![ऐसे 5 Ias, Ips, Ifs अधिकारी जो बाद में राजनीति में हुए शामिल, डालें एक नजर 1 Undefined](https://cdnimg.prabhatkhabar.com/wp-content/uploads/Prabhatkhabar/2022-09/b512a9fd-89d1-4d4b-9e09-67341a3fde43/ips_transfer.jpg)
सिविल सेवा में नौकरी पाना भारत में सर्वोच्च रैंकिंग वाली नौकरी मानी जाती है. एक बार जब कोई व्यक्ति यूपीएससी सीएसई में सफल हो जाता है, तो उसे अत्यंत सम्मान, गरिमा और उच्च सम्मान की नजरों से देखा जाता है. आईएएस, आईपीएस या आईएफएस अधिकारी बनना सबसे कठिन नौकरियों में से एक है. सिविल सेवक समाज को एक बेहतर स्थान बनाने के लिए अथक प्रयास करते हुए दिन-रात बिताते हैं.
![ऐसे 5 Ias, Ips, Ifs अधिकारी जो बाद में राजनीति में हुए शामिल, डालें एक नजर 2 Undefined](https://cdnimg.prabhatkhabar.com/wp-content/uploads/Prabhatkhabar/2020-06/38e4cfb5-f436-4353-9a65-6dd5f60afa23/05_06_2020_women_ips_20352479.jpg)
लेकिन, क्या आपने कभी सोचा है कि जब सिविल सेवक सेवानिवृत्त हो जाते हैं तो उनका क्या होता है? क्या उनके लिए करियर के अन्य संभावित अवसर हैं? क्या सिविल सेवकों के रूप में उनका समय समाप्त होने के बाद वे कुछ कर सकते हैं? आइए इस बारे में विस्तार से जानें-
![ऐसे 5 Ias, Ips, Ifs अधिकारी जो बाद में राजनीति में हुए शामिल, डालें एक नजर 3 Undefined](https://cdnimg.prabhatkhabar.com/wp-content/uploads/Prabhatkhabar/2021-10/bee39a5e-76ea-48a1-be09-d5abc125674b/ias_officers_109.jpg)
दरअसल, निश्चित रूप से, ऐसे कई संभावित करियर विकल्प हैं जिन्हें कई आईएएस, आईएफएस और आईपीएस अधिकारियों ने अपने कार्यकाल समाप्त होने के बाद चुना है. यहां हम कुछ आईएएस, आईएफएस और आईपीएस अधिकारियों के बारे में बात करेंगे जिन्होंने सिविल सेवकों के रूप में अपना समय बिताया और फिर मान्यता प्राप्त और प्रतिष्ठित राजनेता के रूप में उभरे.
![ऐसे 5 Ias, Ips, Ifs अधिकारी जो बाद में राजनीति में हुए शामिल, डालें एक नजर 4 Undefined](https://cdnimg.prabhatkhabar.com/wp-content/uploads/Prabhatkhabar/2020-05/33bc0643-84d3-417d-b223-a7b4ddb94e81/ajit.jpg)
1. अजीत जोगी
अजीत जोगी ने 1968 में सिविल सर्विसेज में सफलता हासिल की और आईएएस अधिकारी बने. एक आईएएस अधिकारी के रूप में अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद, जोगी कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए और तत्कालीन पीएम राजीव गांधी ने उनकी जांच की, बाद में वे छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भी रहे.
2. मणिशंकर अय्यर
लाहौर में जन्मे मणिशंकर अय्यर 1963 बैच के आईएफएस अधिकारी थे. वह 1991 में तमिलनाडु के मयिलादुतुरई से लोकसभा के लिए चुने गए थे. तब से उन्होंने कई विभागों में कार्य किया.
![ऐसे 5 Ias, Ips, Ifs अधिकारी जो बाद में राजनीति में हुए शामिल, डालें एक नजर 6 Undefined](https://cdnimg.prabhatkhabar.com/wp-content/uploads/prabhatkhabar/import/2017/5/2017_5$largeimg05_May_2017_085718136.jpg)
3. मीरा कुमार
मीरा कुमार भारत की पहली महिला लोकसभा अध्यक्ष थीं. वह 2009 से 2014 के बीच इस पद पर रहीं. मीरा कुमार 1973 में सिविल सेवा में शामिल हुईं और एक दशक से अधिक समय तक आईएफएस अधिकारी के रूप में कार्य किया. 1985 में बिजनोर उपचुनाव में राम विलास पासवान और मायावती को हराकर वह राजनीति में धमाकेदार तरीके से आईं.
![ऐसे 5 Ias, Ips, Ifs अधिकारी जो बाद में राजनीति में हुए शामिल, डालें एक नजर 7 Undefined](https://cdnimg.prabhatkhabar.com/wp-content/uploads/Prabhatkhabar/2022-06/d91db133-1bc5-434d-bcb9-4b8c82d32f00/Yashwant_Sinhaa.jpg)
4. यशवंत सिन्हा
बिहार के मूल निवासी, यशवंत सिन्हा ने 1960 में यूपीएससी सीएसई में सफलता हासिल की और लंबे समय तक आईएएस अधिकारी के रूप में कार्य किया. बाद में 1984 में उन्होंने आईएएस पद से इस्तीफा दे दिया और जनता पार्टी के तहत सक्रिय राजनीति में शामिल हो गये.
![ऐसे 5 Ias, Ips, Ifs अधिकारी जो बाद में राजनीति में हुए शामिल, डालें एक नजर 8 Undefined](https://cdnimg.prabhatkhabar.com/wp-content/uploads/Prabhatkhabar/2023-08/16c6bbd4-ad3a-4a8b-97a1-6e60d82f3855/New_Project__1_.jpg)
5. सत्यपाल सिंह
सत्यपाल सिंह महाराष्ट्र कैडर के 1980 बैच के पूर्व आईपीएस अधिकारी हैं. उन्होंने मुंबई के पुलिस कमिश्नर के रूप में भी काम किया और 1990 के दशक में मुंबई में अपराध को खत्म करने में भूमिका निभाई. वह 2014 में मुंबई पुलिस प्रमुख के पद से इस्तीफा देने के बाद भाजपा में शामिल हो गए.