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BHU PhD : यूजीसी नेट स्कोर से होने थे दाखिले, NTA की लापरवाही से रुके

BHU PhD : एनडीए की लापरवाही से बीएचयू में इस सत्र की पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया रुक गई है . दरअसल 18 अक्टूबर को नेट जेआरएफ के परिणाम जारी होने के बाद एनडीए अब तक BHU को सफल अभ्यर्थियों का डाटा नहीं दे पाया है

By Shreya Ojha | November 5, 2024 10:05 PM
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BHU PhD : एनडीए की लापरवाही से बीएचयू में इस सत्र की पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया रुक गई है . दरअसल 18 अक्टूबर को नेट जेआरएफ के परिणाम जारी होने के बाद एनडीए अब तक BHU को सफल अभ्यर्थियों का डाटा नहीं दे पाया है, जिसके कारण BHU के परीक्षा विभाग शोध प्रवेश प्रक्रिया में सफल असफल छात्रों की पहचान करने मैं असफल है. इसके अतिरिक्त BHU परीक्षा विभाग का कहना है कि सफल अभ्यर्थियों के डाटा के लिए भी उनकी तरफ से NTA को कई पत्र भी लिखे जा चुके हैं.

नए नियम पर छात्रों ने जताया विरोध

बीएचयू में इस साल से पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया में कुछ बदलाव किए गए हैं. हर वर्ष BHU नेट जेआरएफ के अलावा रेट (रिसर्च एंट्रेंस टेस्ट) से भी प्रवेश लिया करती थी, जबकि इस साल रेट परीक्षा लेने की प्रक्रिया को समाप्त कर दिया गया है. इसीलिए इस बार से केवल यूजीसी नेट जेआरएफ की परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों को ही अवसर प्राप्त होगा. इस फैसले पर छात्रों ने निंदा करते हुए विरोध भी प्रकट किया. एनडीए की तरफ से डाटा ना मिल पाने के कारण प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने को लेकर भी शंकाएं बनी हुई है. BHU अपनी तरफ से पीएचडी बुलेटिन जारी तो कर सकता है, लेकिन प्रवेश आवेदन करने वाले छात्रों के अंक की पुष्टि नहीं हो पाएगी.

BHU के परीक्षा नियंता ने दी जानकारी

हर वर्ष की तरह यूजीसी नेट का परिणाम इस बार भी तीन वर्गों में जारी किया गया है. जिसमें नेट जेआरएफ और पीएचडी के लिए सफल श्रेणियां में छात्रों को स्थान प्राप्त हुआ है. इन तीनों के चयन की प्रक्रिया भी अलग-अलग है. इतने के बाद अब बीएचयू को सफल छात्रों के नाम, अनुक्रमांक, और अंक की सूची का इंतजार है. एनडीए को कई बार पत्र लिखकर डाटा की मांग करने की सूचना BHU के अपर परीक्षा नियंता प्रोफेसर जी पी सिंह ने दी है. उन्होंने आश्वासन देते हुए कहा है कि डेटा मिल जाने के बाद प्रक्रिया को तीव्र गति से पूरा कर लिया जाएगा.

एनटीए के कारण पहले भी हो चुका है सत्र में विलंब

BHU परीक्षा विभाग के अनुसार एनडीए से डाटा देरी से मिलने का यह कोई पहला केस नहीं है. इससे पूर्व भी 2022 और 2023 की यूजी और पीजी प्रवेश प्रक्रिया में भी सफल छात्रों का डाटा BHU को काफी विलंब के बाद मिला था. जिसके कारण 2022 में प्रवेश प्रक्रिया जनवरी और 2023 में दिसंबर के बाद पूरी हो पाई थी. इस बार पीएचडी प्रवेश परीक्षा में लापरवाही के कारण देरी हो रही है, जिसकी वजह से विद्यार्थियों का कीमती वक्त खराब हो रहा है.

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