Jharkhand news: रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच भारतीय लोगों की वतन वापसी शुरू हो गयी है. इसी कड़ी में दुमका के अलकमा आदिल समेत सैकड़ों की संख्या में भारतीय छात्र यूक्रेन से अपने देश लौटने के लिए बस से रोमानिया के लिए निकल पड़े हैं. वे घंटों पहले यूक्रेन बॉर्डर पर पहुंच गये, लेकिन यहां उन्हें रोक लिया गया है. घंटों से वे यूक्रेन-रोमानिया बॉर्डर पर ही हैं. बॉर्डर पर कोई व्यवस्था नहीं होने से ये लोग भूखे प्यासे काफी परेशान हैं.
जानकारी के मुताबिक, रोमानिया से उन्हें फ्लाइट मिलना था. इन छात्रों में झारखंड के दुमका का अलकमा आदिल भी हैं. अलकमा ने अपने पिता डॉ हनीफ जो दुमका एस पी महिला कॉलेज के लेक्चरर हैं, उन्हें जानकारी दी है कि घंटों पहले हमलोग बॉर्डर पर आ गये हैं, लेकिन हमें बॉर्डर पार करने नहीं दिया जा रहा है.
सबसे बड़ी मुसीबत कि बात यह है कि बॉर्डर पर किसी तरह की कोई व्यवस्था नहीं है. तापमान 4 डिग्री सेल्सियस है. न सर छुपाने की जगह है और न ही खाने-पीने की कोई व्यवस्था. कई छात्रों की तबीयत बिगड़ गई है. ऐसे भी कुछ छात्र हैं जो चाहते हैं कि हमें फिर से यूक्रेन ही वापस भेज दिया जाये.
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अपने पुत्र के इस तरह से यूक्रेन के बॉर्डर पर फंसे रहने की जानकारी पाकर अलकमा आदिल के परिवार वाले काफी चिंतित हैं. उन्होंने जानकारी दी कि जो भी सक्षम अधिकारी हैं वह इस पर पहल करें. साथ ही बॉर्डर पर तंबू की व्यवस्था करें, ताकि कड़कड़ाती ठंड में राहत मिल सके.
बता दें कि रविवार को सीएम हेमंत सोरेन ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर झारखंड के लाेगों की जानकारी देते हुए उन्हें सुरक्षित वापसी का अनुरोध किया है. साथ ही राज्य के लोगों की सूची भी भेजी है. इस सूची में उनलोगों के पते और संपर्क नंबर भी दिया गया है.
रिपोर्ट : आनंद जायसवाल, दुमका.