B.Ed Course Cancelled: नई शिक्षा नीति के अनुसार प्राइमरी टीचर बनने के लिए B.ed की मान्यता खत्म, यहां है नए बदलावों की जानकारी
B.Ed Course Cancelled: नई शिक्षा नीति 2020 से लागू होने के बाद प्राइमरी टीचर बनने के नियमों में काफी ज्यादा संशोधन किए गए हैं. इससे पहले तक प्राइमरी टीचर बनने के लिए योग्यता थी 12वीं के बाद ग्रेजुएशन और फिर b.ed की डिग्री लेकिन नई शिक्षा नीति के अनुसार प्राइमरी टीचर बनने के लिए b.ed की मान्यता को खत्म कर दिया गया है.
B.Ed Course Cancelled: क्या आप भी सरकारी शिक्षक बनने की तैयारी कर रहे हैं? अगर हां तो आपके लिए यह जानना आवश्यक है की नई शिक्षा नीति के अनुसार अब प्राइमरी टीचर बनने के लिए b.ed की डिग्री पर्याप्त नहीं है. सुप्रीम कोर्ट के नए फैसले के बाद नई शिक्षा नीति के अनुसार शिक्षक बनने के नियमों में काफी ज्यादा बदलाव किए गए हैं. पुराने नियम के अनुसार प्राइमरी टीचर बनने के लिए 12वीं के बाद ग्रेजुएशन और फिर b.ed करना आवश्यक होता था. बी एड (बैचलर ऑफ़ एजुकेशन) एक शिक्षक प्रशिक्षण डिग्री है.
प्राइमरी टीचर बनने के लिए करना पड़ेगा यह डिप्लोमा
प्राइमरी टीचर बनने के लिए b.ed की जगह पर डीएलएड करना अनिवार्य हो गया है. डीएलएड डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन 2 साल का डिप्लोमा कोर्स है. इस कोर्स में शिक्षक की बुनियादी सिद्धांतों और कौशल सिखाए जाते हैं. सुप्रीम कोर्ट के नए फैसले और शिक्षा नीति 2020 के अनुसार प्राइमरी कक्षाओं के शिक्षक बनने के इच्छुक लोगों को बीएड की डिग्री की आवश्यकता नहीं है.
NEP 2020 के तहत नए प्रोग्राम की होगी शुरुआत
इसके अतिरिक्त नई शिक्षा नीति के अनुसार अन्य संशोधन भी किए गए हैं. दरअसल NEP 2020 के नए नियम के अनुसार वर्ष 2030 तक सभी शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों में आईटीपी (इंटीग्रेटेड टीचर्स एजुकेशन प्रोग्राम) की शुरुआत की जाएगी. आईटीपी एक 4 साल का एकीकृत कोर्स है. यह शिक्षकों को प्रारंभिक से लेकर माध्यमिक स्तर तक पढ़ने के लिए प्रशिक्षण देता है .यह बदलाव करने का एकमात्र ध्येय था कि शिक्षकों को बेहतर तरीके से शिक्षण कौशल सिखाया जाए ताकि वह बच्चों को प्रभावशाली तरीके से पढ़ाएं.
आधिकारक वेबसाइट से प्राप्त करें जानकारी
प्राइमरी शिक्षक बनने के लिए हर राज्य में अलग नियम होते हैं. इसीलिए जी भी राज्य में आप नौकरी करने के इच्छुक हैं उसके शिक्षा विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर नई जानकारी प्राप्त करें. कई राज्यों में प्राइमरी टीचर बनने के लिए अन्य योग्यताएं भी मांगी जा सकती हैं जैसे की न्यूनतम आयु, शैक्षणिक योग्यता आदि. शिक्षा नीति का लक्ष्य शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना है और इसके लिए प्राइमरी स्तर पर विशेषज्ञ शिक्षकों की आवश्यकता होगी. डीएलएड और आईटीपी जैसे कोर्स शिक्षण विभाग में कदम रखने वाले छात्रों के सर्वांगीण विकास पर जोर देने का काम करते हैं.
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