IRCTC/Indian Railways News, धनबाद न्यूज (वेंकटेश शर्मा) : आसनसोल-बरकाकाना इएमयू ट्रेन इंजन में तकनीकी खराबी आने के कारण गोमो स्टेशन पर दो घंटे रुकी रही. मालगाड़ी के इंजन की सहायता से ट्रेन को गंतव्य की ओर रवाना किया गया. इस इंजन को चलाने के लिए बुक किये गए चालक दल में सहायक लोको पायलट का गोमो-बरकाकाना रेलखंड पर लर्निंग फेल था. ट्रेन को ज्यादा विलंब होता देख कुछ आक्रोशित यात्री स्टेशन मास्टर कार्यालय पहुंच गए. स्टेशन मास्टर ने आक्रोशित यात्रियों को शांत कराया. विभागीय आदेश पर मालगाड़ी के इंजन की सहायता से इस ट्रेन को 9:11 बजे रात गंतव्य की ओर रवाना किया गया.
जानकारी के अनुसार आसनसोल-बरकाकाना इएमयू ट्रेन गोमो स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर चार से शुक्रवार की शाम 7:10 बजे बरकाकाना जाने के लिए खुली. ट्रेन प्लेटफॉर्म पर कुछ दूर आगे जाकर रुक गई. लोको पायलट बिपिन कुमार तथा सहायक लोको पायलट राजेश कुमार(11) के अथक प्रयास के बावजूद ट्रेन आगे नहीं बढ़ी. ट्रेन को बैक कर पुनः 7:36 बजे स्टार्टर सिग्नल के पास लाया गया. चालक दल की सहायता के लिए तुरंत चीफ लोको इंस्पेक्टर गोविंद राम, डी कुमार, लोको पायलट एस बेहरा तथा रॉबर्ट कच्छप पहुंचे. इसके वाबजूद गड़बड़ी दूर नहीं हो सकी. ट्रेन को ज्यादा विलंब होता देख कुछ आक्रोशित यात्री स्टेशन मास्टर कार्यालय पहुंच गए. स्टेशन मास्टर ने आक्रोशित यात्रियों को शांत कराया. विभागीय आदेश पर मालगाड़ी के इंजन की सहायता से इस ट्रेन को 9:11 बजे रात गंतव्य की ओर रवाना किया गया.
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गोमो में इएमयू के इंजन की खराबी को दूर करने के लिए कोई टेक्नीशियन नहीं है. गोमो स्टेशन पर मदद के लिए पहुंचे दोनों लोको पायलट मोबाइल पर किसी दूसरे से दिशा-निर्देश लेकर गड़बड़ी दूर करने का प्रयास में जुटे थे. यह जुगाड़ तकनीक से भी इंजन की खराबी को दूर नहीं किया जा सका. ट्रेन को चलाने के लिए मालगाड़ी का इंजन जोड़ा गया. मालगाड़ी का इंजन चलाने के लिए चीफ लोको इंस्पेक्टर एके पालित के साथ लोको पायलट सुदर्शन प्रसाद तथा सहायक लोको पायलट अरमान अंसारी को ड्यूटी पर लगाया गया, जबकि अरमान अंसारी का लर्निंग गोमो-बरकाकाना रेलखंड पर फेल था. इस वजह से इएमयू के सहायक लोको पायलट राजेश कुमार(11) की ड्यूटी लगायी गयी. इंजन के सहायक लोको पायलट अरमान अंसारी को इएमयू के लोको पायलट के साथ बैठाकर बरकाकाना भेजा गया.
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अगर किसी लोको पायलट या सहायक लोको पायलट से किसी रेलखंड पर लगातार छह माह ड्यूटी नहीं करायी जाती है तो उक्त कर्मी का लर्निग उस रेलखंड के लिए फेल माना जाता है. चूंकि रेलखंडों पर समय-समय पर सिग्नल या कॉशन में जरूरत के अनुसार परिवर्तन होता है. जिसकी जानकारी उसे नहीं रहती है. ऐसी स्थिति में बिना लर्निंग के किसी रेलखंड पर ट्रेन का परिचालन करना सुरक्षा एवम संरक्षा के साथ खिलवाड़ समझा जाता है.
Posted By : Guru Swarup Mishra