रांची: झारखंड हाइकोर्ट ने दुमका की 12वीं की छात्रा अंकिता कुमारी को पेट्रोल छिड़क जिंदा जलाने के मामले को स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से पूछा: पेट्रोल कांड में गंभीर रूप से घायल अंकिता को किस परिस्थिति में दुमका से रांची लाया गया था. वह कितनी प्रतिशत जली थी. डीजीपी को जवाब शपथ पत्र के माध्यम से देने का निर्देश दिया.
खंडपीठ ने केंद्र सरकार से जानना चाहा कि देवघर एम्स में आम मरीजों के इलाज की क्या-क्या सुविधाएं उपलब्ध करायी गयी हैं. वहां बर्न वार्ड है अथवा नहीं. मामले में केंद्र सरकार को जवाब दायर करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने चार नवंबर की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व राज्य सरकार की अोर से अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने पक्ष रखा, जबकि केंद्र सरकार की अोर से एएसजीआइ वरीय अधिवक्ता अनिल कुमार ने पैरवी की.
उल्लेखनीय है कि दुमका के शाहरुख नामक युवक ने अंकिता के कमरे में पेट्रोल छिड़क कर आग लगा दी थी. इससे वह झुलस गयी थी. स्थानीय अस्पताल में उसका इलाज हुआ. उसे रिम्स रेफर कर दिया. रिम्स में अंकिता की तीन दिन बाद मौत हो गयी थी.