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Admission In Engineering: ओपनिंग और क्लोजिंग रैंक में बदलाव नहीं होने से बदला समीकरण, जोसा से नहीं तो यहां मिलेगा अवसर

Admission in Engineering: इंजीनियरिंग में एडमिशन को लेकर ओपनिंग और क्लोजिंग रैंक में बदलाव नहीं होने के कारण समीकरण बदला है. जोसा के बाद एनआइटी प्लस सिस्टम के लिए स्पेशल राउंड सी-सैब काउंसेलिंग की प्रक्रिया दो चरणों में 17 से 26 जुलाई के बीच होगी.

Admission In Engineering: रांची-जेइइ मेंस और जेइइ एडवांस के रिजल्ट के बाद जोसा काउंसेलिंग की प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है. इस वर्ष जोसा ने छह की जगह पांच चरणों में ही काउंसेलिंग कराने का निर्णय लिया था. चार चरणों में काउंसेलिंग कर सीटों का आवंटन कर दिया गया है. पांचवें चरण की प्रक्रिया अगले सप्ताह पूरी हो जायेगी. जोसा के बाद एनआइटी प्लस सिस्टम के लिए स्पेशल राउंड सी-सैब काउंसेलिंग की प्रक्रिया दो चरणों में 17 से 26 जुलाई के बीच होगी. इस वर्ष पांच चरणों में जोसा काउंसेलिंग होने का असर दो चरणों के बाद देखने को मिला. पहले चरण में एडमिशन को लेकर जहां ओपनिंग और क्लोजिंग रैंक का दायरा पिछले वर्ष से बढ़ा, वहीं, दूसरे चरण के बाद ओपनिंग और क्लोजिंग रैंक में बदलाव रुक सा गया. कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग, एआइ एंड मशीन लर्निंग, इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग जैसे ब्रांच में लगभग दो चरणों की काउंसेलिंग के बाद ही नये विद्यार्थियों के लिए सीटों का आवंटन बंद हो गया. बाकी ब्रांच में भी आइआइटी, एनआइटी में दो चरणों के बाद कोई बड़ा बदलाव नहीं दिखा. ऐसे में रैंक में पिछड़े विद्यार्थी अब देशभर के विभिन्न तकनीकी संस्थानों में अवसर तलाश सकते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि कॉलेज का चयन मान्यता और नैक रैंकिंग के आधार पर करना जरूरी है.

आइआइटी धनबाद में 14988 और ट्रिपल आइटी रांची में 38058 पर अटकी रैंकिंग

जोसा काउंसेलिंग से टॉप रैंकर विद्यार्थियों को ही जगह मिल सकी है. आइआइटी आइएसएम धनबाद में ऑल इंडिया रैंक 14988 तक सिमट गयी है. महिला अभ्यर्थियों को सुपरन्यूमैरेरी के तहत 24273 रैंक पर ही जगह मिली है. वहीं, सीएस की ओपनिंग व क्लोजिंग रैंक 1817 से 3610 पर जा अटकी है. इसी तरह इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में 4868 से 6751 और इसीइ में 3727 से 5346 रैंक तक के विद्यार्थियों को जगह मिली है. ट्रिपल आइटी रांची में 20175 से 30962 रैंक तक के विद्यार्थी को सीएस और 30138 से 38058 रैंक तक के अभ्यर्थी को इसीइ ब्रांच मिला है. वहीं, एनआइएएमटी रांची में सीएस ब्रांच का रैंक फॉर्मूला 29425 से 48597 तक सीमित हो गया. जबकि पिछले वर्ष इस संस्था में 60 हजार से अधिक रैंकवाले विद्यार्थियों को भी जगह मिली थी.

एनआइटी में 47540 और बीआइटी में 75023 अधिकतम रैंक

एनआइटी जमशेदपुर में सिविल इंजीनियरिंग की क्लोजिंग रैंक 47540 पर जा रुकी है. वहीं, टॉप ब्रांच कंप्यूटर साइंस के लिए होम स्टेट की सीट 12947 रैंक, इइ की सीट 23712 और इसीइ की सीट 18271 तक रैंक हासिल करने वाले विद्यार्थियों को मिली है. इसी तरह बीआइटी मेसरा में सिविल इंजीनियरिंग में राज्य के वैसे विद्यार्थियों को जगह मिली है, जिनकी रैंक 75023 तक है. वहीं, सीएस की क्लोजिंग रैंक 29325, इइइ की 52629 और इसीइ की क्लोजिंग रैक 48761 है.

