यादव ऑनलाइन क्लास लेते थे. अब वह नियमित रूप से कॉलेज में क्लास लेते हैं. जरूरत पड़ने वह विवि के पीजी विभाग में छात्रों के आग्रह पर स्पेशल क्लास लेते रहते हैं. डॉ यादव बताते हैं कि अभी कॉलेज आना उनकी दैनिक दिनचर्या का हिस्सा बना हुआ है. वह अपने आप को इस कॉलेज से दूर नहीं रख सकते हैं. बता दें कि सेवानिवृत्ति के बाद जो शिक्षक विवि या कॉलेजों में क्लास लेते हैं, उन्हें प्रति घंटी 600 रुपये के हिसाब से मानदेय देने का नियम है. विवि में कई सेवानिवृत्त शिक्षक इस तरह से मानदेय ले भी रहे हैं.
सेवानिवृत्त डॉ आरएस यादव को पीके राय मेमोरियल कॉलेज के सभी शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मी सम्मान देते हैं. प्राचार्य डॉ बीके सिन्हा ने बताया कि डॉ यादव बगैर किसी अपेक्षा के कॉलेज आ कर कक्षाएं लेते हैं. कॉलेज में छात्र डॉ यादव की क्लास का बेसब्री से इंतजार करते हैं.
Posted By : Guru Swarup Mishra