निरसा (अरिंदम) : झारखंड के धनबाद जिला में एक कोयला खदान में पानी घुस जाने से दो मजदूर फंस गये हैं. उन्हें बचाने के लिए रांची से एनडीआरएफ की टीम को बुलाया गया है. ईसीएल मुगमा क्षेत्र के खुदिया कोलियरी के क्वारडीह सेक्सन के बीपी इंक्लाइन में मंगलवार तड़के करीब 4 बजे अचानक पानी घुसने से दो पम्प ऑपरेटर (बसिया मांझी और माणिक बाउरी) फंस गये. उनके बचने की बहुत कम उम्मीद है, लेकिन बचाव दल को उन्हें सुरक्षित निकालने के लिए खदान में भेजा गया है.
ईसीएल प्रबंधन और स्थानीय प्रशासनिक पदाधिकारियों ने एनडीआरएफ की टीम को सूचना दे दी है. चासनाला की घटना की याद ताजा करने वाली यह घटना सोमवार की रात की तीसरी पाली में हुई. घटना की सूचना मिलते ही बचाव कार्य प्रारंभ कर दिया गया. सूत्रों के अनुसार, खदान में चार पम्प ऑपरेटर गये थे. पानी के बहाव को देखते हुए दो कर्मी समीर टुडू व विकास भुइयां किसी तरह जान बचा कर बाहर निकल गये.
निरसा की विधायक अपर्णा सेनगुप्ता, पूर्व विधायक अरूप चटर्जी, सुरेस चंद्र झा, उपेंद्र सिंह, एसडीपीओ विजय कुमार कुशवाहा, निरसा के थाना प्रभारी सह इंस्पेक्टर सुभाष सिंह, सीआइएसएफ सहित मुगमा क्षेत्रीय सेफ्टी अधिकारी अजय शर्मा, निरसा बीडीओ विकास कुमार राय, सीओ एमएन मंसूरी बीपी खदान पहुंचे और बचाव कार्य की समीक्षा की. प्रशासन ने प्रबंधन के लोगों से खदान के अंदर जाकर वस्तुस्थिति का जायजा लिया.
ईसीएल सांकतोड़िया हेड क्वार्टर के अलावा अन्य एरिया की रेस्क्यू टीम खदान के अंदर फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के प्रयास में लगी हुई है. कुल 25 सदस्यों की टीम रेस्क्यू कार्य में लगी है. खदान से कुल 4 पम्प के जरिये पानी निकालने का प्रयास जारी है. राजधानी रांची एनडीआरएफ की टीम को बुलाया गया है. टीम के आने के बाद राहत एवं बचाव कार्य और तेज किया जायेगा.
27 नवंबर को इसी खदान में कार्य के दौरान पानी घुस गया था. उस दिन किसी तरह कामगार सुरक्षित निकाल आये थे. तब से खदान के अंदर से पानी निकालने का प्रयास जारी है. बताया गया है कि ईसीएल सर्वे डिपार्टमेंट के पास बोरहोल की जानकारी नहीं थी. कहा गया है कि कोयला खदानों के राष्ट्रीयकरण के बाद खुदिया कोलियरी शुरू हुई थी.
प्रबंधन के सूत्रों ने बताया कि खदान खोलने के दौरान उस समय खदान को चार तल्ला बनाया गया था. जिस इन्क्लाइन में घटना घटी है, कोलियरी खुलने के दौरान सर्वे टीम द्वारा पानी जमा रहने का कोई प्वाइंट उसमें नहीं दर्शाया गया है. प्रबंधन ने जब 27 नवंबर, 2020 के पूर्व बोर होल करवाया, तो अचानक भारी मात्रा में पानी भर गया. 12 दिन में प्रबंधन ने अधिकांश पानी को निकलवा दिया था. मंगलवार को भारी विस्फोट के साथ पानी प्रवेश कर जाने के कारण 2 मजदूर लापता हो गये हैं.
पूर्व विधायक अरूप चटर्जी ने कहा कि सर्वे डायग्राम में डीप बोरिंग या पानी का कोई जिक्र नहीं था. इसलिए खुदिया में यह दुर्घटना घटी है. ईसीएल प्रबंधन अविलंब मजदूरों को बाहर निकलवाने का प्रयास करे. जिला प्रशासन एनडीआरएफ की टीम को जल्द से जल्द यहां लाये, ताकि मजदूर सकुशल बाहर निकल सकें.
विधायक अपर्णा सेनगुप्ता ने कहा कि जहां-तहां कोयला चुनने वालों पर जीएम गोली चलवाते हैं. उन्हें अपने खदान की कोई चिंता ही नहीं है. एकमात्र उद्देश्य अधिक से अधिक उत्पादन करवाना है. मजदूर हितों को लेकर प्रबंधन गंभीर नहीं है.
Posted By : Mithilesh Jha