Jharkhand news, Dumka news : दुमका (आनंद जायसवाल) : झारखंड की उप राजधानी दुमका वासियों को जल्द ही तारामंडल का लाभ मिलेगा. झारखंड विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद (Jharkhand Council of Science and Technology – JCST) द्वारा दुमका के सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेज परिसर में तैयार किया जा रहा तारामंडल (Planetarium) वर्ष 2021 के मार्च महीने तक बनकर तैयार हो जायेगा. भवन निर्माण का काम लगभग पूरा हो चुका है. अब इसकी आंतरिक सज्जा का काम चल रहा है. इस संबंध में डीसी राजेश्वरी बी ने कहा कि तारामंडल का निर्माण कार्य चल रहा है. इसके कार्य की प्रगति की जल्द समीक्षा होगी. संबंधित विभाग से जल्द जानकारी ली जायेगी. इस प्रोजेक्ट को जल्द पूरा कराने का प्रयास किया जायेगा.
जेसीएसटी के अनुरोध पर इस कार्य की प्रतिष्ठित एजेंसी क्रिएटिव म्यूजियम डिजाइनर (सीएमडी) दुमका में करीब 30 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट पर काम कर रही है. इस तारामंडल का गुंबद 15 मीटर का तैयार किया गया है. इसमें लगभग 120 से 130 आगंतुकों के लिए प्रोजेक्टर प्रणाली आधारित मल्टीमीडिया शो दिखानेवाली पूर्णत: डिजिटल तारामंडल स्थापित की जायेगी. इसके अलावा खगोल विज्ञान और अंतरिक्ष विज्ञान, खगोल विज्ञान पर छात्रों के लिए एक्टिविटी एरिया, जीपीएस इनैबल्ड टेलीस्कोप के माध्यम से खगोलीय नजारे का अवलोकन किया जा सकेगा.
4 जून, 2015 को क्रिएटिव म्यूजियम डिजाइनर ने इस प्रोजेक्ट का करार 29 करोड़ 99 लाख 50 हजार में किया था. इस प्रोजेक्ट को उसे 31 मार्च, 2020 तक ही पूर्ण कर देना था. पर, अब ऐसा कयास लगाया जा रहा है कि इसके पूर्ण होने में मार्च 2021 तक का वक्त लग जायेगा.
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उपराजधानी दुमका से छोटे आकार का तारामंडल पड़ोसी जिला देवघर में भी बनाया जा रहा है. देवघर का प्रोजेक्ट 8.48 करोड़ रुपये का ही था. इसे भी 31 मार्च, 2020 को ही पूर्ण किया जाना था, लेकिन इसका भी काम धीमा ही चल रहा है. इसका गुंबद 8 मीटर का है. यहां 40-45 लोग बैठ पायेंगे.
इधर, तारामंडल के निर्माण में जुटे कर्मी अभिषेक साव ने कहा कि सिविल से संबंधित लगभग सभी काम पूरा हो चुका है. प्लानेटेरियम से संबंधित काम ही बचा है. बाहर में गार्डन आदि विकसित किये जाने हैं. उम्मीद है कि मार्च तक यह सब काम पूरा हो जायेगा.
वहीं, छात्र श्यामदेव हेंब्रम ने कहा कि बहुत लंबे समय से काम चल रहा है. इसे जल्द से जल्द पूरा कराया जाना चाहिए. पुस्तकों में खगोलीय विज्ञान एवं अंतरिक्ष विज्ञान को नहीं समझा जा सकता. इससे संबंधित जानकारी यहां मिल पायेगी.
Posted By : Samir Ranjan.