National Anthem Recitation Mandatory: जम्मू-कश्मीर के सभी स्कूलों में राष्ट्रगान अनिवार्य किया गया

National Anthem Recitation Mandatory in morning assemblies: जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने केंद्र शासित प्रदेश के सभी स्कूलों में राष्ट्रगान गाना अनिवार्य कर दिया है. जम्मू-कश्मीर के स्कूल शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों को सुबह की प्रार्थना सभा की शुरुआत राष्ट्रगान से करने का निर्देश दिया है.

By Shaurya Punj | June 14, 2024 11:54 AM
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जम्मू-कश्मीर स्कूल शिक्षा विभाग ने गुरुवार को एक परिपत्र जारी कर केंद्र शासित प्रदेश के सभी स्कूलों को निर्देश दिया कि वे अपनी सुबह की सभा की शुरुआत राष्ट्रगान के साथ करें, पीटीआई ने बताया. स्कूल शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव द्वारा जारी परिपत्र में कहा गया है, “मानक प्रोटोकॉल के अनुसार सुबह की सभा की शुरुआत राष्ट्रगान से होनी चाहिए.”

सर्कुलर में कही गई ये बात

जारी सर्कुलर के अनुसार “वे (असेंबली) नैतिक अखंडता, साझा समुदाय और मानसिक शांति के मूल्यों को पोषित करने के लिए मंच के रूप में काम करते हैं. हालांकि, यह देखा गया है कि इस तरह के महत्वपूर्ण अनुष्ठान/परंपरा को जेके यूटी के विभिन्न स्कूलों में समान रूप से नहीं निभाया जा रहा है.”

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आधिकारिक नोटिस में लिखी गई है ये बात

आधिकारिक नोटिस में लिखा है, “एक सकारात्मक नोट पर स्कूल के दिन को शुरू करने और छात्रों के बीच एकता और अनुशासन की भावना पैदा करने के लिए, स्कूल के दिन की शुरुआत में सुबह की असेंबली स्कूली शिक्षा प्रणाली का एक अमूल्य अनुष्ठान साबित हुई है. वे नैतिक अखंडता, साझा समुदाय और मानसिक शांति के मूल्यों को पोषित करने के लिए मंच के रूप में काम करते हैं. हालांकि, यह देखा गया है कि इस तरह के महत्वपूर्ण अनुष्ठान/परंपरा को जेके यूटी के विभिन्न स्कूलों में समान रूप से नहीं निभाया जा रहा है.”

विभाग ने सुझाव दिया कि अतिथि वक्ताओं को आमंत्रित किया जाए, पर्यावरण के बारे में जागरूकता पैदा की जाए तथा नशीली दवाओं के खतरे के खिलाफ जागरूकता पैदा की जाए, जैसे कदम स्कूलों को सुबह की सभाओं में शामिल करने चाहिए.

विभाग ने स्कूलों से कहा कि वे छात्रों में नेतृत्व के गुण विकसित करने के लिए अन्य विषयों के अलावा पर्यावरण और छात्र उपलब्धियों पर चर्चा आयोजित करें.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, परिपत्र में शिक्षकों से छात्रों के साथ स्वतंत्रता सेनानियों की आत्मकथाओं पर चर्चा करने और छात्रों को प्रेरित करने और एक “सकारात्मक माहौल” स्थापित करने के लिए “प्रेरक वार्ता” देने के लिए भी कहा गया है.

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