Jharkhand Weather News: पांच महीने के बाद झारखंड की उपराजधानी दुमका में रविवार की रात मूसलाधार और सोमवार को कुछेक इलाकों में हुई छिटपुट बारिश के बाद मंगलवार की सुबह घना कुहासा नजर आया. ऐसा कुहासा आमतौर पर सर्दी के दिनों में यानी पूस के महीने में ही देखा जाता था, लेकिन मार्च महीने के अंत में जब चैत की शुरूआत हो रही है, तब इस तरह कुहासा नजर आना लोगों के लिए आश्चर्य का विषय रहा. वहीं, सड़कों में गाड़ियां रेंगती रही. खासतौर पर जलाशयों के आसपास तो विजिबिलिटी 10 मीटर के आसपास थी. इससे सुबह मॉर्निंग वॉक जाने वाले लोगों और ट्यूशन जाने वाले बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ा. बस-ट्रक चलानेवाले फॉग लाइट चलाकर धीमी गति से चल रहे थे.
तापमान में गिरावट, लोगों ने निकाले स्वेटर
दुमका में पिछले तीन दिनों से आसमान में बादल छाए हुए हैं. रविवार की शाम तो काफी तेज बारिश हुई थी, वहीं सोमवार को तापमान गिर गया लोगों ने जो स्वेटर- कंबल रख दिया था उसे बाहर निकाल लिया है. जबकि 10 दिन पूर्व भीषण गर्मी पड़नी शुरू हो गयी थी. अचानक मौसम में आया बदलाव लोगों को समझ में नहीं आ रहा है. उनका कहना है कि इसके पहले कभी भी ऐसी स्थिति नहीं देखी गयी. इधर, मौसम के उतार-चढ़ाव को देख चिकित्सकों ने बचने की सलाह दी है. कहा है कि ऐसे मौसम में सर्दी-खांसी-बुखार जैसी परेशानी आ सकती है.
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बुढ़ीकुरूवा के पास पेड़ गिरा, घंटेभर रोड एनएच-114ए जाम
दुमका-देवघर मुख्य मार्ग पर एनएच 114 ए में बुढ़ी कुरूवा के पास गुलमोहर का एक विशाल वृक्ष अहले सुबह सड़क पर आ गिरा. पेड़ इस तरह गिरा था कि सड़क से वाहनों की आवाजाही ही ठप हो गयी. वाहन चालकों के अनुरोध पर गांव के ही तकरीबन दो दर्जन लोग अपने-अपने घरों से कुल्हाड़ी लेकर निकले और एक साथ पेड़ के अलग-अलग हिस्सों को काटना शुरू किया. घंटे भर के अंदर पेड़ के मुख्य हिस्से को बीच सड़क से काटकर हटा दिया गया और वाहनों की आवाजाही शुरू कराने में अहम भूमिका निभायी. बस पर सवार होकर दुमका से देवघर परीक्षा देने जा रहे परीक्षार्थी लंबी जाम देख परेशान थे, पर ग्रामीणों के प्रयास से उनकी परीक्षा प्रभावित नहीं हुई.