झारखंड के विद्यार्थी कर्नाटक में तलाशते हैं इंजीनियरिंग की संभावना


जेइइ एडवांस में सफल विद्यार्थियों की पहली प्राथमिकता देश के टॉप आइआइटी संस्थान में एडमिशन लेना होता है. वहीं, ऑल इंडिया रैंक और इच्छानुसार संकाय न मिलने पर विद्यार्थी एनआइटी, ट्रिपल आइटी और जेएफटीआइ संस्थानों में विकल्प तलाशने लगते हैं. विशेषज्ञों के अनुसार झारखंड के टॉप रैंकर्स की च्वाइस आइआइटी दिल्ली, आइआइटी बॉम्बे, आइआइटी चेन्नई, आइआइटी खड़गपुर, आइआइटी रुड़की, एनआइटी जालंधर, एनआइटी त्रिची जैसी संस्थाएं होती हैं. शेष विद्यार्थी इंजीनियरिंग में संभावना तलाशने कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, महाराष्ट्र और चेन्नई जैसे शहरों में पलायन कर जाते हैं. इन राज्यों में जेइइ मेंस के अलावा कॉमेड-के, बेस्ट बंगाल कंबाइंड इंट्रेस टेस्ट, केआइआइटी प्रवेश परीक्षा के जरिये एडमिशन का अवसर मिलता है.

इंजीनियरिंग के लिए बेंगलुरु है विद्यार्थियों का पहला विकल्प


झारखंड के विद्यार्थी बेंगलुरु शहर में मौजूद इंजीनियरिंग संस्थानों में अपनी संभावना तलाशते हैं. जेइइ मेंस के अलावा कॉमेड-के प्रवेश परीक्षा विद्यार्थियों की राह आसान बनाती है. कर्नाटक के एमएस रम्मैया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, ट्रिपल आइटी बेंगलुरु, बीएमएस कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, आरवी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, पीइएस यूनिवर्सिटी, न्यू होराइजन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, सीएमआर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, क्राइस्ट यूनिवर्सिटी और बीएमएस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट जैसे कॉलेज पहली प्राथमिकता शामिल हैं.
आइटी और इंडस्ट्रियल हब एक बड़ा कारण : विशेषज्ञों ने बताया कि बेंगलुरू देश का आइटी हब बन गया है. यही कारण है कि विद्यार्थी यहां के संस्थानों में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग, इंफॉरमेशन टेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग संकाय का विकल्प चुनते हैं. वहीं, इंडस्ट्रियल हब होने के कारण मैकेनिकल इंजीनियरिंग और सिविल इंजीनियरिंग भी विद्यार्थियों का च्वाइस बनता हैं.

इन कॉलेजों में भी मिल सकता है अवसर

पश्चिम बंगाल : जादवपुर यूनिवर्सिटी, जलपाईगुड़ी गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज, कल्याणी गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज, रामकृष्ण महातो गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज पुरुलिया, कोच बिहार गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज, गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड सीरामिक टेक्नोलॉजी, गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्सटाइल टेक्नोलॉजी श्रीरामपुर और गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी बहरमपुर.

ओडिशा : शिक्षा व अनुसंधान, कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (केआइआइटी), सीवी रमन ग्लोबल यूनिवर्सिटी ओडिशा और सिलिकन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी भुवनेश्वर.
चेन्नई : एसआरएम इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी चेन्नई, सत्यभामा इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, वेइ टेक रंगराजन डॉ सगुनथला आरएंडडी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, राजलक्ष्मी इंजीनियरिंग कॉलेज, बीएस अब्दुर रहमान क्रेसेंट इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नाेलॉजी, हिन्दुस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस, सवीथा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एंड टेक्निकल साइंसेस, वेल्स इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस टेक्नोलॉजी एंड एडवांस स्टडीज, चेन्नई इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और इश्वरी इंजीनियरिंग कॉलेज.

पुणे : डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस टेक्नोलॉजी, कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग पुणे, डॉ विश्वनाथ कराद एमआइटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी, भारती विद्यापीठ डिम्ड यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, विश्वकर्मा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, आर्मी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और डॉ डीवाई पाटिल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी पुणे.

दिल्ली : जामिया मिलिया इस्लामिया नयी दिल्ली, दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी, इंद्रप्रस्थ इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉरमेशन टेक्नोलॉजी, गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी, नेताजी सुभाष चंद्र यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी, इंदिरा गांधी दिल्ली टेक्निकल यूनिवर्सिटी फॉर वीमेन.
मुंबई : जोसा काउंसेलिंग से मुंबई के कॉलेजों में जगह न मिलने के बाद विद्यार्थी जेइइ मेंस के रैंक के आधार पर इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी मुंबई चुनते हैं. इसके अलावा निजी संस्था में वीरमाता जिजाबाई टेक्नोलॉजिकल इंस्टीट्यूट, एसवीकेएम नारसी मोंजी इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज, भारतीय विद्या भवन सरदार पटेल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और श्री विले पार्ले केलावणी मंडल दिवाकरदास जे सांघवी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग.

उत्तर प्रदेश : एमिटी यूनिवर्सकटी, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, मोतीलाल नेहरू नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, जेपी इंस्टीट्यूट ऑफ इनफॉरमेशनल टेक्नोलॉजी, दयालबाघ एजुकेशन इंस्टीट्यूट, नोयडा इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, गलगोटियास यूनिवर्सिटी, शारदा यूनिवर्सिटी, राजीव गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोलियम टेक्नोलॉजी, जीएलए यूनिवर्सिटी, केआइइटी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन, जीएल बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाॅजी एंड मैनेजमेंट में विद्यार्थी अपनी जगह तलाश सकते हैं.

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