Maha Shivratri 2023: महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर बाबा फौजदारीनाथ के शादी की तैयारी जोर-शोर से चल रही है. गुरुवार को मंदिर के गुंबद पर से पंचशूल, चांदी का झंडा, त्रिशूल, कलश आदि को उतारा गया. जैसे ही पंचशूल उतारे गये, उसे छूने के लिए लोगों की भीड़ लग गयी. शनिवार को भोलेनाथ दुल्हा बनेंगे. मंदिर में पंचशूल का विशेष महत्व है. पंचशूल को स्पर्श करने के लिए भक्तों का हुजूम उमड़ पड़ा.
पंचशूल के नीचे उतरते ही जय शिव, हर-हर महादेव के जयकारे लगने लगे. भोलेनाथ का विवाह को लेकर पूरे इलाके में हर्ष व उल्लास का माहौल व्याप्त है. भोलेनाथ की नगरी सज-धज कर तैयार हो रही है. मंदिर प्रभारी सह कार्यपालक पदाधिकारी आशुतोष ओझा ने बाबा के पंचशूल को विधिवत पूजन कर आशीर्वाद विवाह से जुड़े सामग्रियों की खरीदारी की. बाजार में रौनक बढ़ गयी है. बाबा फौजदारीनाथ का धूमधाम से विवाह किया जायेगा.
मंदिर के पुजारी सदाशिव पंडा एवं मंदिर विदकरी शौखी कुंवर ने बताया कि मंदिर प्रांगण में शुक्रवार को विधि विधान के साथ भोलेनाथ व माता पार्वती के शादी का रस्म पूरा कराया जायेगा. बाबा फौजदारीनाथ व मैया पार्वती को विदकरी शौखी कूंवर द्वारा हरिद्रालेपन सगनौती किया जायेगा. भगवान शिव व मैया पार्वती पर लावा कांसा चढ़ाया जायेगा, उबटन लगाया जायेगा.
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मंदिर प्रांगण में महिलाओं द्वारा विवाह मंगलगीत गाये जायेंगे. पंडित कुंदन झा, सुधाकर झा आदि ने बताया कि विवाह से एक दिन पूर्व अधिवाश होता है. बाबा के गुंबद पर से सोने चांदी के कलश व त्रिशूल को नीचे उतारा गया. बाबा फौजदारीनाथ व माता पार्वती को आज पूरे विधि विधान के साथ सोना, चांदी, काजल, वस्त्र, अलता, दूर्वा आदि चढ़ाया जायेगा. मंदिर पुरोहित व विदकरी शौखी कुंवर ने विवाह के रश्म पूरे किये जायेंगे. महाशिवरात्रि पर व्रती महिला पुरुष नहाय खाय के साथ शुक्रवार को संयत करेंगे.
बासुकीनाथ मंदिर गुंबद से पंचशूल उतरने के बाद से बाबा फौजदारीनाथ व पार्वती मंदिर का गठबंधन भी बंद हो गया. अब मंदिर गर्भगृह में वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच पंचशूल की विशेष पूजा होने के बाद उसे मंदिर के शिखर पर लगाया जायेगा. इसके बाद गठबंधन शुरू किया जायेगा. शिव व माता पार्वती मंदिर का गठबंधन गुरुवार को खोला गया. इस खुले हुए गठबंधन को प्रसाद स्वरूप पाने के लिए भक्तों की भीड़ लगी थी.
मान्यता है कि गठबंधन के प्रसाद को यदि किसी शादी योग्य लड़की व लड़का के गले में पहनाया जाये तो उसकी शादी जल्दी होती है. गुंबद पर से उतारे गये पंचशूल, कलश व त्रिशूल को साफ-सुथरा कर महाशिवरात्रि के दिन विदकरी शौखी कुंवर व उसके परिवार के सदस्यों द्वारा गुंबद पर चढ़ाया जायेगा.