Bihar Success Story: आम तौर पर ऐसा देखा जाता है कि जिन बच्चों ने अपने जीवन में तकलीफ या संघर्ष का सामना किया होता है, वो अक्सर काफी आगे जाते हैं. ऐसे बच्चे अपने माता पिता के तकलीफ को समझते हैं और पूरी लग्न से मेहनत करते हैं ताकि वे अपनी घर की स्थिति को सुधार सकें. आज हम आपको बताएंगे ऐसी ही एक कहानी बिहार के बांका जिले के चांदन बाजार के रहने वाले लक्ष्मण वर्णवाल और गीता देवी की बेटियों की. इस दंपत्ति की दो बेटियां हैं, बड़ी का नाम मालती कुमारी और छोटी बेटी का नाम भर्ती कुमारी, दोनों ही बहनों ने अपने पिता के संघर्ष को समझा और अपने पढ़ाई के प्रति इतनी मेहनत की कि आज दोनों ही बैंक में ऑफिसर हैं.
माता-पिता ने किया खूब संघर्ष
बता दें, कि लक्ष्मण वर्णवाल के घर की आर्थिक स्थिति बिल्कुल ठीक नहीं थी, उनके लिया उनकी दोनों बेटियों को पढ़ा पाना काफी मुश्किल था लेकिन फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी, वे बाहर जाकर लोगों के कपड़ों की सिलाई का काम करते थे और इधर उनकी पत्नी ने भी घर में सिलाई का काम करने लगी. दोनों ने एक साथ मिलकर अपनी बेटियों को पढ़ाया और पढ़ाई के मामले में उन्हें कभी भी किसी प्रकार की कमी नहीं होने दी.
बड़ी बहन ने पहले हासिल की नौकरी
लक्ष्मण वर्णवाल की बड़ी बेटी मालती कुमारी ने सबसे पहले बैंक में नौकरी प्राप्त की. उनकी नौकरी लगते ही उनके घर की स्थिति ठीक होने लगी, उनकी कमाई से उन्होंने अपनी छोटी बहन को पढ़ाई में मदद की और उसे भी बैंकिंग की तैयारी करवाई. इसके बाद अगले ही साल के प्रयास में छोटी बहन भारती ने भी नौकरी हासिल कर ली. वर्तमान में दोनों ही बहनें बैंक में ऑफिसर हैं, बड़ी बहन मालती पटना में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में चीफ मैनेजर हैं वहीं छोटी बहन भारती आईडीबीआई बैंक मुंबई में ब्रांच मैनेजर हैं. दोनों बहनों की कहानी पूरे बांका जिले सहित पूरे बिहार के लिए गर्व का पात्र है.
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