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झारखंड : दुमका में एक पिता ने बेटी की बेरहमी से की पिटाई, अस्पताल में भर्ती, एक्शन में CWC

दुमका में एक पिता ने नाबालिग बेटी की बेहरमी से पिटाई की. उसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती करा दिया. सीडब्ल्यूसी को जानकारी मिलने पर रेस हुई. किशोरी ने पिता द्वारा हमेशा मारपीट की बात कही, वहीं पिता भी मारपीट की बात को स्वीकारा. सीडीब्यूसी ने किशोरी और उसके भाई को बालगृह भेज दिया.

Jharkhand News: दुमका शहर के रसिकपुर मोहल्ले की रहनेवाली एक किशोरी को उसके पिता ने इतनी बेरहमी से पिटाई की है कि वह दो दिनों से अस्पताल में भर्ती है. शुक्रवार की सुबह चेयरपर्सन डॉ अमरेंद्र कुमार और सदस्य डॉ राज कुमार उपाध्याय उस किशोरी से मिलने अस्पताल के मेडिसिन वार्ड पहुंचे. वहां बताया गया कि किशोरी को सर्जिकल वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है. सर्जिकल वार्ड जाने पर नर्स ने किशोरी का जो बेड बताया वहां वह नहीं थी. पता चला कि गुरुवार शाम के बाद से किशोरी को कोई दवा नहीं दिया गया है. अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि किशोरी को डिस्चार्ज नहीं किया गया है, पर वह खुद घर चली गयी है.

किशोरी और भाई को सीडब्यूसी के समक्ष किया पेश

सीडब्ल्यूसी के आदेश पर चाइल्ड लाइन,दुमका की टीम मेंबर शांतिलता हेम्ब्रम ने किशोरी और उसके सात वर्षीय भाई को समिति के समक्ष प्रस्तुत किया. चेयरपर्सन डॉ अमरेंद्र कुमार, सदस्य डॉ राज कुमार उपाध्याय, कुमारी विजय लक्ष्मी और नूतन बाला ने इस मामले की सुनवाई की.

किशोरी बोली- पिता हमेशा करते मारपीट

इस पर इंटर में पढ़नेवाली किशोरी ने बताया कि उसकी मां ने पिता के साथ झगड़ा होने के बाद वर्ष 2019 में केराेसीन छिड़क कर आग लगा ली थी, जिससे इलाज के क्रम में उसकी मृत्यु हो गयी. उसके बाद से उसके पिता उसे और उसके छोटे भाई के साथ हमेशा मारपीट करते हैं. पिछले साल दुर्गापूजा के समय उसके पिता ने उसके गर्दन पर हंसुआ से वार कर दिया था जिसका निशान भी किशोरी ने दिखाया. उसने बताया कि 14 जून को पिता ने उसकी बेरहमी से पिटाई की जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गयी. पिता ने ही उसे रात में अस्पताल पहुंचाया जहां उसे भर्ती कर लिया गया. उसने चेहरे और दोनों आंख के नीचे बने काले निशान को भी दिखाया. किशोरी ने यह भी बताया कि पिता उसके छोटे भाई को बेल्ट से पीटते हैं. बयान के दौरान किशोरी ने बताया कि उसने सुबह से कुछ नहीं खाया है. समिति ने तत्काल उसे व उसके भाई को ऑब्जर्वेशन होम में भोजन करवाया.

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किशोरी के पिता ने मारपीट की बात स्वीकारी

इधर, किशोरी के पिता ने अपने बयान में बताया कि वह तीन भाई और एक बहन है. वह अपने माता-पिता और दोनों भाईयों से अलग रहता है. 14 जून की शाम 7 बजे वह मुर्गा लेकर आया था और बेटी को बनाने को कहा. उसके साथ उसके कुछ दोस्त भी आये थे. बेटी ने मुर्गा बनाने से इनकार कर दिया और उसे अपशब्द कह दिया जिससे गंभीर आक्रोश में आकर उसने बेटी को पीट दिया. फिर उसे अस्पताल पहुंचाया. 15 जून को भी बेटी से जाकर अस्पताल में मिला. पर उसे यह नहीं मालूम कि बेटी को अस्पताल से डिस्चार्ज नहीं किया गया था, बल्कि वह खुद आ गयी थी. पिता ने स्वीकार किया कि पूर्व में भी उसने अपनी बेटी के साथ मारपीट की है और कहा कि गलत करेगी तो वह मारेंगे ही.

नगर थाने की पुलिस ने किशोरी का नहीं किया बयान दर्ज

इस पूरे प्रकरण की जांच के दौरान समिति को पता चला कि 14 जून को अस्पताल में भर्ती किये जाने के साथ ही अस्पताल प्रबंधन द्वारा ‘एसल्ट बाय फादर’ के रूप में नगर थाना को ओडी स्लीप भेजा था, पर नगर थाना पुलिस ने किशोरी का बयान दर्ज नहीं किया, जबकि जेजे एक्ट के सेक्सन 75 के तहत यह ‘क्रुएल्टी अगेंस्ट चाइल्ड’ है, जिसके लिए तीन साल तक सजा और एक लाख रुपये जुर्माना तक का प्रावधान है.

किशोरी और उसके भाई को बालगृह भेजा

समिति ने शुक्रवार को नगर थाना प्रभारी के सरकारी मोबाइल पर फोन किया, तो मुंशी ने फोन उठाया और देख कर बताने की बात कही, पर कई बार फोन किये जाने के बाद भी समिति को कोई जानकारी नहीं दी गयी. समिति ने किशाेरी के सर्वोत्तम हित में सुरक्षा के लिहाज से किशोरी और उसके भाई को धधकिया स्थित बालगृह भेज दिया है.

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