दुमका: छात्र समन्वय समिति के सदस्यों ने 60-40 नियोजन नीति के विरोध में 18 अप्रैल को मशाल जुलूस व 19 को संपूर्ण झारखंड बंद करने का आह्वान किया है. इस आंदोलन के समर्थन में छात्र समन्वय समिति सभी संघ-संगठनों के प्रतिनिधियों को पत्र देकर सहयोग मांग रही है. समिति के सदस्य श्यामदेव हेंब्रम ने कहा कि 60-40 नियोजन नीति झारखंड की जनता के लिए एक अभिशाप है. इस नीति से सरकार की यह सोच उजागर हो रही है कि वह स्थानीय को कम बाहरियों को ज्यादा फायदा दिलाना चाहती है. इस बंद में एम्बुलेंस की सेवा, मरीज, डॉक्टर व अन्य आवश्यक सेवा को दूर रखा जायेगा.
छात्र समन्वय समिति के सदस्य श्यामदेव हेंब्रम ने कहा कि 60-40 नियोजन नीति का संताल परगना ही नहीं पूरे झारखंड की जनता पुरजोर विरोध कर रही है. इस नियोजन नीति को रद्द करने के लिए एक अप्रैल को एक दिवसीय संताल परगना बंद कराया गया था, जो सफल रहा था, लेकिन उस बंदी के बाद भी सरकार ने जनता की भावना व उसकी मांगों पर कोई पहल नहीं की. इस चरणबद्ध आंदोलन के तहत सोमवार को जब झारखंड की जनता अपनी आवाज व अधिकारों के लिए रांची में सीएम आवास का घेराव करने निकली तो हेमंत सरकार ने उनसभी पर लाठीचार्ज करके घायल करने काम किया.
श्यामदेव ने कहा कि आज झारखंड में ऐसी स्थिति उत्पन्न हो चुकी है कि कोई भी अपने आवाज व अधिकार के लिए बोलता है. तो उसे लाठी-डंडे से पीटा जाता है. जिस प्रकार की घटना रांची में हमारे लोगों के साथ घटी है. उससे पूरा राज्य की जनता दुखी है. हेंब्रम ने कहा कि नियोजन नीति को रद्द करने की मांग को लेकर 18 अप्रैल को मशाल जुलूस एवं 19 को पूरा झारखंड बंद रखा जायेगा. बंद को सफल बनाने के लिए उपराजधानी के सभी संघ-संगठन के प्रतिनिधि को पत्र देकर बंदी को सार्थक बनाने की मांग की गयी है. हेंब्रम ने कहा कि 19 अप्रैल की बंदी ऐतिहासिक होगी. इस बंदी में एम्बुलेंस की सेवा, मरीज, डॉक्टर व अन्य आवश्यक सेवा को दूर रखा जायेगा.