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Jharkhand news: कोलकाता और साहिबगंज से दो नाबालिग बरामद, दुमका CWC के सामने आये बाल विवाह के दो मामले

jharkhand news: बाल विवाह के मामले में चाइल्डलाइन ने कोलकाता और साहिबगंज से दो नाबालिग को बरामद किया. बरामद दोनों नाबालिग को दुमका के बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया. सीडब्ल्यूसी ने दोनों लड़कियों का बयान दर्ज किया है.

Jharkhand news: दुमका स्थित बाल कल्याण समिति (Child Welfare Committee- CWC) के समक्ष चाइल्डलाइन ने बाल विवाह के मामलों में 16 और 14 साल की दो बालिकाओं को उपस्थित किया. इनसे एक को कोलकाता और दूसरी को साहिबगंज से बरामद किया गया था. बाल कल्याण समिति ने दोनों बालिकाओं का बयान दर्ज किया है. इसके अलावा एक बालिका के मामा-मामी और दूसरे की मां का बयान भी दर्ज किया गया.

कोलकाता में लड़के के साथ मिली नाबालिग

बिहार के बख्तियारपुर में अपने मामा के घर में रहनेवाली 16 वर्षीय बालिका को कोलकाता में दुमका के एक लड़के के साथ बरामद किया गया था. इस लड़के के घरवालों ने विवाह का प्रस्ताव भेजा था. पर, बालिका के मामा ने नाबालिग होने के कारण विवाह से इनकार कर दिया था. बालिका उसी लड़के के साथ कोलकाता में पाया गया.

मामा-मापी के साथ रहने की जतायी इच्छा

बालिका की बरामदगी पर पहले यह मामला दुमका के महिला थाना में पहुंचा था और फिर सूचना मिलने पर चाइल्डलाइन उसे मंगलवार को सीडब्ल्यूसी, दुमका लेकर आयी. बालिका ने अपने मामा-मामी के साथ रहने की इच्छा जतायी. जिनके साथ उन्हें घर भेज दिया गया.

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दूसरी बालिका साहिबगंज से बरामद

वहीं, दूसरा मामला शहर के बंदरजोरी इलाके की 14 वर्षीय लड़की का साहिबगंज के लड़के से बाल विवाह करने से संबंधित था. यह लड़की 16 जनवरी की शाम से शहर के लाल पोखरा मोहल्ले से लापता थी. जिसको लेकर उसकी मां ने नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. पुलिस ने मोबाइल लोकेशन के आधार पर लड़की के साहिबगंज के जिरवाबाड़ी इलाके से बरामद किया है.

नाबालिग लड़की की युवक के साथ हुई शादी

लड़की ने अपने बयान में बताया कि साहिबगंज के उस लड़के से वह पिछले छह महीने से मिल रही थी. लड़का दुमका में मेठ का काम करता था. 16 जनवरी को दोनों ने दुमका के शिवपहाड़ मंदिर में शादी कर ली और 17 जनवरी को वह उसके साथ उसके जिरवाड़ी स्थित घर चली गयी. जहां से पुलिस उसे लेकर आयी है.

15 दिन बाद समिति के समक्ष हाजिर होने का आदेश

बाल कल्याण समिति के सदस्य रंजन कुमार सिन्हा, डॉ राज कुमार उपाध्याय और कुमारी विजय लक्ष्मी ने दोनों मामलों की सुनवाई करते हुए बालिकाओं को उनके परिजनों के साथ घर भेज दिया और एक पखवाड़े के बाद समिति के समक्ष हाजिर होने का आदेश दिया. मौके पर चाइल्डलाइन के केंद्र संचालक मधुसूदन सिंह और टीम सदस्य इब्नूल हसन भी मौजूद थे.

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बाल विवाह में सजा का प्रावधान

DCPO प्रकाश चंद्र ने बताया कि बाल विवाह अमान्य विवाह है. ऐसी शादी शुरू से ही कानून की निगाह में वैध नहीं है. बाल विवाह करनेवाले व्यक्ति या ऐसे विवाह को करवाने में मदद करने वालों और इसे बढ़ावा देनेवालों को दो साल की सजा और एक लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकता है.

1098 पर दें सूचना

उन्होंने कहा कि यदि किसी को भी बाल विवाह की कोई जानकारी मिलती है या किसी को यदि कोई बच्चा भटकता हुआ या संकट में दिखे, तो वह चाइल्डलाइन को इसकी सूचना देकर बच्चे की मदद कर सकते हैं. इस तरह की सूचना चाइल्डलाइन को फोन नंबर 1098 पर दी जा सकती है.

Posted By: Samir Ranjan.

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