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Success Story: बिहार की बेटी ने 29 देशों के बीच बढ़ाया भारत का मान, नैनोआर्टोग्राफी में जीता इंटरनेशनल अवार्ड

Success Story: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में भौतिकी में पीएचडी की छात्रा अदिबा को अंतर्राष्ट्रीय नैनोआर्टोग्राफी प्रतियोगिता 2024 में प्रतिष्ठित पीपुल्स च्वाइस अवार्ड से सम्मानित किया गया है.

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में भौतिकी में पीएचडी की छात्रा अदिबा को अंतर्राष्ट्रीय नैनोआर्टोग्राफी प्रतियोगिता 2024 में प्रतिष्ठित पीपुल्स च्वाइस अवार्ड से सम्मानित किया गया है. यह एक वैश्विक प्रतियोगिता है, जो संयुक्त रूप से अमेरिका के ए.जे. ड्रेक्सेल नैनोमटेरियल्स इंस्टीट्यूट, बिर्क नैनोटेक्नोलॉजी सेंटर, और पर्ड्यू विश्वविद्यालय द्वारा प्रायोजित है. शोधकर्ता ‌अदिबा के काम ने 29 देशों से आए 300 सबमिशन के साथ दुनिया भर से बड़ी संख्या में प्रतिभागियों के बीच पुरस्कार जीता है. यह उपलब्धि विज्ञान के प्रति अदिबा के समर्पण और उनकी विशेषज्ञता के क्षेत्र- भौतिकी विशेष रूप से नैनो विज्ञान और नैनो प्रौद्योगिकी में उत्कृष्ट योगदान के साथ-साथ विज्ञान के लिए उनकी दृष्टि का प्रमाण है.

फाइल फोटो
फाइल फोटो

क्या है नैनोआर्टोग्राफी ? 

नैनोआर्टोग्राफी एक अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान छवि प्रतियोगिता है, जो नैनोविज्ञान और कला को जोड़ती है. यह प्रतियोगिता सभी के लिए खुली है. नैनोआर्टोग्राफी की शुरुआत प्रोफेसर बाबक अनासोरी ने की थी और वही इसे आयोजित करते हैं. हर साल इस प्रतियोगिता में सैकड़ों प्रविष्टियां आती हैं. 20 से अधिक देशों के शोधकर्ता इसमें अपनी रिसर्च की तस्वीरें भेजते हैं, ताकि वे न केवल अपने अध्ययन को समझा सकें, बल्कि उसकी सुंदरता भी दिखा सकें.

फाइल फोटो
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पुरस्कार पाकर सम्मानित महसूस कर रही: अदिबा

अपनी जीत पर आभार और गर्व व्यक्त करते हुए, अदिबा ने कहा, “मैं यह पुरस्कार पाकर सम्मानित महसूस कर रही हूं, और मैं अपने विश्वविद्यालय, शोध मार्गदर्शकों और दोस्तों को उनके समर्थन और प्रोत्साहन के लिए धन्यवाद देना चाहती हूं. यह सम्मान मुझे नैनोमटेरियल्स और नैनोटेक्नोलॉजी के आकर्षक क्षेत्र की खोज जारी रखने के लिए प्रेरित करता है.” वही, अदिबा ने प्रभात खबर से बातचीज के दौरान ग्रीन हाइड्रोजन का भी जिक्र किया.

अदिबा ने बताया कि ग्रीन हाइड्रोजन नवीकरणीय ऊर्जा से बिजली का इस्तेमाल करके पानी को हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में बांटने से बनाया जाता है. इसे पावर-टू-एक्स भी कहा जाता है. ग्रीन हाइड्रोजन से कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन बहुत कम या शून्य होता है. ग्रीन हाइड्रोजन से भारी उद्योग को कार्बन मुक्त करने में मदद मिलती है. इससे जलवायु संकट से निपटने में मदद मिलती है.

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Prayagraj 81
अदिबा के पिता हारून रशीद खान

पिता हैं बिहार पुलिस में दरोगा

बता दें कि अदिबा के पिता हारून रशीद खान बिहार पुलिस में दरोगा हैं. वह इन दिनों सिवान जिले में तैनात हैं. अपनी बेटी की सफलता पर उन्होंने बताया कि अदिबा शुरू से ही पढ़ने में बहुत होशियार रही हैं और उन्होंने अब देश के लिए यह पुरस्कार जीतकर न सिर्फ घर का बल्कि देश का सर्व गर्व से ऊंचा किया है.

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